Monitor क्या है? Types of Monitor in Hindi | Monitor in Hindi

कंप्यूटर मॉनिटर(जिसे कंप्यूटर डिस्प्ले भी कहते है), कंप्यूटर के लिए एक इलक्ट्रोनिक विसुअल डिस्प्ले है , इसका उपयोग कंप्यूटर के CPU , हार्ड सिस्टम ड्राइव और इत्यादि को डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है. मॉनिटर कंप्यूटर में VGA, DVI, HDMI, DisplayPort, or USB की मदत से कनेक्ट किये जाते है. तो चलिए अभी जानते है की Monitor क्या है?, मॉनिटर के प्रकार क्या है और मॉनिटर कैसे कार्य करता है.

Monitor का क्या अर्थ है? (Defination of Monitor in Hindi)

कंप्यूटर मॉनिटर एक इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है , यह स्क्रीन या अन्य डिस्प्ले डिवाइस पर डाटा या जानकारी को डिस्प्ले करता है.

Monitor क्या है? (What is Monitor in Hindi)

कंप्यूटर मॉनिटर एक इलेक्ट्रॉनिक आउटपुट डिवाइस है , इसे वीडियो डिस्प्ले टर्मिनल(VDT) और विडिओ डिस्प्ले यूनिट(VDU) के नाम से भी जाना जाता है.

इसका उपयोग कंप्यूटर के वीडियो कार्ड की मदत से जुड़े कंप्यूटर के द्वारा उत्पन्न टेक्स्ट ,वीडियो, ऑडियो, फोटोज, और ग्राफ़िक्स की जानकारी को डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है.

मॉनिटर एक टीवी की तरह ही होता है परन्तु इसका रेसोलुशन टीवी से काफी ज्यादा होता है.

सबसे पहला मॉनिटर 1 मार्च 1973 में बनाया गया था , जो की Xerox Alto computer system का एक पार्ट था.

पहले के मॉनिटर fluorescent screen और Cathode Ray Tube (CRT) का उपयोग करके बनाये जाते थे , जो आकार में लम्बे और भारी होते थे , जिसके कारण ये डेस्क पर अधिक जगह घेरते थे.

आज में मॉनिटर flat-panel display technology का उपयोग करके बनाये जाते है , जो पहले के डिस्प्ले मॉनिटर की तुलना में कम जगह घेरते है. तो चलिए पहले हम मॉनिटर के इतिहास के बारे में अच्छे से जान लेते है उसके बाद इसके प्रकार और कार्य की ओर बढ़ेंगे।

Monitor का इतिहास

  • 1964 के समय में Uniscope 300 machine में इन बिल्ट CRT टेक्नोलॉजी को जोड़ा गया , जो एक रियल कंप्यूटर मॉनिटर नहीं था.
  • इसके बाद 1965 में A. Johnson ने टच स्क्रीन टेक्नोलॉजी का अविष्कार किया।
  • 1 मार्च 1973 में Xerox Alto computer लांच किया गया, जिसमे पहला कंप्यूटर मॉनिटर था. इस मॉनिटर में monochrome display and CRT technology को जोड़ा गया या उपयोग किया गया था.
  • इसके बाद 1975 में , George Samuel Hurst ने पहला resistive(प्रतिरोधक) टच स्क्रीन डिस्प्ले बनाया गया , जिसका उपयोग 1982 से पहले ही किया गया.
  • 1976 में Apple I और Sol-20 कंप्यूटर सिस्टम लांच किया गया. इस सिस्टम के अंदर कंप्यूटर से जुड़ा हुआ एक वीडियो पोर्ट था , जो कंप्यूटर मॉनिटर पर वीडियो स्क्रीन चलाने की अनुमति प्रदान करता है. 1977 में, James P. Mitchell ने LED display technology का अविष्कार किया। लेकिन यह मॉनिटर आगे के 30 साल तक मार्केट में खरीदने के लिए उपलब्ध नहीं था.
  • जून 1977 में ,Apple II लांच किया गया , जिससे CRT मॉनिटर पर color display की अनुमति मिली।
  • इसके बाद 1987 में IBM ने IBM 8513, पहला VGA मॉनिटर को लांच किया।
  • Eizo Nanao ने Eizo L66 का निर्माण किया , जो कंप्यूटर का पहला LCD मॉनिटर था , इसे 1990 में मध्य में लांच किया गया था.
  • इसके बाद 1997 में IBM, Viewsonic, और Apple ने colourful LCD मॉनिटर का निर्माण करने लगे. यह CRT मॉनिटर की तुलना में अधिकी Quality और Resolution प्रदान करते थे.
  • 1998 में, सबसे पहले apple के द्वारा colourful LCD मॉनिटर का निर्माण किया गया
  • बाद में 2003 में LCD मॉनिटर की वजह से CRT मॉनिटर की बिक्री बंद हो गयी.
  • 2006 में Jeff Han ने TED में पहला इंटरफ़ेस फ्री और टच पर निर्भर मॉनिटर रिलीज़ किया।
  • 2009 में NEC कंपनी में LCD मॉनिटर MultiSync EA222WMe को रिलीज़ किया किया , जो NEC का पहला मॉनिटर था.

