😊📝⌚प्रिंटर एक ऐसा डिवाइस है , जो कंप्यूटर सिस्टम से टेक्स्ट और ग्राफ़िक्स के रूप में आउटपुट स्वीकार करता है और प्राप्त जानकारी(आउटपुट) को शीट और पेपर में ट्रांसफर करता है.
प्रिंटर की यह खासियत है की यह किसी भी प्रकार की जानकारी को आसानी से प्रिंट कर सकता है , चाहे वह जानकारी टेक्स्ट,नंबर या ईमेल के फॉर्म में ही क्यों न हो. प्रिंटर से प्रिंट किये गए प्रिंटिंग मटेरियल की गुडवत्ता या रंग प्रिंटर के प्रकार पर निर्भर करता है.
चलिए तो अभी जानते है की प्रिंटर क्या होता है?, प्रिंटर के प्रकार क्या है, प्रिंटर की विशेषताएं , प्रिंटर के फायदे नुकसान क्या है ? तो चलिए सुरु करते है.
प्रिंटर क्या है? (What is Printer in Hindi)🖨
प्रिंटरे एक हार्डवेयर आउटपुट डिवाइस है, इसका उपयोग हार्ड कॉपी बनाने और डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए किया जाता है। ये डॉक्यूमेंट किसी भी प्रकार का हो सकता है जैसे , टेक्स्ट , फाइल्स , इमेज और आदि. प्रिंटर डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए कंप्यूटर से या अन्य डिवाइस के द्वारा यूजर से इनपुट कमांड को स्वीकार करता है.
उदाहरण से समझते है , आपके कॉलेज में आपके अध्यापक ने आपको एक स्पीच तैयार करने और प्रोजेक्ट रिपोर्ट जमा करने के लिए कहा है, तो आपको सबसे पहले उस स्पीच और प्रोजेक्ट रिपोर्ट की एक सॉफ्ट कॉपी बनानी होगी , फिर उसे प्रिंटर की सहायता से प्रिंट करना होगा।
प्रिंटर कंप्यूटर के पेरीफेरल डिवाइस में से एक है ,इन्हे दो केटेगरी में बाटा जा सकता है , 2D और 3D प्रिंटर। 2D प्रिंटर का यूज़ पेपर पर टेक्स्ट और ग्राफ़िक्स बनाने के लिए किया जाता है वही 3D का यूज़ थ्री डिमेन्शनल फिजिकल ऑब्जेक्ट बनाने के लिए किया जाता है.
Qualities of Printers:
कलर: कलरफुल प्रिंटर काले और सफेद कलर में प्रिंट कर सकते है , इसलिए यह सामान्य प्रिंटर की तुलना में अधिक महंगे आते है.
रेसोलुशन: प्रिंटर का रेसोलुशन DP(dots per inch) में मापा जाता है. जो प्रिंटर महंगे होते है उनका रेसोलुशन 550 से 600 DPI तक होता है.
स्पीड: अगर आपको कम समय में ज्यादा प्रिंट प्राप्त करना है तो आपको प्रिंटर की गति के ऊपर में विचार करना आवश्यक है.
मेमोरी: जो बात मैंने आपको स्पीड के लिए बताई वही बात इसके लिए भी है , पर्याप्त मेमोरी होने पर इसका असर प्रिंटर की गति और प्रदर्शन पर पड़ता है.
प्रिंटर के प्रकार (Type of Printer in Hindi)
प्रिंटर के बहुत से प्रकार होते है , लेकिन इंकजेट और लेसर प्रिंटर का अधिकतम उपयोग किया जाता है. फिर भी मैं आपको प्रिंटर की सभी प्रकारो के बारे में बताने वाला हु , जिससे आपको प्रिंटर के बारे में समझने में आसानी होगी। तो चलिए सुरु करते है.
