DBMS क्या होता है?
Keys in DBMS in Hindi: DBMS (Database Management System) एक software होता है जो डेटाबेस को create, maintain, update, और retrieve करने के लिए डिज़ाइन किया गया होता है। DBMS डेटाबेस को संरचित रूप से स्टोर करने और उसका मैनेज करने की क्षमता प्रदान करता है, जिससे यूजर डेटा को आसानी से एक्सेस कर सकते हैं।
DBMS में Keys होता है?
DBMS (Database Management System) में कई प्रकार के keys होते हैं जो डेटाबेस में डेटा को व्यवस्थित रूप से प्रबंधित करने में मदद करते हैं।
- Primary Key
- Foreign Key
- Composite Key
- Candidate Key
- Super Key
Keys in DBMS in Hindi। DBMS में कितने Keys होते है?
- Primary Key
- Foreign Key
- Composite Key
- Candidate Key
- Super Key
1.Primary Key in Hindi
DBMS (Database Management System) में “Primary Key” होता है। Primary Key एक database table में एक unique और identifying field का सेट होता है, जिसका उपयोग डेटाबेस में हर रिकॉर्ड को नए रूप से पहचानने के लिए किया जाता है।
Primary Key का उपयोग data validity और data integrity को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है। यह सुनिश्चित करने में मदद करता है कि कोई भी रिकॉर्ड डेटाबेस में केवल एक बार ही मौजूद होता है और कोई भी डेटा इंटेग्रिटी की समस्या नहीं उत्पन्न होती है।
इसके अलावा, Primary Key का उपयोग डेटाबेस टेबलों के रिकॉर्ड्स को देखने, अपडेट करने, और डेटा को खोजने में भी किया जा सकता है, जिससे डेटा के साथ काम करने में सुविधा होती है।
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2.Foreign Key in Hindi
“Foreign Key” एक DBMS (Database Management System) में एक महत्वपूर्ण instantiation है जो रिलेशनल डेटाबेस डिज़ाइन में उपयोग होती है। Foreign Key एक instantiation होती है जो एक डेटाबेस टेबल में external table के primary key को संदर्भित करती है। इसका मुख्य उद्देश्य डेटा के अच्छे तरीके से संबंधितता और रिफरेंस की स्थापना करना है।
कुछ मुख्य बिंदुएँ जो Foreign Key के साथ जुड़ी होती हैं:
Referenced Table: Foreign Key एक डेटाबेस टेबल की फ़ील्ड होती है जो किसी अन्य डेटाबेस टेबल के primary key को संदर्भित करती है।
Referencing Table: Foreign Key कोई दूसरी डेटाबेस टेबल होती है जिसमें Foreign Key का उपयोग किया जाता है। यह टेबल डेटा को जोड़ने और रिलेशनशिप बनाने में मदद करती है।
Referencing Column: Foreign Key फ़ील्ड जिसमें रिफरेंस की जाने वाली primary key के फ़ील्ड के मान होते हैं, उसे referencing column कहा जाता है।
Referenced Column: primary key के फ़ील्ड को जिस फ़ील्ड से संदर्भित किया जाता है, उसे referenced column कहा जाता है।
Foreign Key का उपयोग विभिन्न टेबलों के बीच रिलेशनशिप बनाने और डेटा को संबंधितता के साथ मैनेज करने के लिए किया जाता है। यह बनाने में मदद करता है और सुनिश्चित करता है कि डेटा कलेक्शन का सही और नियमित तरीके से किया जा रहा है।
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3.Composite Key in Hindi
“Composite Key” एक DBMS (Database Management System) में एक प्रकार की Primary Key होती है, जिसमें एक डेटाबेस टेबल के रिकॉर्ड को पहचानने के लिए एक से अधिक फ़ील्ड का संयोजन होता है। यह की जाने वाली फ़ील्डों का संयोजन होता है जिससे रिकॉर्ड को यूनिक रूप से पहचाना जा सकता है।
composite key का उपयोग तब किया जाता है जब केवल एक ही फ़ील्ड से नहीं, बल्कि एक समूह के फ़ील्डों के संयोजन से ही रिकॉर्ड को पहचाना जाता है।
