माउस क्या है? इसके प्रकार,उपयोग,भाग,बटन और कार्य|Mouse in Hindi|

कंप्यूटर में उपयोग किये जाना वाला माउस एक हार्डवेयर इनपुट डिवाइस है , जो कंप्यूटर में टेक्स्ट, आइकॉन ,फोल्डर और फाइल को ओपन करने और सेलेक्ट करने के लिए एक ग्राफिकल यूजर इंटरफेस में एक कर्सर को कंट्रोल करता है. इन कार्यो के अलावा भी माउस का उपयोग फाइल्स एंड फोल्डर को ड्रैग एंड ड्राप करने के लिए किया जाता है. डेस्कटॉप कंप्यूटर में माउस का उपयोग करने के लिए इसे कंप्यूटर के सामने एक फ्लैट सरफेस पर रखा जाता है.

अगर एक कंप्यूटर को चलाना है तो माउस बहुत ही जरुरी होता है , तो हमें इसके बारे में सम्पूर्ण ज्ञान होना बहुत जरुरी है। माउस क्या है, माउस के प्रकार क्या है, माउस कैसे कार्य करता है और भी बहुत से ऐसी बाते है जिनकी जानकारी हमें होनी चाहिए, तो चलिए एक-एक करके माउस के ज्ञान के गंगा को अपने अंदर धारण करते है.

माउस क्या है? (What is Mouse in Hindi)

माउस एक छोटा-सा हार्डवेयर इनपुट डिवाइस है , जो हाथों के द्वारा उपयोग किया जाता है. यह कंप्यूटर के स्क्रीन पर एक कर्सर की स्पीड को कंट्रोल करता है और यूजर को कंप्यूटर के फाइल ,फोल्डर ,टेक्स्ट और आइकॉन को सेलेक्ट करने या ट्रांसफर करने की अनुमति प्रदान करता है.

एक माउस को आप कही पर भी रख कर उपयोग नहीं कर सकते है , इसका उपयोग करने आपको एक फ्लैट सरफेस की जरुरत होती है. आप एक माउस को जिस दिशा में घुमाते है , डिस्प्ले स्क्रीन पर दिख रहा कर्सर उसी दिशा में जाता है. माउस को माउस नाम इसलिए दिया गया क्यूंकि यह आकार में छोटा और अंडाकार था और माउस की तरह दिखता था , इसलिए इसे माउस नाम दिया गया.

माउस का आविष्कार किसने किया?

जब माउस को बनाया गया था, तो इसे X-Y Position Indicator के नाम से जाना जाता था और इसका अविष्कार 1963 में Douglas Engelbart ने Xerox PARC के साथ काम करते समय किया था. लेकिन जब आल्टो सफल नहीं हो पाया , तो माउस का उपयोग पहली बार एप्लीकेशन Apple Lisa computer में किया गया था , जो आज लगभग सभी कंप्यूटर में उपयोग किया जाता है.

पुराने समय में माउस डिवाइस को कार्ड और केबल के माध्यम से कंप्यूटर से जोड़ा जाता था और आज के माउस डिवाइस ऑप्टिकल टेक्नोलॉजी का उपयोग करते है और visible या invisible प्रकाश की किरण कर्सर के कार्यो को कंट्रोल करता है.

माउस के प्रकार

1.Wired Mouse

वायर्ड माउस किस भी कंप्यूटर यूजर के लिए एक बेसिक और भरोसेमंद माउस है. आप एक लैपटॉप यूजर हो या एक डेस्कटॉप यूजर हो , वायर्ड माउस USB पोर्ट के माध्यम से कंप्यूटर से आसानी से कनेक्ट हो जाते है.

वायर्ड माउस के कुछ फायदे है , जो इस प्रकार है;

  • यह तेजी से कार्य करता है क्योंकि कोर्ड सीधे कंप्यूटर से कनेक्टेड होते है.
  • इसे कभी चार्ज नहीं करना पड़ता है.
  • यह अन्य माउस के तुलना में अधिक सटीक होते है.

वायर्ड माउस के कुछ नुकसान, , जो इस प्रकार है;

  • कार्यस्थल पर राह में तार लगे होते है.
  • यात्रा के लिए यह उत्तम विकल्प नहीं होते है.