1.Inkjet Printers
इंकजेट प्रिंटर का उपयोग सामान्य और बिज़नेस कंप्यूटर यूजर के द्वारा अधिकतर किया जाता है , जो पेपर पर मैग्नेटिक प्लेट्स का उपयोग करके इंक का छिड़काव करते है , जो चरक्टेर्स को प्रिंट करते है. इसमें एक पेपर फीड असेंबली, इंक कार्ट्रिज , प्रिंट हेड , स्टेबलाइजर बार और बेल्ट का उपयोग होता है.
प्रिंटर इंक को कारतूस में स्टोर करता है और कई प्रकार के कलरफूल डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए प्रिंटर अलग कारतूस का उपयोग करता है. ये कलर cyan, magenta, yellow, and black कलर का कॉम्बिनेशन होते है.
इस प्रकार के प्रिंटर में चमकीले कलर की मदत से high-quality वाले इमेज बनाये जाते है और अन्य प्रिंटर की तुलना में इंकजेट प्रिंटर को उपयोग करना बहुत आसान है.
इंकजेट प्रिंटर के फायदे:
- इंकजेट प्रिंटर में high quality वाले आउटपुट को प्रदान करने की कपीसिटी होती है.
- यह प्रिंटर अन्य प्रिंटर्स की तुलना में अधिक तेज और उपयोग में आसान होते है.
- इस प्रकार के प्रिंटर warm up समय नहीं लेते है.
इंकजेट प्रिंटर के नुकसान:
- इंकजेट प्रिंटर ने किसी भी मटेरियल को प्रिंट होने में अधिक समय लगता है.
- इंकजेट प्रिंटर की रनिंग कॉस्ट अन्य प्रिंटर की तुलना में अत्यधिक होती है.
- इंकजेट प्रिंटर highlighter marker को अनुमति प्रदान करता है.
2.Laser printers
लेजर प्रिंटर एक सामान्य पर्सनल कंप्यूटर है ,जिसे 1971 में विकसित किया गया था ,इसके बाद इसे Gary Starkweather के द्वारा Xerox PARC में विकसित किया गया था. यह पेपर पर टेक्स्ट या इमेज को प्रिंट करने के लिए लेजर और non-impact photocopier टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है.
जब भी किसी डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए इनपुट प्रदान किया जाता है न तब लेजर बीम इलेक्ट्रिक चार्ज की मदत से selenium-coated drum पर डॉक्यूमेंट को बनाती है.
जब भी ड्रम को चार्ज किया जाता है तो उसे टोनर पर घुमाया जाता है ,यह टोनर यह सुखी इंक पाउडर होती है. इंक उस इमेज को फॉलो करती है , जिसे ड्रम पर चार्ज किया किया गया है.
इंक को पेपर पर छोड़ा जाता है जिसमे गर्मी और प्रेशर होता है , फिर इसे पेपर के एक भाग पर ट्रांसफर किया जाता है.
जब डॉक्यूमेंट प्रिंट हो जाता है , तो अतरिक्त टोनर को एकजुट किया जाता है और ड्रम से इलेक्ट्रिक चार्ज को हटाया जाता है.
अधिकतर लेजर प्रिंटर में केवल मोनो क्रोम में प्रिंट करने की योग्यता नहीं होती है. मोनोक्रोम लेजर प्रिंटर कलरफूल लेजर प्रिंटर से दस गुना अधिक सस्ते होते है.
Laser printer और Inkjet Printer में क्या अंतर है?
लेज़र प्रिंटर की इंक सुखी होती है , जबकि इंकजेट प्रिंटर की इंक गीली होती है. इंकजेट प्रिंटर लेजर प्रिंटर की तुलना में 10 गुना अधिक महंगा होता है , क्यूंकि इसमें बार-बार इंक को बदलना पड़ता है.
यदि कोई पेपर गिला है तो इंकजेट प्रिंटर ब्लर के साथ डॉक्युमनेंट को प्रिंट करता है जबकि लेजर प्रिंटर साफ तरीके से डॉक्यूमेंट को प्रिंट करता है. इंकजेट प्रिंटर कम डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए सही है , जबकि लेजर प्रिंटर अधिक डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने के लिए सही है.