Monitor के प्रकार (Types of Monitor in Hindi)

अब तक हम जान चुके है की मॉनिटर क्या है? और इसका इतिहास क्या है ? तो अब बारी है मॉनिटर के प्रकारो के बारे में जानने की , तो चलिए अब इसके बारे में भी जानते है?

1.Cathode Ray Tube (CRT) Monitor

यह मॉनिटर में उपयोग की जाने वाली पहली टेक्नोलॉजी है , जो एक इमेज को बनाने के लिए इलेक्ट्रॉन्स के किरणों का उपयोग करती है.

इसमें गन्स स्थापित होते है ,जो स्क्रीन के अंदर इलेक्ट्रान के किरणों में आग लगाते है और इलेक्ट्रॉन्स की किरण बार-बार स्क्रीन की सरफेस से टकराते है.

ये गन्स लाल , हरा और नीला रंग उत्पन्न करते है और इन तीन रंगो के मिश्रण की वजह से और अभी रंग उत्पन्न होते है. आज के समय में फ्लैट पैनल मॉनिटर में CRT मॉनिटर की जगह ले ली है.

2.Flat Panel Monitor

फ्लैट पैनल मॉनिटर , मॉनिटर का ही एक प्रकार है. इस प्रकार के मॉनिटर हल्के और कम जगह लेने वाले होते है और CRT मॉनिटर की तुलना में कम बिजली की खपत भी करते है.

इस प्रकार के मॉनिटर CRT मॉनिटर की तुलना में अधिक महंगे होते है ,लेकिन यह अत्यधिक प्रभावशाली होते है ,क्यूंकि यह हानिकारण रेडिएशन प्रदान नहीं करते है.

फ्लैट पैनल मॉनिटर का डिस्प्ले कांच की दो प्लेट से बनाया गया है , इन प्लेट में एक तत्व होता है ,जो कई तरह के कामो के लिए एक्टिव रहते है.

इस मॉनिटर का मुख्य उपयोग पीडीए ,नोटबुक कंप्यूटर और सेलुलर फ़ोन में किया जाता है और इन मॉनिटर का आकर भिन्न भिन्न होता है जैसे 15″, 17″, 18″ & 19″ और इत्यादि .

फ्लैट पैनल मॉनिटर स्क्रीन भी दो प्रकार की टेक्नोलॉजी का उपयोग करते है , वो इस प्रकार है;

Liquid Crystal Display: LCD का पूरा नाम लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले होता है , इसके स्क्रीन में लिक्विड क्रिस्टल नाम का एक तत्व होता है.

इस तत्व के कणो को इस प्रकार से जोड़ा जाता है की लाइट स्क्रीन के पीछे की ओर दिखाई देता है , जो एक इमेज बनाने की अनुमति प्रदान करती है.

लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले CRT डिस्प्ले की तुलना में साफ इमेज डिस्प्ले करते है, कम रेडिएशन पैदा करते है ,कम बिजली की खपत करता है और कम जगह लेते है.

Gas Plasma Display: गैस प्लाज्मा टेक्नोलॉजी में , कांच की दो प्लेटों के बीच गैस की परतो का उपयोग किया जाता है और जब इनमे वोल्टेज अप्लाई(प्रदान) किया जाता है ,तब ये अल्ट्रावायलेट लाइट छोड़ती है.

इस अल्ट्रावायलेट लाइट से स्क्रीन पर पिक्सेल चमकते है और एक इमेज बनाते है. यह LCD मॉनिटर की तुलना अधिक प्रभावशाली रंग प्रदान करते है, यह अत्यधिक महंगे होते है , जिसके कारण इनका कम इस्तेमाल किया जाता है.

3.Touch Screen Monitor

टच स्क्रीन मॉनिटर, यूजर को कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करने के लिए माउस और कीबोर्ड का उपयोग करने के बजाय फिंगर्स और स्टाइलस का उपयोग करके कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करने में सछम बनाता है.

जब यूजर कंप्यूटर या लैपटॉप के स्क्रीन को छूता है तो उस समय एक घटना होती है, जो प्रोसेसिंग के लिए कंट्रोलर तक भेजी जाती है. इसी तरह से स्क्रीन में टेक्स्ट और इमेज शामिल होते है ,जो यूजर को कंप्यूटर से कम्यूनिकेट करने में मदत करती है.

टच स्क्रीन मॉनिटर के कुछ प्रकार भी है , चलिए इन्हे भी जान लेते है.

Resistive Touch Screen: इसके स्क्रीन में धातु की एक पतली electrically conductive(विद्युत प्रवाहकी) और resistive layer(प्रतिरोधक परत) होती है.

जब टच करके दबाया जाता है , तब यह इक्लेक्ट्रिक करंट में बदल जाता है और कंट्रोलर को भेजा जाता है. ये मॉनिटर अधिक भरोसेमंद होती है , क्यूंकि यह ठोस पदार्थ और धूल से प्रभावित नहीं होते है.

Surface Wave Touch Screens: ये मॉनिटर ultrasonic waves(अल्ट्रासोनिक वेव) के मदत से इनपुट को प्रोसेस करते है और जब कोई यूजर इन्हे टच करता है , तो वेव को कंप्यूटर के द्वारा तैयार और अवशोषित किया जाता है.

ये मॉनिटर भरोसेमंद नहीं होते है ,क्यूंकि यह पानी और धूल से खराब हो सकते है.

Capacitive Touch Screen: इस स्क्रीन में , electrically-charged material के साथ एक कवर होता है , जो लगातार मटेरियल के स्क्रीन पर करंट का प्रवाह करता है.

यह विशेष रूप से स्टाइलस का उपयोग करने के बजाय फिंगर्स का उपयोग करता है. यह मॉनिटर भरोसेमंद होते है और ये धूल पड़ने पर ख़राब भी नहीं होते है.

4.LED Monitor

यह एक फ्लैट स्क्रीन कंप्यूटर मॉनिटर होता है , जिसका पूरा नाम लाइट एमिटिंग डायोड डिस्प्ले होता है. यह मॉनिटर वजन में हलके होते है और गहराई में कम होते है।

लाइट के स्रोत के रूप में यह LED के एक पैनल का उपयोग करता है. आजकल के मुख्य इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस जैसे मोबाइल , कंप्यूटर , लैपटॉप , टेबलेट और कंप्यूटर मॉनिटर LED डिस्प्ले का ही उपयोग किया जाता है.

एलईडी मॉनिटर के फायदे:

  1. यह एक भरोसेमंद मॉनिटर होते है
  2. यह कम कीमत के होते है , इन्हे कोई भी आसानी से खरीद सकता है.
  3. यह कम बिजली की खपत करते है और कम तापमान पर चलते है.
  4. इसका dynamic contrast ratio अधिक होता है.

