OSI Model in Hindi – OSI Model क्या है और कैसे कार्य करता है? इसके 7 Layers

OSI Model in Hindi: OSI Model एक नेटवर्क कम्यूनिकेशन की प्रक्रिया को समझाने के लिए एक standard specification है जिसे आर्गेनाइजेशन और नेटवर्क प्रोफेशनल द्वारा उपयोग किया जाता है। यह मॉडल 7 विभिन्न लेयर में विभाजित है, जिन्हें “लेयर्स ” कहा जाता है, और प्रत्येक लेयर नेटवर्क कम्यूनिकेशन के एक विशेष पहलू को प्रतिनिधित करता है।

OSI Model क्या है? (OSI Model in Hindi)

OSI (Open Systems Interconnection) Model एक network computing model है जिसे Internet protocol को समझने और इंटरकनेक्ट करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

इस मॉडल का उद्देश्य विभिन्न नेटवर्क डिवाइस और एप्लीकेशन के बीच डेटा के संचालन को सरलता से समझाना है। OSI मॉडल को सात लेयरों में विभाजित किया गया है, जिनमें हर लेयर का अपना काम होता है और नेटवर्क के विभिन्न पहलुओं को मैनेज करता है।

OSI Model full form in Hindi

OSI मॉडल का पूरा नाम “ओपन सिस्टम्स इंटरकनेक्शन मॉडल” होता है। इसे 7 लेयर में विभाजित किया गया है.

ओएसआई मॉडल किसने बनाया?

ओएसआई मॉडल (OSI Model) का विकास इंटरनेट और नेटवर्क कम्यूनिकेशन के क्षेत्र में मान्यता प्राप्त करने के लिए ISO (International Organization for Standardization) ने किया था।

इस OSI Model का विकास कई विभिन्न विशेषज्ञों और नेटवर्क इंजीनियरों द्वारा किया गया था, लेकिन इसकी मान्यता ISO द्वारा हुई थी। यह OSI Model नेटवर्क कम्यूनिकेशन को व्यवस्थित और स्टैंडर्डाइज़ करने के उद्देश्य से विकसित किया गया था।

OSI Model का महत्व

OSI Model का अध्ययन करना महत्वपूर्ण है क्योंकि यह नेटवर्क कंप्यूटिंग के विभिन्न पहलुओं को समझने में मदद करता है और इसका प्रयोग network design और administration में किया जा सकता है। यह network computing के क्षेत्र में विशेषज्ञता प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण है और वेबसाइट के लिए भी उपयोगी हो सकता है।

OSI Model Layers in Hindi । OSI Model के 7 Layer

ओएसआई मॉडल (OSI Model) को 7 Layers में विभाजित किया गया है, और हर Layers नेटवर्क कम्यूनिकेशन के एक विशेष कार्य को प्रतिनिधित करती है।

1.Physical Layer

  • इस Layer का मुख्य कार्य नेटवर्क हार्डवेयर के साथ बातचीत(कमुनिकशन) को संचालित करना है, जैसे कि cables, hubs, और switches।
  • यह डेटा को bytes में ट्रांसमिट करता है।
  • इस Layer में डेटा के फिजिकल ट्रांसमिशन, सिग्नलिंग, और फिजिकल मीडिय पर काम किया जाता है।

2.Data Link Layer

  • इस Layer का कार्य डेटा को नेटवर्क हार्डवेयर के साथ संवाद के रूप में प्रेषित(transmit) करना है।
  • यह error detection और correction की प्रक्रिया को संचालित करता है ताकि डेटा के हानिकारक प्रिंटिंग को रोका जा सके।

3.Network Layer

  • इस Layer का मुख्य काम डेटा पैकेट्स को नेटवर्क में पहुँचाना है और रूटिंग को मैनेज करना है।
  • यह डेटा को सही दिशा में रूट करता है ताकि वह अपने लक्ष्य तक पहुँच सके।

4.Transport Layer

  • इस Layer का काम डेटा के ट्रांसपोर्ट और डिलीवरी की गारंटी देना है, और डेटा के flow को control करना है।
  • यह डेटा को सेगमेंट में विभाजित करता है और port number के माध्यम से उसे सही application तक पहुँचाता है।