लेजर प्रिंटर के फायदे:
- लेजर प्रिंटर में पेपर की कैपेसिटी अधिक होती है
- लेजर प्रिंटर इंकजेट प्रिंटर से सस्ता होता है.
- लेजर प्रिंटर डॉक्यूमेंट को तेजी से प्रिंट करता है.
लेजर प्रिंटर के नुकसान:
- लेजर प्रिंटर को warm up समय की जरुरत पड़ती है.
- लेजर प्रिंटर अधिक भारी होते है.
- लेजर प्रिंटर में high voltage की आवश्यकता होती है.
3.3D Printers
3D प्रिंटर , प्रिंटर के प्रकारों में से एक है जिसे 1984 में CHUCK HULL ने विकसित किया था. 3D प्रिंटर quality resin का यूज़ करके 3D ऑब्जेक्ट और आइटम्स का निर्माण करता है. 3D प्रिंटर प्लास्टिक, पॉलीमर्स ,मेटल अलोय्स और खाने वाले पदार्थो का भी उपयोग करता है.
Application of 3D printers
3D प्रिंटर का उपयोग कुछ एप्लीकेशन में किया जाता है , जैसे अर्चेओलॉजी , एयरोस्पेस इंजीनियरिंग ,इनफार्मेशन सिस्टम ,डेंटिस्ट्री ,बिओटेक्नोलॉजी। उदाहरण से समझते है, अर्चेओलॉजी का उपयोग प्राचीन मूर्तियों , मंदिरो ,राजाओ और आदि के चित्र को बनाने के लिए किया जाता है.
3D प्रिंटर कैसे काम करता है?
जब भी हम किसी ऑब्जेक्ट का डिज़ाइन को बनाने की सोचते है तो उसकी शुरुआत कंप्यूटर ऐडेड डिज़ाइन सॉफ्टवेयर सिस्टम से होती है , जहा पर प्रोटोटाइप बनाया जाता है.
इसके बाद ,कंप्यूटर ऐडेड डिज़ाइन सिस्टम प्रोटोटाइप को प्रिंटर में STL फाइल के रूप में भजता है. प्रिंटर क्रॉस सेक्शन में प्रोटोटाइप को पढ़ लेता है और ऑब्जेक्ट को लेयर दर लेयर निर्माण करना सुरु कर देता है.
3डी प्रिंटर के फायदे:
- 3D प्रिंटर का पहला फायदा यह है की यह अपने यूजर को किसी भी ऑब्जेक्ट को 3D में प्रिंटर करने की अनुमति प्रदान करता है.
- 3D प्रिंटर के अंदर फूल customization करने की छमता होती है.
- 3D प्रिंटर को यूज़ करना आसान और लाभप्रद है.
- 3D प्रिंटर डॉक्यूमेंट को अच्छी Quality के साथ प्रिंट करता है.
3डी प्रिंटर के नुकसान:
- 3D प्रिंटर की प्रारंभिक और resin लगत अधिक है.
- 3D प्रिंटर अभी भी टेक्नोलॉजी को विकसित करने में लगा हुआ है.
- 3D प्रिंटर इंजेक्शन मॉडलिंग की तुलना में लगभग 50 से 100 अधिक एनर्जी का उपभोग करता है.
- 3D प्रिंटर धीमे होते है.
4.LED Printers
LED प्रिंटर , प्रिंटर का ही एक प्रकार है ,जो अधिकतर लेजर प्रिंटर की तरह ही होते है. यह काले और कलरफूल डाक्यूमेंट्स को प्रिंट करने के लिए ड्रम ,इंक ,फुसर सिस्टम का उपयोग करते है.
शुरुआत में Casio और function ने ड्रम की लम्बाई को केंद्रित करके LED प्रिंटर को विकसित किया। इस प्रकार के प्रिंटर अप्रभावी होते है , लेकिन प्रिंट हेड में लेजर का उपयोग करने के बजाय लाइट एमिटिंग डायोड का उपयोग करते है.