2.Wireless Mouse

एक वायरलेस कंप्यूटर माउस का उपयोग कंप्यूटर को सिग्नल ट्रांसमिट करने के लिए किया जाता है. वायरलेस माउस के दो प्रकार है , जिसमे पहला RF माउस और दूसरा ब्लूटूथ माउस होता है.

एक RF माउस radiofrequency का उपयोग करके कंप्यूटर को सिग्नल भेजता है , जिसके लिए आपको इसे अपने कंप्यूटर के USB पोर्ट से अटैचमेंट प्लग इन करने की जरुरत पड़ती है. ब्लूटूथ माउस , ब्लूटूथ का उपयोग करके कंप्यूटर को सिग्नल भेजता है.

वायरलेस माउस के कुछ फायदे , जो इस प्रकार है;

  • वायरलेस माउस अत्यधिक पोर्टेबल होते है.
  • वायरलेस माउस की बैटरी लम्बे समय तक चलती है.
  • आप जहा पर भी माउस का उपयोग करना चाहते है , वह पर कोई प्रतिबंधित कोर्ड नहीं होता है.

वायरलेस माउस के कुछ नुकसान, जो इस प्रकार है;

  • RF माउस को कंप्यूटर के लिए एक डोंगल अटैचमेंट की जरुरत पड़ती है , जो आसानी से लापता हो जाते है.
  • एक ब्लूटूथ माउस अन्य माउस की तुलना में अधिक अवकाश का अनुभव करता है.

वायरलेस माउस का एक अन्य नाम कार्डलेस माउस भी होता है , जिसमे यह उन सभी माउस को संदर्भित करता है , जिसमे केबल का एक टुकड़ा भी उपयोग नहीं होता है. मैंने आपको बताया ही है , की ये कंप्यूटर डिवाइस के साथ कम्यूनिकेट करने के लिए radiofrequency का उपयोग करते है.

3.Trackball Mouse

ट्रैकबॉल माउस कंप्यूटर के रेगुलर माउस की तरह ही दिखाई देता है , जिसमे यूनिट के साथ एक बड़ी बाल कनेक्ट होती है , यह ऊपर या किनारे पर हो सकती है. यह बाल कर्सर को नियंत्रण करती है , जिसके फलस्वरूप डेस्क पर माउस को इधर-उधर करने की जरुरत कम पड़ती है.

यदि ट्रैकबॉल माउस किनारे पर है, तो यह एक थंब ऑपरेटेड माउस है , जिसका मतलब है की आप अपने अगूंठे का उपयोग करके ट्रैकबॉल से कार्य कर सकते है. यदि ट्रैकबॉल माउस ऊपर की ओर है , तो यह एक फिंगर ऑपरेटेड माउस है, जिसे आप अपने हाथ के किसी भी उंगलि से चला सकते है.

ट्रैकबॉल माउस के कुछ फायदे, जो इस प्रकार है;

  • ट्रैकबॉल माउस में माउस को ज्यादा इधर-उधर नहीं करना पड़ता है ,जिसके कारण हाथो को कम दर्द होता है.
  • इसका उपयोग करना बहुत आसान है और इसे आसानी से स्क्रॉल किया जा सकता है.

ट्रैकबॉल माउस के कुछ नुकसान, जो इस प्रकार है;

  • यह स्टैंडर्ड माउस जितना सटीक नहीं होते है.
  • इन्हे चलाने या सचर की कम स्वतंत्रता होती है.
  • यह बहुत धीमा काम करते है.

4.Optical Mouse

एक ऑप्टिकल माउस ट्रैकबॉल का उपयोग करने की जगह यूजर के कार्य को ट्रैक करने के लिए LED लाइट का उपयोग करता है. इस प्रकार के माउस अधिक सरल और सुविधाजनक होते है , क्यूंकि यह छोटे और हलके होते है.