5.OLED Monitor

यह एक फ्लैट लाइट एमिटिंग डिस्प्ले टेक्नोलॉजी है , जो LCD की तुलना में प्रवीण, द्युतिमान , पतला , कॉन्ट्रैक्ट और बेहतर रिफ्रेश रेट है.

यह दो कंडक्टर के बिच में आर्गेनिक पतली फिल्म के सीरीज का पता लगाने के लिए बनाया गया है.

इस डिस्प्ले को बैकलाइट की आवश्कता नहीं पड़ती है क्यूंकि ये emissive display होते है.

इसके आलावा ये उच्च गुडवत्ता वाले इमेज प्रदान करते है और इनका उपयोग टेबलेट और स्मार्टफोन में किया जाता है.

इसके आलावा ये उच्च गुडवत्ता वाले इमेज प्रदान करते है और इनका उपयोग टेबलेट, लैपटॉप, टीवी, मोबाइल फोन, डिजिटल कैमरा, टैबलेट और वीआर हेडसेट में किया जाता है.

6.DLP Monitor

DLP का पूरा नाम डिजिटल लाइट प्रोसेसिंग होता है , इसे Texas Instruments के द्वारा बनाया गया है. यह एक ऐसी टेक्नोलॉजी है , जिसका उपयोग मॉनिटर्स बड़े स्क्रीन पर इमेज को प्रोजेक्ट करके presentations के लिए किया जाता है.

DLP टेक्नोलॉजी के निर्माण से पहले , ज्यादातर कंप्यूटर प्रोजेक्शन सिस्टम ने फीकी और धुंधली इमेज को तैयार किया , क्युकी यह LCD टेक्नोलॉजी के ऊपर निर्भर थे.

DLP टेक्नोलॉजी एक डिजिटल micromirror device का यूज़ करती है , जो विशेष प्रकार से माइक्रोचिप पर रखा गया एक सीसा(कांच) है.

यह उच्च गुडवत्ता वाले इमेज को प्रदान करती है, जो बिना रोशनी वाले कमरे में भी दिखाई दे सकती है.

7.TFT Monitors

यह LCD फ्लैट पैनल डिस्प्ले का एक प्रकार है ,जो Thin-film transistor के लिए होता है. TFT मॉनिटर के पिक्सेल को 1 से 4 ट्रांजिस्टर की मदत से कंट्रोल किया जाता है.

High-quality वाले फ्लैट पैनल डिस्प्ले LCD इन ट्रांजिस्टर का उपयोग करते है. मगर TFT पर निर्भर मॉनिटर सभी फ्लैट पैनल टेक्नोलॉजी का बेहतर रेसोलुशन प्रदान करते है और यह अधिक महंगे होते है.

Thin-film transistor टेक्नोलॉजी का उपयोग करने वाले LCD active-matrix displays के नाम से जाने जाते है.

passive-matrix displays की तुलना में active-matrix displays उच्च गुडवत्ता प्रदान करते है.

8.Plasma Screen Monitors

प्लाज्मा स्क्रीन एक पतली फ्लैट पैनल डिस्प्ले है ,जिसे आप LCD और LED की तरह दिवार पर लटका सकते है. LCD डिस्प्ले की तुलना में यह एक brighter स्क्रीन है और CRT की तुलना में पतला है.

इस मॉनिटर का उपयोग digital computer input या analog video signals के मोड को डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है.

प्लाज्मा डिस्प्ले में viewing angles, high contrast ratios, and high refresh rates होता है , इसका उपयोग ब्लर वीडियो को कम करने के लिए किया जाता है.

प्लाज्मा स्क्रीन के कुछ नुकशान भी है; screen burn-in, बिजली की खपत ,समय के साथ चमक क नुकशान और वजन में भरी नहीं हो सकता है.