LED प्रिंटर और लेजर प्रिंटर में अंतर यह है की LED प्रिंटर ड्रम पर एक ink-attracting static charge को बनाने के लिए LED के एक पट्टी का उपयोग करते है , जबकि लेजर एक लेजर और सीसा(मिरर) का उपयोग करते है.
एलईडी प्रिंटर कैसे काम करता है?
LED प्रिंटर में photoreceptive ड्रम जैसा एक लेजर प्रिंटर होता है जिसमे ऐसी सरफेस होती है जो high voltage तार की सहायता से स्टैटिक बिजली से बहुत चार्ज होता है. एक लेजर प्रिंटर , एक इमेज या टेक्स्ट को बनाने के लिए लेजर डाटा का उपयोग करता है जो डाटा इसे भेजा जाता है जिसे कांच(mirror) पर प्रिंट करने की जरुरत होती होती है और किरण को ड्रम पर ट्रांसफर करने के लिए अपने अछ पर चलता रहता है.
जबकि LED प्रिंटर में , नकारात्मक स्टैटिक चार्ज LED के द्वारा ही उत्पन्न होता है , जो ड्रम के ऊपर या निचे स्थित होते है. LED से आने वाली रोशनी सकारात्मक चार्ज ड्रम पर आक्रमण करती है और ड्रम से चार्ज को हटा देती है और एक नकारात्मक इलेक्ट्रोस्टेटिक चार्ज का निर्माण करती है.
यह चार्ज सकारात्मक टोनर के कणो को आकर्षित करते है और LED के द्वारा बनाई गयी नकारात्मक चार्ज सरफेस पर चिपक जाते है.
एलईडी प्रिंटर के फायदे:
- LED प्रिंटर लेजर प्रिंटर से सस्ते होते है.
- यह प्रिंटर 3D आइटम्स को प्रिंट करने योग्य होते है.
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5.Solid Ink Printers
सॉलिड इंक प्रिंटर, प्रिंटर का ही एक प्रकार है , जिसे पैकेजिंग पर स्थान और पैसे को बचाने के लिए डिज़ाइन किया गया है. सॉलिड इंक प्रिंटर एक नयी प्रकार की इंक टेक्नोलॉजी का उपयोग करता है , जिसे कंप्यूटर से पहले liquid में पिघलाया जाता है. क्यूंकि इंकजेट प्रिंटर में इंक को पेपर पर प्रवाहित किया जाता है ,जबकि सॉलिड इंक प्रिंटर में इंक को ड्रम पर प्रवाहित किया जाता है.
solid ink printer के फायदे:
- सॉलिड इंक प्रिंटर को नियंत्रण करना या मैनेज करना बहुत होता है, क्युकी यह गैर विषैले वनस्पत्ति तेलों से बने होते है और यह हमारे हाथो में नहीं पिघलते है.
- सॉलिड इंक प्रिंटर डाक्यूमेंट्स को तेजी से प्रिंट करने के योग्य होते है. यह अधिकतर प्रति मिनट 30 पेज तक प्रिंट कर सकते है.
- सॉलिड इंक प्रिंटर में इंक को लोड करना बहुत आसान होता है क्यूंकि इसमें विशेषआकार में स्टिक होते है , जो केवल सही स्लॉट पर जाते है.
- सॉलिड इंक प्रिंटर में प्रिंटर के टॉप पर इंक होता है और ये प्रिंट करने के समय या किसी भी समय इंक को बदलने की अनुमति देते है.
- सॉलिड इंक प्रिंटर को इस तरह से डिज़ाइन किया गया है की इसमें केवक तीन असेम्ब्ली प्रिंटर ड्रम, प्रिंटर हेड , और कंट्रोलर शामिल है. यह कलर फूल लेज़र प्रिंटर की तुलना में कम जगह लेते है.
solid ink printer के नुकसान:
- सॉलिड इंक प्रिंटर को warm up और कूल डाउनटाइम की जरूर पड़ती है.
- सॉलिड इंक प्रिंटर UV लाइट के प्रति संवेदनशील होते है और समय के साथ सूरज की रोशनी के साथ फीके पड़ जाते है.
