Transitive Dependency क्या है?
Transitive Dependency in DBMS in Hindi: Transitive Dependency डेटाबेस डिज़ाइन में एक महत्वपूर्ण concept है, जो डेटाबेस के संदर्भ में डेटा की संरचना और टेबल के बीच के रिश्तों को समझने में मदद करती है।
Transitive Dependency का मतलब होता है कि एक टेबल के किसी कॉलम का मूल्य या डेटा किसी दूसरे कॉलम के मूल्य या डेटा पर निर्भर होता है, लेकिन वह निर्भरता एक तिसरे कॉलम के मूल्य या डेटा के साथ आता है, जो टेबल में मौजूद होता है।
Transitive Dependency के उदाहरण के रूप में, एक डेटाबेस में “ग्राहक” टेबल हो सकता है, जिसमें “ग्राहक ID,” “नाम,” और “शहर” कॉलम होते हैं। अगर हम कहें कि “शहर” कॉलम “राज्य” टेबल के “राज्य नाम” कॉलम के साथ जुड़ा हुआ है, तो यह एक Transitive Dependency का उदाहरण हो सकता है।
यह यूजर को ग्राहकों के नाम और उनके शहर के बजाय ग्राहकों के नाम और उनके राज्य को प्राप्त करने की अनुमति देता है, लेकिन शहर और राज्य के बीच एक Transitive Dependency है क्योंकि शहर और राज्य के बीच भी संबंध है।
Transitive Dependency को डेटाबेस डिज़ाइन में दूर करने के लिए एक नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जा सकता है, जिसमें डेटा को टेबल में विभिन्न रूपों में विभाजित किया जाता है ताकि Transitive Dependency न हो।
Transitive Dependency के उदाहरण
चलिए एक उदाहरण के साथ Transitive Dependency को देखें, जिसमें एक टेबल के कॉलम का मूल्य दूसरे टेबल के कॉलम के मूल्य पर निर्भर होता है:
विचार करें कि हमारे पास दो टेबल हैं – “स्टूडेंट्स” और “कोर्सेस.” निम्नलिखित हैं उनकी संरचनाएँ:
स्टूडेंट्स (Students) टेबल :
स्टूडेंट ID | नाम | कोर्स ID |
---|---|---|
1 | आश्विन | 101 |
2 | सुमिता | 102 |
3 | विनीत | 101 |
4 | रितिका | 103 |
कोर्सेस (Courses) टेबल :
कोर्स ID | कोर्स नाम | कोर्स टीचर |
---|---|---|
101 | मैथमेटिक्स | श्री आनंद |
102 | विज्ञान | श्रीमती दिव्या |
103 | इतिहास | श्री राजेश |
इसके आधार पर, “स्टूडेंट्स” टेबल के “कोर्स ID” कॉलम का मूल्य “कोर्सेस” टेबल के “कोर्स ID” कॉलम के मूल्य पर निर्भर है। यहां, “कोर्स ID” कॉलम एक Transitive Dependency का प्रतीक है, क्योंकि इसका मूल्य “कोर्सेस” तालिके के “कोर्स नाम” कॉलम के साथ आता है, जो दुसरे टेबल के साथ संबंधित है।
Transitive Dependency को हटाने के लिए, हम एक अलग टेबल, जैसे कि “कोर्स इन्फो (Course Info)” टेबल बना सकते हैं, जिसमें “कोर्स ID” के साथ “कोर्स नाम” और “कोर्स टीचर” कॉलम होते हैं। इससे हम एक संघटित डेटाबेस डिज़ाइन प्राप्त कर सकते हैं जिसमें Transitive Dependency नहीं होता है।
कोर्स इन्फो (Course Info) टेबल :
कोर्स ID | कोर्स नाम | कोर्स टीचर |
---|---|---|
101 | मैथमेटिक्स | श्री आनंद |
102 | विज्ञान | श्रीमती दिव्या |
103 |
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Transitive Dependency क्यों महत्वपूर्ण है ?
Transitive Dependency डेटाबेस डिज़ाइन में महत्वपूर्ण है क्योंकि यह डेटाबेस की संरचना को सुधारने और डेटा की संगठनता में मदद करता है, जिससे डेटा को बेहतर तरीके से प्रबंधित किया जा सकता है। निम्नलिखित कुछ कारण हैं जिनके कारण Transitive Dependency महत्वपूर्ण है:
Transitive Dependency को हटाने के लिए नॉर्मलाइजेशन प्रक्रिया का उपयोग किया जाता है, जिससे डेटाबेस की संरचना में सुधार होता है। यह सामग्री को विभिन्न टेबल में संरचित करने में मदद करता है और डेटाबेस को साफ और संगठित बनाता है।
Transitive Dependency को हटाने से डेटा के अनायान्वयिकता को रोका जा सकता है। यह मतलब होता है कि डेटा के मूल्य का पता लगाने के लिए अत्यधिक कई टेबल की आवश्यकता नहीं होती है, और इससे डेटा में डुप्लिकेटेड या असंगठित जानकारी की समस्या को रोका जा सकता है।
सारंश में, Transitive Dependency को हटाने से database structure को सुधारा जा सकता है, डेटा को संगठित किया जा सकता है, और query performance को सुधारा जा सकता है, जिससे डेटा के संबंधों को समझने और प्रबंधने में मदद मिलती है।