  1. Input Device क्या है और इसके उदाहरण क्या है?
  2. Output Device क्या है? इसके प्रकार और उदाहरण
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Monitor Connector के प्रकार (Type of Monitor Connector in Hindi)

कंप्यूटर के मॉनिटर को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए कुछ कनेक्टर्स की जरुरत पड़ती है , तो चलिए इन्हे जानते है;

  • VGA
  • Thunderbolt
  • HDMI
  • USB-C
  • DVI
  • DisplayPort

VGA: यह एक पॉपुलर डिस्प्ले स्टैंडर्ड है , इसका मतलब वीडियो ग्राफिक्स ऐरे या वीडियो ग्राफिक्स एडाप्टर होता है और इसे 1987 में IBM के द्वारा लांच किया गया था.

इसका उपयोग कंप्यूटर को टीवी , मॉनिटर , प्रोजेक्टर से जोड़ने के लिए किया जाता है. यह 640 x 480 resolution कलर डिस्प्ले प्रदान करता है , जिसमे 16 कलर डिस्प्ले और एक बार में 60 हर्ट्ज़ की रिफ्रेश रेट होता है. यदि 320 x 200 resolution से कम होगा तो , तो 256 कलर डिस्प्ले होता है.

VGA कनेक्टर और केबल आज के फ़ोन , कंप्यूटर , लैपटॉप और प्रोजेक्टर में कम यूज़ किये जाते है. इन कनेक्टर को HDMI और DVI केबल और कनेक्टर के द्वारा बदला जा रहा है.

Thunderbolt: Thunderbolt एक हार्डवेयर इंटरफ़ेस है , जिसे लाइट पीक के नाम से मार्केटिंग किया गया था और इसे एप्पल की मदत से इंटेल ने बनाया था. इसे पहली बार 24 फरवरी 2011 में consumer product के रूप में बेचा गया था.

इसका उपयोग पेरीफेरल डिवाइस जैसे ,माउस, कीबोर्ड, प्रिंटर, स्कैनर और अभी कुछ डिवाइस को कंप्यूटर से कनेक्ट करने के लिए किया जाता है.

यह DC पावर को ले जाने के योग्य है और सस्ती केबल पर लम्बी दुरी तक डाटा को ट्रांसफर करने में योग्य होते है. Thunderbolt के पहले दो वर्शन एक सेकंड 20 gb की दर तक डाटा को ट्रांसफर करते है.

HDMI: यह एक केबल और कनेक्टर है जिसे बहुत सी कंपनी ने बनाया है जैसे, Toshiba, Sony, Hitachi, and Philips. HDMI का फुल फॉर्म हाई डेफिनेशन मल्टीमीडिया इंटरफ़ेस होता है.

इसमें डिवाइस के बिच में ऑडियो और विडिओ की high-bandwidth और high-quality streams को प्रसारित करने की योग्यता होती है. इसका उपयोग Projector, HDTV, Blu-ray player, or DVD player में होता है.

एक सिंगल HDMI केबल तीन कम्पोजिट ऑडियो/वीडियो को बदल कर ऑडियो और वीडियो सिग्नल को प्रसारित करने के लिए दो डिवाइस को एक साथ जोड़ने का सबसे आसान तरीका है

USB-C: USB एक प्लग और प्ले इंटरफेस है , जिसका फुल फॉर्म यूनिवर्सल सीरियल बस होता है. USB कंप्यूटर को पेरीफेरल और अन्य डिवाइस के साथ कम्यूनिकेट करने की अनुमति प्रदान करता है.

यह टेबलेट और स्मार्टफोन जैसे डिवाइस को पावर देने ने योग्य होते है. जनवरी 1996 में USB का पहला वर्सन लॉच किया गया और इस टेक्नोलॉजी को Compaq, Intel, Microsoft और भी कुछ कम्पनी ने फॉलो किया।

इस समय बहुत से ऐसे USB डिवाइस है जिन्हे आप कंप्यूटर से कनेक्ट कर सकते है जैसे डिजिटल कैमरा, कीबोर्ड, माइक्रोफ़ोन, माउस, प्रिंटर, स्कैनर, और इत्यादि।

इसके अलावा भी USB बहुत से आकार में आते है. हाई स्पीड वाले डिवाइस का उपयोग करने के लिए USB की लम्बाई 16 फिट 5 इंच होती है और लोव स्पीड वाले डिवाइस का उपयोग करने के लिए USB की लम्बाई 9 फिट 10 इंच होता है.