- सॉलिड इंक प्रिंटर में लेजर प्रिंटर की तुलना में अधिक बिजली का उपभोग करते है.
- सॉलिड इंक प्रिंटर का उपयोग बड़े पैमाने पर प्रिंटिंग करने के लिए किया जाता है. यदि इसे प्रिंटिंग के समय बंद कर दिया जाये तो इसे वापिस गर्म होने में समय लगता है.
6.Dot Matrix Printers
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर को पेन प्रिंटर के नाम से भी जाना जाता है जिसे IBM ने 1957 में रिलीज़ किया था, परन्तु 1970 में Centronics ने पहला डॉट मैट्रिक्स इम्पैक्ट प्रिंटर बनाया। डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक प्रिंट हेड का उपयोग करके एक इंक रिबन पर आक्रमण करता है जो इमेज और टेक्स्ट को बनाने के लिए हज़ारो डॉट्स को रखता है.
इसका उपयोग लेजर प्रिंटर और इंकजेट प्रिंटर की तुलना में कम होता है , क्युकी यह बहुत धीमी गति से प्रिंट करता है और कम गुडवत्ता वाली इमेज भी उत्पन्न करता है.
डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के फायदे:
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर अधिकांश प्रिंटर की तुलना में सस्ता होता है और बाजार में आसानी से मिलता है.
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में विशेष प्रिंट आउट की कार्बन कॉपी को प्रिंट करने की छमता होती है.
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में प्रिंटिंग करने के कम पैसे लगते है और प्रिंटर की तुलना में.
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डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर के नुकसान:
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर की गति नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर की तुलना में धीमी होती है और इनके आउटपुट भी हाई रेसोलुशन के नहीं होते है.
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर में जब पिन पेपर से टकराते है तो अधिक शोर उत्पन्न करते है.
- डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक अधिक समय लेने वाला प्रिंटर है.
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7.Multifunction Printers
मल्टिफक्शन प्रिंटर हार्डवेयर डिवाइस है जो प्रिंटिंग , स्कैनिंग , फैक्सिंग और कॉपी करने जैसे और भी कार्यो को करते है, इसलिए इन्हे आल इन वन प्रिंटर भी कहते है.यदि प्रिंटर को किसी वायर या वायरलेस कनेक्शन की सहायता से कंप्यूटर से कनेक्ट करना जरुरी है , तो कभी-कभी इसे standalone copiers जिसे कंट्रोल पैनल से कंट्रोल किया जा सकता है.इसमें 1 यूनिट से ज्यादा की जरुरत नहीं पड़ती है क्यूंकि यह ऑफिस या घर में कई कार्यो को आसानी से पूरा कर सकते है.
मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर के फायदे:
- मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर घर या ऑफिस के लिए फायदेमंद साबित हो सकते है क्यूंकि यह फ्लोर स्पेस को बचाते है. fax machine, printer, और scanner के लिए स्थान को ढूढ़ना मुश्किल हो सकता है , लेकिन मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर कम स्थान में ही आ जाते है और यह अकेले ही फैक्सिंग ,प्रिंटिंग और स्कैनिंग का काम कर सकते है.
- मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर में ऑपरेशन के कार्य करने की छमता लेजर प्रिंटर और अन्य प्रिंटर की तुलना में तेज होता है.
- मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर में पुरे सेटअप को पावर देने के लिए केवल एक केबल की आवश्यकता पड़ती है , जो डिवाइस को चलाने के लिए बिजली को कम करती है.
मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर के नुकसान:
- मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर की ऑपरेटिंग लागत अधिक होती है. इसको मैनेज करने के लिए भी अधिक लगत लगती ही , क्यूंकि यह अन्य प्रिंटर्स तुलना में इंक को तेजी से उपयोग करता है. फैक्स करना ,कॉपी करना और प्रिंट जैसे कार्यो मे यह तेजी से इंक का उपयोग करते है.
- मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर कार्यो को फर्स्ट इन फर्स्ट आउट नियम के आधार पर करते है जिसके कारण मशीन धीमी हो जाती है. जिसके कारण बहुत से लोगो को मशीन को यूज़ करने के लिए वेट करना पड़ता है.
- मल्टीफ़ंक्शन प्रिंटर ख़राब हो जाता है , तो सभी कार्य scanning, printing, copying, faxing होने बंद हो जाते है.
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8.Thermal printer
थर्मल प्रिंटर, प्रिंटर का ही एक प्रकार है जिसका आविष्कार Jack Kilby ने किया था, जिसे एलेक्ट्रोथर्मल या थर्मल ट्रांसफर के नाम से भी जाना जाता है. थर्मल प्रिंटर पेपर पर इमेज बनाने के लिए गर्म पिन का उपयोग करता है.
इस प्रकार के प्रिंटर बैंकिंग , एयरलाइन , ग्रोसरी , एंटरटेनमेंट , रिटेल , फैक्स , और कैलकुलेटर मशीन में उपयोग किये जाते है. यह प्रिंटर कम पैसे के होते है और तेजी से प्रिंट करते है और अन्य प्रिंटर की तुलना में इंक का उपयोग नहीं करते है. यह इमेज को बनाने के लिए थर्मल पेपर पर निर्भर होते है.
थर्मल प्रिंटर के फायदे:
- थर्मल प्रिंटर में किसी ribbons या cartridges की जरुरत नहीं पड़ती है.
- थर्मल प्रिंटर का यूज़ करना बहुत आसान है क्यूंकि इसमें कम बटन होते है.
- थर्मल प्रिंटर ऑफिस के लिए फायदेमंद होते है क्यूंकि यह शोर नहीं करते है.
- थर्मल प्रिंटर सस्ते होते है और कई मॉडलों में उपलब्ध है.
थर्मल प्रिंटर के नुकसान:
- एक थर्मल प्रिंटर स्टैंडर्ड प्रिंटर की तरह अच्छी तरह से कलर प्रिंट नहीं कर पता है.
- प्रिंटिंग के समय , हाई हीट प्रिंटहेड के लिए नुकसान दायक हो सकता सकता है.
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Impact और Non-Impact Printer क्या है?
इम्पैक्ट और नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर , प्रिंटर की दो प्रकार है. इम्पैक्ट प्रिंटर में प्रिंटिंग करने के लिए मैकेनिकल कॉम्पोनेन्ट का उपयोग किया जाता है, जबकि नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर में किसी भी प्रकार के मैकेनिकल कॉम्पोनेन्ट का उपयोग नहीं किया जाता है.
तो चलिए इन दोनों के बारे में अच्छे समझते है.
- इम्पैक्ट प्रिंटर
- नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर
1.इम्पैक्ट प्रिंटर
इम्पैक्ट प्रिंटर प्रिंटर का ही एक प्रकार है , जो इंक रिबन के खिलाप मेटल या प्लास्टिक हेड पर प्रहार करके कार्य करता है. इंक रिबन को पेपर के खिलाप दबाया जाता है , पेज को करैक्टर,डॉट्स ,लाइन्स और सिंबल के रूप में चिन्हित किया जाता है. इम्पैक्ट प्रिंटर के कुछ सामान्य उदाहरण बताये गए है ;
1.Ball printers: बॉल प्रिंटर एक गोलाकार बाल का इस्तेमाल करते है , जिसमे बाहर की ओर स्थापित करैक्टर होते है. बाल को पेज पर प्रिंट पहले प्रत्येक करैक्टर पर घुमाया जाता है.
2.Dot matrix: डॉट मैट्रिक्स प्रिंटर एक रिबन के विरुद्ध पिन के ग्रेड पर प्रहार करके काम करते है. अलग-अलग पिन रचनाओं का उपयोग करके अलग-अलग प्रिंट किये जाते है.
3.Daisy wheel printers: Daisy wheel printer, प्रत्येक कैरेक्टर को प्रिंट करने के लिए व्हील स्पिन पेटल पर घूमता है और एक हैमर रिबन और पेज के विरुद्ध पेटल से टकराता है.