5.Session Layer

  • इस Layer का काम डेटा एक्सचेंज की integrity और सेशन कंट्रोल को मैनेज करना है।
  • यह integrity और डेटा के सत्र को मैनेज करता है, जैसे कि सेशन की शुरुआत और समापन।

6.Presentation Layer

  • इस Layer का काम डेटा को सुरक्षित और सही फॉर्मेट में प्रस्तुत करना है।
  • यह डेटा को एनक्रिप्ट करने, डिक्रिप्ट करने, और फॉर्मेट करने के प्रक्रियाओं को मैनेज करता है।

7.Application Layer

  • इस Layer के माध्यम से यूजर फाइल को एक्सेस कर सकता है और फाइल को रिट्रीव भी कर सकता है।
  • इस Layer के माध्यम से हम डायरेक्टरी को आसानी से एक्सेस कर सकता है।

OSI Model कैसे कार्य करता है?

OSI (Open Systems Interconnection) Model के माध्यम से डेटा को संचालित करने की प्रक्रिया विभिन्न layer में होती है, और हर लेयर अपने विशेष कार्यों के लिए जिम्मेदार होता है। ओएसआई मॉडल के अंदर डेटा कैसे बहता(ट्रांसफर) है:

Physical Layer : इस लेयर पर, डेटा को बिट्स (0s और 1s) के रूप में बदला जाता है ताकि यह फिजिकल मीडिया पर ट्रांसमिट किया जा सके, जैसे कि एक केबल या वायरलेस सिग्नल.

Data Link Layer : इस लेयर पर, भेजे गए बिट्स को डेटा पैकेट्स में विभाजित किया जाता है और उन्हें एक transmission system (जैसे कि एक स्विच या ब्रिज) के माध्यम से प्राप्तकर्ता तक पहुंचाने का काम होता है।

Network Layer : इस लेयर पर, पैकेट्स को विभिन्न नेटवर्क्स के बीच forward किया जाता है। यह लेयर रूटिंग का काम करती है, जिससे पैकेट्स का सही मार्ग पाया जा सकता है।

Transport Layer: इस लेयर पर, डेटा को स्रोत और प्राप्तकर्ता द्वारा साक्षर(processed) करने का काम होता है, और transmission की स्थिति को नियंत्रित करने के लिए ट्रांसमिशन कंट्रोल प्रोटोकॉल (TCP) का उपयोग किया जा सकता है।

Session Layer : इस लेयर पर, सत्र(sessions) के रूप में डेटा को संचालित किया जाता है, और सत्र की स्थापना, प्रबंधन, और समापन का काम होता है।

Presentation Layer : इस लेयर पर, डेटा को अलग फॉर्मेट में प्रस्तुत किया जाता है ताकि दो सिस्टम के बीच इंटरऑपरेबिलिटी हो सके।

Application Layer: इस लेयर पर, यूजर के अनुप्रयोगों जैसे कि वेब ब्राउज़िंग, ईमेल, और फ़ाइल स्वागत के अपने विशेष आवश्यकताओं के अनुसार डेटा का import और export किया जाता है।

यदि आप डेटा को एक से दूसरे नेटवर्क में भेज रहे हैं, तो यह प्रोसेस नेटवर्किंग के ओएसआई मॉडल के अनुसार होती है, जिसमें नेटवर्क के विभिन्न authorities और लेयरों के माध्यम से डेटा को संचालित किया जाता है।

SYN किस OSI लेयर पर चलता है?

SYN पैकेट, TCP/IP protocol stack का हिस्सा है और यह TCP (Transmission Control Protocol) के तहत काम करता है, जो OSI model के दुसरे और तीसरे लेयर पर (यानी डेटा लिंक लेयर और नेटवर्क लेयर) चलता है।

SYN (Synchronize) पैकेट, TCP कनेक्शन की स्थापना करने के लिए उपयोग किया जाता है और यह तीन हाथ (थ्री-वे हैंडशेक) हैंडशेक प्रक्रिया का पहला हिस्सा होता है, जो कनेक्शन स्थापित करते समय होता है।

इस प्रक्रिया में:

  1. क्लाइंट SYN packet को server को भेजता है।
  2. server SYN-ACK पैकेट के साथ उत्तर देता है, जो एक replacement signal होता है।
  3. क्लाइंट फिर ACK (Acknowledge) पैकेट के साथ उत्तर देता है, जिससे connection स्थापित हो जाता है।
  4. इसके बाद, data transfer की प्रक्रिया शुरू होती है। SYN packet और handshake प्रक्रिया data link layer और network layer के स्तर पर होती हैं, जो OSI model के दुसरे और तीसरे लेयर को कवर करते हैं।

ओएसआई मॉडल की आवश्यकता क्यों है?