ऑप्टिकल माउस के कुछ फायदे, जो इस प्रकार है;

  • ऑप्टिकल माउस Compact और lightweight होते है.
  • ऑप्टिकल माउस ट्रैकबॉल की तुलना में अधिक सटीक होते है.
  • ऑप्टिकल माउस के बाहर ज्यादा भाग नहीं होते है , इसके लिए इन्हे तोडना मुश्किल होता है.

ऑप्टिकल माउस के कुछ नुकसान, जो इस प्रकार है;

  • यह कांच की सतह पर अच्छे से कार्य नहीं करते है.

ऑप्टिकल माउस , वायर्ड और वायरलेस दोनों कैटेगरी में आते है और किसी भी यूजर के लिए सटीक , भरोसेमंद और तेज विकल्प साबित होते है.

5.Laser Mouse

एक लेजर माउस एक LED माउस के जैसा ही होता है , क्यूंकि यह भी अपने यूजर के कार्यो को ट्रैक करता है. लेकिन ये LED लाइट का उपयोग करने के बजाय लेजर लाइट का उपयोग करता है. लेजर माउस अत्यधिक हलके , टिकाऊ और कॉम्पैक्ट होते है.

लेजर लाइट के कुछ फायदे , जो इस प्रकार है;

  • ऑप्टिकल माउस की तुलना में लेजर माउस अत्यधिक सटीक होते है.
  • यह कांच की सतह के साथ सभी सतह पर काम करता है.

लेजर लाइट के कुछ नुकसान, जो इस प्रकार है;

  • ऑप्टिकल माउस की तुलना में लेजर माउस अत्यधिक सटीक होते है.
  • यह कांच की सतह के साथ सभी सतह पर काम करता है.

लेजर माउस भी वायर्ड और वायरलेस वर्शन में आते है और यूजर के लिए बहुत अच्छे साबित होते है. ऑप्टिकल माउस और लेजर माउस के बिच में ज्यादा अंतर नहीं है , लेकिन अगर आपको अधिक सटीकता और सभी सतह पर काम करने की कैपिसिटी के साथ किसी चीज़ की तलाश कर रहे है तो , लेजर माउस एक अच्छा विकल्प है.

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माउस के उपयोग क्या हैं?

निचे आपको कुछ माउस के उपयोग के बारे में बताया गया , जिससे आपको माउस के बारे में समझने में काफी आसानी होगी।

Move mouse cursore: इसका मुख्य कार्य स्क्रीन पर माउस पॉइंटर को ट्रांसफर करना है।

Point: जब कोई यूजर स्क्रीन पर कर्सर को लेकर जाता हैं , तो वह यूजर अन्य यूजर के लिए कुछ पॉइंट कर सकता है या डिजिटल ऑब्जेक्ट को पॉइंट कर सकता है.

Open or execute a program: जब पॉइंटर को किसी ऑब्जेक्ट, फाइल ,फोल्डर या आइकॉन पर लेकर जाया जाता है , तो उस फाइल पर क्लिक या डबल क्लिक करने पर वह फाइल खुल जाता है या एक्सेक्यूट हो जाता है. कुछ ऐसे भी प्रोग्राम या फाइल होते है , जो ट्रिपल क्लिक करने पर ही ओपन होते है.

Select: माउस किसी फाइल को सेलेक्ट करने या कई फाइल को सेलेक्ट करके हाईलाइट करने की अनुमति देती है.

Drag-and-drop: जब आप किसी फाइल या फोल्डर को सेलेक्ट कर लेते है , तो उसे ड्रैग-ड्राप विधि के द्वारा एक जगह से दूसरे जगह तक लेकर जा सकते है.

Hover: जब हम माउस के कर्सर को किसी ऑब्जेक्ट पर लेकर जाते है तो हमें उस ऑब्जेक्ट की फक्शन या होवर इनफार्मेशन का पता लगता है , उदाहरण के लिए जब आप किसी लिंक पर कर्सर को ले जाते है, तो हमें उस लिंक में क्या है या लिंक के यूआरएल का पता लगता है.

Scroll: जब भी हम किसी बड़े डॉक्यूमेंट या पेज पर काम करते है, तो उसमे उसे ऊपर या निचे स्क्रॉल करना पड़ता है. स्क्रॉल करने के लिए माउस के व्हील को घुमाये या स्क्रॉल बार को निचे खींचे।

Perform other functions: ज्यादातर डेस्कटॉप माउस में बटन होते है , जो जरुरत के अनुसार किसी भी प्रोग्राम को करके किसी भी काम को कर सकते है.