4.Line printers: लाइन प्रिंटर इंक वाले रिबन पर प्रहार करने के लिए पिन का इस्तेमाल करते है, पेपर पर डॉट्स और करैक्टर बनाते है.
5.Drum printers: एक ड्रम प्रिंटर में , पेपर को नोजल के साथ संरेखण के लिए ड्रम पर टेप किया जाता है ; इसलिए,जब चुने हुए स्थिति के लिए करैक्टर को हैमर लाइन के चारो ओर घुमाया जाता है , तो हैमर पीछे से पेपर से टकराता है और पेपर को टाइप स्लग में धकेलता है.
6.Chain printers: यह प्रिंटर अपने प्रिंटिंग मेकेनिसम के रूप में एक चैन में जुड़े हुए प्रकार के स्लग का उपयोग करता है. चैन हैमर के एक सेट के चारो ओर हॉरिजॉन्टल रूप में घूमती है. जब करैक्टर चयन किये हुए प्रिंट कॉलम के सामान होता है , तो हैमर पेपर को रिबन में और चैन में करैक्टर पर हिट करता है.
2.नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर
इम्पैक्ट प्रिंटर से प्रिंटर होते है ,जो प्रिंटिंग मेकेनिसम और पेपर के साथ फिजिकल सपोर्ट के बिना करैक्टर और इमेज बनाते है. नॉन इम्पैक्ट प्रिंटर टोनर और लिक्विड इंक से भरे cartridge का यूज़ करते है , जो जल्दी और आसानी से उच्च गुडवत्ता वाली इमेज बनाने की अनुमति प्रदान करते है. नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर के कुछ उदाहरण नीचे बताए गए है;
1.Laser printers: लेजर प्रिंटर एक बेलनाकार ड्रम होता है ,जो पेपर पर इलेक्ट्रिक चार्ज इंक को रोल करता है.
2.Inkjet printers: इंकजेट प्रिंटर छोटे डॉट्स की मदद से प्रिंट को बनाते है , ये एक पेपर पर उच्च गति पर एक मैट्रिक्स में होल के माध्यम से चार नोज़ल से पेज पर इंक की बूंदो का छिड़काव करते है.
IMPACT PRINTERS | NON-IMPACT PRINTERS |
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एक इम्पैक्ट प्रिंटर एक इंक वाले रिबन के विरुद्ध प्रिंट हैमर या व्हील जैसे मकेनिसम पर प्रहार करके इमेज और करैक्टर बनाते है. | एक नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर प्रिंटिंग मेकेनिसम और पपेर के बीच सीधे फिजिकल सपोर्ट के बिना इमेज और करैक्टर बनाते है. |
इम्पैक्ट प्रिंटर में प्रिंटिंग मेटल पिन या करैक्टर डाई को हैमर से लगाकर की जाती है. | नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर में प्रिंटिंग किसी भी रूप में इंक को पेपर पर जमा करके की जाती है. |
इम्पैक्ट प्रिंटर में continuous पेपर शीट का उपयोग किया जाता है. | नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर में हमेशा अलग-अलग पेपर शीट का उपयोग किया जाता है. |
इम्पैक्ट प्रिंटर कम महंगे होते है. | नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर अधिक महंगे होते इम्पैक्ट प्रिंटर की तुलना में। |
इम्पैक्ट प्रिंटर बहुत धीमा होते है , यह किसी डॉक्यूमेंट को प्रिंट करने में अधिक समय लगाते है. | नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर बहुत तेज होते है , यह मिनटों में कई पेज प्रिंट कर देते है. |
इम्पैक्ट प्रिंटर ज्यादा शोर करते है , क्यूंकि इनके पास मूविंग पार्ट होते है. | नॉन-इम्पैक्ट ज्यादा शोर नहीं करते है , क्यूंकि इनके पास ज्यादा मूविंग पार्ट नहीं होते है. |