OSI (Open Systems Interconnection) model की आवश्यकता उन लोगों और संगठनों(organizations) के लिए है जो computer networking को समझना, विकसित करना, और मैनेज करना चाहते हैं। यह मॉडल networking protocol की विशेषज्ञता को वर्णन करने में मदद करता है और नेटवर्किंग की विभिन्न पहलुओं को स्पष्टीकरण करता है।

आईएसओ का नाम बदलकर ओएसआई क्यों किया गया?

आईएसओ (ISO) का नाम बदलकर ओएसआई (OSI) क्यों किया गया, इसका मुख्य कारण एक गलतफहमी की ओर से है जो की व्यापारिक(commercial) और सांचालिक(operational) प्रयोग के स्थानीय संगठन के बीच काम करते समय हुई।

ISO का मतलब होता है “International Organization for Standardization” (अंतरराष्ट्रीय मानकीकरण संगठन) और इसका मुख्य उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय मानकों(international standard) की डेवेलोप और प्रमोट करना है। इसका कार्यक्षेत्र विभिन्न अनुशासनों में मानक तैयार करना है, जिसमें उद्योग, विज्ञान, और प्रौद्योगिकी शामिल हैं।

विरोधी पक्ष से, OSI (Open Systems Interconnection) एक संगठन(organization) नहीं है, बल्कि यह एक मॉडल है जो कंप्यूटर नेटवर्किंग में विभिन्न लेयरों का वर्णन करता है जो operational और application protocol का संघटित रूप से उपयोग करते हैं।

इसलिए, किसी भी अद्वितीय(unique) या स्थानीय(local) संगठन के बीच एक सामान्य समझ निर्मित करने के लिए OSI मॉडल का उपयोग किया जाता है, जो कंप्यूटर नेटवर्किंग के क्षेत्र में मानकों को स्पष्टीकरण करने में मदद करता है।

कुल मिलाकर, ISO और OSI दो अलग-अलग संगठन हैं, और उनके उद्देश्य और कार्यक्षेत्र भिन्न हैं। “ISO” का नाम OSI मॉडल को संदर्भित करने के लिए नहीं बदला गया है।

OSI मॉडल में OS कहाँ बैठता है?

OSI (Open Systems Interconnection) मॉडल में, “OS” का मतलब “Operating System” नहीं होता है, बल्कि यह मॉडल नेटवर्किंग प्रोटोकॉल्स की एक प्रक्रिया को समझने और वर्णन करने के लिए बनाया गया है। OSI मॉडल में, सभी protocols और विशेषज्ञता विभिन्न लेयरों पर होती हैं, और वे नेटवर्क कम्पोनेंट्स के बीच संचालन करने के लिए जिम्मेदार होते हैं।

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FAQs: OSI Model in Hindi

Q.टीसीपी आईपी या ओएसआई कौन सा बेहतर है?

TCP/IP और OSI दोनों ही networking model हैं और उनका उपयोग विभिन्न प्रकार की नेटवर्क विकास और प्रबंधन के लिए किया जा सकता है, लेकिन दोनों के बीच थोड़े भिन्नताएँ हैं। इनमें से कौनसा “बेहतर” है, यह आपकी विशेष आवश्यकताओं और उद्देश्यों पर निर्भर करता है।

Q.इंटरनेट में OSI का उपयोग क्यों नहीं किया जाता है?

ओएसआई (OSI) मॉडल का उपयोग इंटरनेट पर नेटवर्किंग के लिए सीधे रूप से नहीं किया जाता है, और इसके पीछे कई कारण हैं:

  • TCP/IP का उपयोग
  • आम भाषा
  • सार्वजनिक प्रयोगिता
  • इंटरनेट का विकास
  • सरलता

Q.ओएसआई मॉडल की पांचवी परत क्या है?

