Trading में Stop Loss Kaise Lagaye? उदाहरण सहित

स्टॉप लॉस क्या होता है?

Stop Loss एक financial trading और investing strategy है जिसका उद्देश्य नुकसान को कम करना है, जब किसी स्टॉक, सुरक्षा या निवेश की मूल मूल्य में एक निम्न सीमा तक की कमी होती है। यह निवेशकों द्वारा अपनी निवेश संपत्ति को सुरक्षित रखने का एक तरीका हो सकता है, क्योंकि यह नुकसान को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।

स्टॉप लॉस की जानकारी निम्नलिखित तरीकों से उपयोग की जाती है:

Fixed Price Stop Loss: इसमें निवेशक एक निर्दिष्ट मूल्य पर स्टॉक या सिक्योरिटी को खरीदने के साथ ही उसके नुकसान की सीमा भी सेट करते हैं। यदि मूल्य उस सीमा के नीचे जाता है, तो ऑर्डर खुद से lower price पर स्टॉक को बेच देता है।

Trailing Stop Loss: इसमें स्टॉक की मूल मूल्य के साथ साथ एक निश्चित प्रतिशत की वृद्धि की सीमा भी होती है। यदि स्टॉक की मूल्य ऊपर बढ़ती है, तो स्टॉप लॉस भी ऊपर बढ़ता है, लेकिन यदि मूल्य नीचे जाता है।

स्टॉप लॉस का उपयोग फाइनेंसियल मार्केट में बचत और नुकसान को नियंत्रित करने के लिए किया जाता है और निवेशकों को अपनी निवेश की सुरक्षा बढ़ाने में मदद कर सकता है।

Trading में Stop Loss Kaise Lagaye?

ट्रेडिंग में स्टॉप लॉस लगाने के लिए आपको निम्नलिखित स्टेप्स का पालन करना होता है:

1.Stock या Security को चुने: सबसे पहला कदम है वह स्टॉक या सिक्योरिटी का चयन करना जिसमें आप निवेश करना चाहते हैं। यह आपके वित्तीय लक्ष्यों और निवेश की रणनीति के आधार पर होना चाहिए।

2.Stop Loss Level का निर्धारण: आपको यह तय करना होगा कि आपके Stop Loss Level कितनी होगी, यानी कि स्टॉक की मूल्य जब आपके स्टॉप लॉस को ट्रिगर करेगी। आप इस Level को तय करते समय अपनी रिस्क टॉलरेंस, निवेश के लक्ष्य के आधार पर निर्धारित कर सकते हैं।

3.ऑर्डर प्लेस करें: ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर जाकर आपको अपने खरीदी गई स्टॉक या security के लिए स्टॉप लॉस ऑर्डर प्लेस करना होगा। आपको ट्रेडिंग प्लेटफार्म पर स्टॉप लॉस ऑर्डर लगाने के विभिन्न विकल्प दिए जाते हैं, जैसे कि “Market Order” or “Limit Order”।

4.Market Order: इस ऑर्डर में, आप अगर स्टॉक की मूल्य अपने स्टॉप लॉस स्तर पर पहुंचती है, तो वो स्टॉक या सुरक्षा तुरंत बेची जाती है।

5.Limit Order: इस ऑर्डर में, आप निर्धारित level पर ही stock या security को बेचने के लिए आदेश देते हैं। यदि मार्केट में स्टॉक की मूल्य आपके स्टॉप लॉस स्तर पर पहुंचती है, तो आपका ऑर्डर ट्रिगर हो जाता है और स्टॉक को बेच देता है।

6.Stop Loss Order Status देखें: आपके लगाए गए स्टॉप लॉस ऑर्डर की स्थिति को नियमित रूप से मॉनिटर करते रहना चाहिए। यदि आपके स्टॉप लॉस लेवल को ट्रिगर किया जाता है, तो आपका आर्डर मार्केट में आपके लिए स्वच्छंदता से स्टॉक को बेच देगा।

स्टॉप लॉस आपके निवेश को सुरक्षित रखने में मदद कर सकता है, लेकिन आपको सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि यह नुकसान को नियंत्रित करने के लिए होता है।

स्टॉप लॉस क्या है उदाहरण सहित?

स्टॉप लॉस एक financial trading strategy है जिसका उद्देश्य investors को अपने निवेश में होने वाले पोटेंशियल नुकसान से बचाना है। यह ट्रेडर्स और निवेशकों को अपने निवेशों को सुरक्षित रखने का एक तरीका प्रदान करता है।

यहां एक स्टॉप लॉस के साथ एक उदाहरण है:

उदाहरण: एक investor ने एक कंपनी के स्टॉक को $50 प्रति स्टॉक पर खरीदा है। वह चाहता है कि वह अपने निवेश को सुरक्षित रखें, लेकिन उसकी रिस्क टॉलरेंस नुकसान को $5 प्रति स्टॉक तक ही होने देती है।

इस स्थिति में, वह स्टॉप लॉस ऑर्डर लगा सकता है, जिसमें वह निम्नलिखित प्राथमिकता सेट करता है:

  • स्टॉक का मूल्य: $50 प्रति स्टॉक
  • स्टॉप लॉस लेवल: $45 प्रति स्टॉक

इसका मतलब है कि यदि स्टॉक की मूल्य $45 प्रति स्टॉक पर पहुंचती है, तो स्टॉप लॉस ऑर्डर स्वच्छंदता से कम मूल्य पर स्टॉक को बेच देगा। इससे वह अपने नुकसान को $5 प्रति स्टॉक तक ही सीमित रखेगा, जैसा कि उसकी रिस्क टॉलरेंस थी।

इस तरह, स्टॉप लॉस निवेशक को अपने निवेश को सुरक्षित रखने में मदद करता है और मार्केट में अचानकी गतियों से होने वाले नुकसान से बचाता है।

स्टॉप लॉस और टारगेट में क्या अंतर है?

स्टॉप लॉस और टारगेट (Target) दो अलग-अलग वित्तीय ट्रेडिंग और निवेश रणनीतियाँ हैं, जिनका मुख्य उद्देश्य नुकसान को कम करना और लाभ बढ़ाना है।

Stop Loss: स्टॉप लॉस एक निवेशक या ट्रेडर द्वारा तय किया जाता है नुकसान की सीमा है, जिसे वह तब लागू करता है जब उनका निवेश उनके counterpart के विपरीत जाता है।

स्टॉप लॉस का मतलब है कि यदि निवेशक की पोजीशन उनके stop loss level के पास जाती है, तो उनका निवेश dug out जाता है और स्टॉक को बेच दिया जाता है। स्टॉप लॉस नुकसान को नियंत्रित करने का उपाय है।

Target: टारगेट एक निवेशक या ट्रेडर द्वारा तय किया जाता है लाभ की सीमा है, जिसे वह प्राप्त करने का लक्ष्य रखता है।

टारगेट का मतलब है कि यदि पोजीशन विपरीत दिशा में जाती है और निवेशक अपना लक्ष्य प्राप्त कर लेता है, तो वह अपना निवेश बंद करता है और लाभ बुक करता है।

इसका मतलब है कि स्टॉप लॉस नुकसान को नियंत्रित करने के लिए होता है, जबकि टारगेट लाभ को प्राप्त करने के लिए होता है। दोनों रणनीतियाँ ट्रेडिंग में महत्वपूर्ण हैं क्योंकि वे निवेशकों को investment के स्तर को नियंत्रित करने और investment के लक्ष्यों को प्राप्त करने में मदद करती हैं।

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