इसका उपयोग जब आवश्यक होता है कि डेटाबेस में रिकॉर्ड को यूनिकता दी जाए, लेकिन केवल एक ही फ़ील्ड के माध्यम से यह करना संभाव नहीं होता, किसी विशिष्ट संयोजन के साथ किया जाता है।
यदि हम एक उदाहरण की बात करें, तो एक composite key एक शादीशुदा जोड़े की जानकारी को प्रदान कर सकती है, जहां शादीशुदा के नाम और पति/पत्नी के नाम का संयोजन उनको पहचानने के लिए किया जाता है।
composite key का उपयोग डेटाबेस में डेटा की यूनिकता और संबंधितता को सुनिश्चित करने के लिए किया जाता है और इससे डेटा संग्रहण को सटीक बनाया जा सकता है।
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4.Candidate Key in Hindi
“Candidate Key” डेटाबेस में एक प्रकार की Primary Key होती है जो डेटाबेस टेबल के रिकॉर्ड्स को पहचानने के लिए उपयोग किया जा सकता है। Candidate key का उपयोग इसलिए किया जाता है क्योंकि डेटाबेस में विभिन्न फ़ील्डों के संयोजनों से रिकॉर्ड को पहचानने की संभावना होती है, और इनमें से कोई भी Candidate key बना सकता है।
Candidate key की खास बातें:
Uniqueness: candidate key हर रिकॉर्ड को यूनिक रूप से पहचानने की योग्यता रखती है, यानी हर कैंडिडेट की मूल फ़ील्ड के संयोजन से किसी भी रिकॉर्ड को विशिष्ट रूप से पहचान सकता है।
Relatedness: candidate key डेटाबेस टेबल के अन्य टेबलों में रिफरेंस की जा सकती है, जिससे रिलेशनशिप बनाने में मदद करती है।
Ease: candidate key का उपयोग डेटाबेस में डेटा को खोजने, अपडेट करने, और डिलीट करने में सुविधा प्रदान करता है, क्योंकि यह हर रिकॉर्ड को यूनिक रूप से पहचानने में मदद करता है।
Candidate key बनाने की प्रक्रिया: candidate key बनाने के लिए विभिन्न फ़ील्डों के संयोजनों का चयन किया जा सकता है, जो डेटाबेस डिज़ाइन के प्राथमिक चरण में किया जाता है।
candidate key का उपयोग डेटाबेस में डेटा की वैधता, संबंधितता, और सहजता को सुनिश्चित करने में किया जाता है, और इससे डेटा का संग्रहण संरचित तरीके से किया जा सकता है।
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5.Super Key in Hindi
“Super Key” डेटाबेस में एक प्रकार की यूनिक या Primary Key होती है, जिसमें एक या एक से अधिक फ़ील्ड का जोड़ा जाता है। Super Key हर रिकॉर्ड को पहचानने के लिए उपयोग की जा सकती है, और इसका मुख्य उद्देश्य डेटाबेस में रिकॉर्ड को विशिष्ट तरीके से पहचानना है, लेकिन यह यूनिकता की आवश्यकता नहीं होती है।
सुपर की की खासियतें:
यूनिकता नहीं आवश्यक: Super Key एक या एक से अधिक फ़ील्ड के संयोजन से बनती है, लेकिन यह किसी भी रिकॉर्ड को यूनिक रूप से पहचानने की जरूरत नहीं होती है।
कंबाइनेशन ऑफ फ़ील्ड्स: Super Key फ़ील्डों के कंबाइनेशन का सेट होती है, जिससे रिकॉर्ड को पहचाना जा सकता है। इसमें एक या एक से अधिक फ़ील्ड हो सकते हैं, और उन्हें जोड़कर बनाया जाता है।
Super Key बनाने की प्रक्रिया: Super Key कैसे बनाई जाती है, यह डेटाबेस डिज़ाइन के पहले चरण में तय किया जा सकता है।
Super Key का उपयोग डेटाबेस में डेटा की खोज, अपडेट, और डिलीट करने में सुविधा प्रदान करता है, लेकिन यह यूनिकता की आवश्यकता नहीं होती है। इसका उपयोग डेटाबेस मैनेजमेंट में डेटा की संबंधितता(relatedness) को प्रदर्शित करने में भी किया जा सकता है।
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निष्कर्ष : Keys in DBMS in Hindi
Keys in DBMS in Hindi: उम्मीद है इस आर्टिकल से आपको बहुत कुछ सिखने को मिला होगा। यदि आपको Keys in DBMS in Hindi के बारे में और अधिक जानकारी चाहिए तो कृपया कमेंट बॉक्स में जरूर लिखे।