ओएसआई (OSI) मॉडल की पांचवी परत “Session Layer” (सेशन लेयर) होती है।

Q.OSI मॉडल क्या है?

ओएसआई मॉडल एक conceptual framework है जिसका उपयोग यह समझने और वर्णन करने के लिए किया जाता है कि विभिन्न networking protocol और technologies एक नेटवर्क में कैसे इंटरैक्ट करती हैं। इसमें सात लेयर होती हैं, जिनमें से प्रत्येक में विशिष्ट कार्य और जिम्मेदारियां होती हैं।

Q.OSI मॉडल की 7 Layer क्या हैं?

  1. Application Layer
  2. Presentation Layer
  3. Session Layer
  4. Transport Layer
  5. Network Layer
  6. Data Link Layer
  7. Physical Layer

Q.OSI मॉडल का उद्देश्य क्या है?

OSI मॉडल network communication पर चर्चा करने और समझने का एक मानकीकृत तरीका प्रदान करता है। यह प्रक्रिया को प्रबंधनीय परतों में तोड़कर नेटवर्क को डिजाइन करने, लागू करने और समस्या निवारण में मदद करता है।

Q.OSI model के माध्यम से डेटा कैसे प्रवाहित होता है?

OSI model के माध्यम से डेटा ट्रांसमिशन के दौरान शीर्ष परत (application layer) से निचली परत (physical layer) तक और रिसेप्शन के दौरान निचली परत से शीर्ष परत तक प्रवाहित होता है। प्रत्येक परत विशिष्ट जानकारी जोड़ती या हटाती है क्योंकि डेटा इसके माध्यम से गुजरता है।

Q.OSI और TCP/IP model के बीच क्या अंतर है?

ओएसआई मॉडल एक conceptual framework है, जबकि टीसीपी/आईपी मॉडल वास्तविक इंटरनेट में उपयोग किया जाने वाला एक practical implementation है। टीसीपी/आईपी मॉडल कुछ ओएसआई परतों को जोड़ता है और इसमें कम परतें होती हैं (ओएसआई में सात की तुलना में टीसीपी/आईपी में चार)।

Q.OSI मॉडल में ट्रांसपोर्ट लेयर की क्या भूमिका है?

ट्रांसपोर्ट लेयर एंड-टू-एंड कम्युनिकेशन और डेटा integrity के लिए जिम्मेदार है। यह सुनिश्चित करता है कि डेटा को गंतव्य पर ठीक से विभाजित, प्रसारित और पुन: संयोजित किया गया है। टीसीपी और यूडीपी जैसे प्रोटोकॉल इसी परत पर काम करते हैं।

Q.क्या आप प्रत्येक OSI layer के लिए प्रोटोकॉल का उदाहरण दे सकते हैं?

  1. Application Layer: HTTP, FTP, SMTP
  2. Presentation Layer: SSL/TLS, JPEG, GIF
  3. Session Layer: NetBIOS, RPC, PPTP
  4. Transport Layer: TCP, UDP, SCTP
  5. Network Layer: IP, ICMP, OSPF
  6. Data Link Layer: Ethernet, Wi-Fi, PPP
  7. Physical Layer: Ethernet cables, optical fibers, wireless signal

Q.क्या वास्तविक दुनिया के ऐसे डिवाइस हैं जो प्रत्येक OSI layer के अनुरूप हैं?

हाँ, प्रत्येक OSI परत से जुड़े उपकरण और प्रौद्योगिकियाँ हैं, जैसे राउटर और स्विच (नेटवर्क लेयर ), नेटवर्क इंटरफ़ेस कार्ड (डेटा लिंक लेयर), और नेटवर्क केबल (फिजिकल लेयर)

निष्कर्ष

OSI Model in Hindi: उम्मीद है की आपको यह आर्टिकल अच्छे से समझा होगा ,इसलिए आर्टिकल में मैंने OSI Model Layers in Hindi से लेकर हर एक जानकारी को कवर करने का प्रयाश किया है।

यदि मुझसे OSI Model in Hindi – OSI Model क्या है और कैसे कार्य करता है? से जुड़े कोई भी महत्वपूर्ण बातें को बताना भूल गया हु तो प्लीज कमेंट बॉक्स में जरुरी लिखिए मैं अपने तरफ से आपको सही उत्तर देने का प्रयाश करूँगा।

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