Combination Activities: माउस का उपयोग कई Combination Activities के लिए किया जाता है जैसे नए विंडो में हाइपरलिंक के लिए Ctrl + का उपयोग किया जाता है.

कंप्यूटर माउस के भाग क्या हैं? (Parts of Mouse in Hindi)

माउस के अलग-अलग पार्ट होते है , जो अलग-अलग कार्य करते है. तो चलिए एक-एक करके माउस के पार्ट्स और उनके कार्य को समझते है.

Buttons: पुराने समय में जब माउस को बनाया गया था तो माउस में केवल एक ही बटन होते थे , लेकिन आज के आधुनिक माउस में किसी ऑब्जेक्ट या टेक्स्ट को क्लिक करने या सेलेक्ट करने के लिए दो बटन ,राइट बटन और लेफ्ट बटन दिए जाते है.

Ball, laser, or LED: यदि कोई माउस , मैकेनिकल माउस है तो वह एक बॉल और रोलर का यूज़ करता है और यदि वह एक ऑप्टिकल माउस है तो वह एक लेसर या LED का उपयोग करता है. ये पार्ट x-अक्ष और y-अक्ष की दिशाओ पर स्पीड को ट्रैक करने के लिए और माउस कर्सर को स्क्रीन पर ले जाने के लिए अनुमति प्रदान करते है.

Mouse wheel: आधुनिक डेस्कटॉप कंप्यूटर माउस में सामान्य तौर पर एक माउस व्हील का उपयोग किया जाता है , जो किसी पेज पर लिखी जानकारी को ऊपर और निचे स्क्रॉल करने की अनुमति प्रदान करते है.

Circuit board: माउस के सिग्नल या इनफार्मेशन को इनपुट करने के लिए माउस में इंटीग्रेटेड सर्किट के साथ एक सर्किट बोर्ड होना चाहिए।

Cable or wireless receiver: कॉर्डेड माउस में, एक प्लग के साथ एक केबल का उपयोग किया जाता है जो कंप्यूटर से जुड़ा हुआ होता है. आज के ज्यादातर कॉर्डेड माउस USB पोर्ट के साथ कंप्यूटर से जुड़े होते है. यदि आपके कम्प्यूटर में वायरलेस माउस है , तो वायरलेस सिग्नल प्राप्त करने के लिए या कंप्यूटर में इनपुट करने के लिए USB पोर्ट रिसीवर की जरुरत पड़ती है.

Other parts

अगर आप एक लैपटॉप यूजर है , तो ऊपर बताये गए कुछ पार्ट्स आपके लिए उपयोगी नहीं है. उदाहरण के लिए , एक टचपद स्पीड को कण्ट्रोल करने के लिए बॉल , लेसर या LED का उपयोग नहीं करता है. एक टचपैड किसी भी फाइल या फोल्डर को ओपन करने के लिए उंगलियों का उपयोग करता है.

FAQ

लैपटॉप माउस के लिए क्या उपयोग करता है?

एक लैपटॉप को portability पर ध्यान रख कर बनाया गया है , आज लगभग सभी लैपटॉप में माउस के रूप में टचपैड का उपयोग किया जाता है , लेकिन कुछ लेनेवो लैपटॉप में टचपैड की जगह ट्रैकपैड का उपयोग करते है.

क्या स्मार्टफोन में माउस का इस्तेमाल होता है?

स्मार्टफोन और टैबलेट में इनपुट डिवाइस के रूप में टच स्क्रीन पर उपयोग किया जाता है , इससे आप समझ सकते है की आपकी उगलिया ही माउस का कार्य कर देती है.

मैं अपने माउस की बैटरी कैसे बदलूं?

माउस की बैटरी को बदलने के लिए, माउस के कवर को पीछे की ओर खिसकाए , पुरानी बैटरी को निकले , नयी बैटरी को डेल और फिर कवर को बंद कर दे.

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