इम्पैक्ट पेपर पर प्रिंट करने के लिए इंक वाले रिबन के खिलाप प्रहार करने के लिए पिन, हैमर और व्हील का उपयोग करते है. | नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर पेपर पर प्रिंट करने के लिए लेजर , विशेष इंक या गर्मी के स्प्रे का उपयोग करते है. |
नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर की तुलना में इम्पैक्ट प्रिंटर की गुणवत्ता कम होती है. | इम्पैक्ट प्रिंटर की तुलना में नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर की गुडवत्ता अधिक होती है. |
इम्पैक्ट प्रिंटर पुराने प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करते है. | नॉन-इम्पैक्ट प्रिंटर नई प्रिंटिंग टेक्नोलॉजी का उपयोग करते है. |
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प्रिंटर के उपयोग (Use of Printer in Hindi)
यहाँ प्रिंटर के विभिन्न उपयोग दिए गए है;
- Text
- Document File
- Diagram & Picture
- Book
- Story Book
- Graphics & Banners
1.Print Text
प्रिंटर का सबसे पहला उपयोग टेक्स्ट को प्रिंट करने के लिए किया जाता है. प्रिंटर किसी भी प्रकार के फॉन्ट टेक्स्ट को प्रिंट करने में उपयुक्त होते है. अगर आपको किसी भी टेक्स्ट को प्रिंट करना है तो आपको प्रिंटर की जरुरत जरूर पड़ेगी।
2.Print Document File
प्रिंटर का उपयोग करके आप किसी भी प्रकार के डॉक्यूमेंट फाइल को प्रिंट कर सकते है. प्रिंटर किसी भी प्रकार के फाइल को .docx file, pdf file, XML file, में प्रिंट करने में सछम होते है. आप बिना प्रिंटर के किसी भी डाक्यूमेंट् को प्रिंट नहीं कर सकते है इसके लिए आपको प्रिंटर की जरुरत पड़ेगी है.
3.Print Diagram & Pictures
प्रिंटर का उपयोग करके आप किसी भी प्रकार के डायग्राम और इमेज को प्रिंट कर सकते है. प्रिंटर किसी भी प्रकार के डायग्राम और इमेज को प्रिंट करने में सछम होते है जैसे घर का डायग्राम।
प्रिंटर के बिना आप किसी भी प्रकार के डायग्राम और इमेज को प्रिंट नहीं कर सकते है ,इसके लिए आपको प्रिंटर की आवश्यकता होगी।
4.Print Book
प्रिंटर का उपयोग करके आप किसी भी प्रकार के बुक को प्रिंट कर सकते है. प्रिंटर किसी भी प्रकार के बुक को प्रिंट करने में सछम होते है जैसे बचो की किताबे , कविताओं की किताबे।
प्रिंटर के बिना आप किसी भी प्रकार के बुक को प्रिंट नहीं कर सकते है ,इसके लिए आपको प्रिंटर की आवश्यकता होगी।
5.Print Story Book
प्रिंटर का उपयोग करके आप किसी भी प्रकार के स्टोरीबुक को प्रिंट कर सकते है. प्रिंटर किसी भी प्रकार के स्टोरीबुक को प्रिंट करने में सछम होते है जैसे किसी एक्टर और नेता की जीवनी।
प्रिंटर के बिना आप किसी भी प्रकार के स्टोरीबुक को प्रिंट नहीं कर सकते है ,इसके लिए आपको प्रिंटर की आवश्यकता होगी।
6.Print Graphics & Banners
प्रिंटर का उपयोग करके आप किसी भी प्रकार के ग्राफिक्स और बैनर को प्रिंट कर सकते है. प्रिंटर किसी भी प्रकार के ग्राफिक्स और बैनर को प्रिंट करने में सछम होते है जैसे प्रोडक्ट के बैनर।
प्रिंटर के बिना आप किसी भी प्रकार के ग्राफिक्स और बैनर को प्रिंट नहीं कर सकते है ,इसके लिए आपको प्रिंटर की आवश्यकता होगी।😊✍⌚🙏🙏
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