DVI: VDI एक वीडियो डिस्प्ले इंटरफ़ेस है , जिसका मतलब डिजिटल विसुअल इंटरफ़ेस होता है. इसका यूज़ डिजिटल विसुअल इंटरफ़ेस को प्रसारित करने के लिए और हाई 2560 x 1600 resolutions पर डिवाइस डिस्प्ले करने के लिए किया जाता है. कंप्यूटर मॉनिटर और प्रोजेक्टर साधारण डिवाइस है जो वीडियो डिस्प्ले इंटरफ़ेस का उपयोग करते है.

DVI कनेक्टर सिग्नल के आधार पर तीन नामो मे से एक नाम को सपोर्ट करता है: DVI -D(केवल डिजिटल सपोर्ट करता है),DVI-A(केवल एनालॉग को सपोर्ट करते है) या DVI-I(डिजिटल और एनालॉग दोनों को सपोर्ट करता है).

DisplayPort: यह एक डिजिटल ऑडियो और वीडियो इंटरफ़ेस है , जो प्रोजेक्टर , मॉनिटर और केबल के साथ कनेक्ट होता है. इसे VESA के द्वारा बनाया गया है.

डिस्प्ले पोर्ट के दो प्रकार के कनेक्शन है , पहला स्टैंडर्ड और दूसरा मिनी डिस्प्ले पोर्ट है. यह दोनों अलग -अलग आकार होते है परन्तु दोनों प्रकार के कनेक्शन सामान सिग्नल को प्रसारित करने में योग्य होते है. आज के समय में GI, HDMI, और DVI सबसे साधारण डिस्प्ले पोर्ट है.

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Monitor में Colour Display के प्रकार (Type of Monitor Colour in Hindi)

अब तक हम जान चुके है की मॉनिटर क्या है , इसके प्रकार क्या है, कनेक्टर के प्रकार क्या है , तो चलिए अब बारी है जानने की मॉनिटर के कलर डिस्प्ले के प्रकार क्या है?

1.Monochrome

मोनोक्रोम दो शब्दों के मेल से बना हुआ है, मोनो का अर्थ सिंगल और क्रोम का अर्थ कलर होता है , इसलिए इसे सिंगल कलर डिस्प्ले भी कहते है. इसका काम यह है की यह ब्लैक और वाइट कलर में मॉनिटर से आउटपुट डिस्प्ले करता है.

2.Gray-Scale

ग्रे स्केल डिस्प्ले मॉनिटर मोनोक्रोम मॉनिटर की तरह ही होते है , बस इनमे इतना ही अंतर है की यह ग्रे शेड्स में आउटपुट को डिस्प्ले करते है. इस प्रकार मॉनिटर का अधिकतर उपयोग लैपटॉप में किया जाता है.

3.Color Monitors

कलर मॉनिटर RGB(लाल,हरा ,नीला) रेडिएशन के समन्वय के साथ आउटपुट डिस्प्ले करते है. इन मॉनिटर की छमता हाई रेसोलुशन ग्राफ़िक डिस्प्ले की होती है(4K).

मॉनिटर के लक्षण (Characteristics of Monitor in Hindi)

मॉनिटर की विभिन्न विशेषताएं हैं: –

  • Size.
  • Resolution.
  • Bandwidth.
  • Refresh rate.
  • Interlaced or non – interlaced.
  • Dot pitch.

1.Size: मॉनिटर की पहली विशेषता इसका साइज है , जो लम्बाई और चौड़ाई के टर्म में मापा जाता है , कंप्यूटर सिस्टम का मॉनिटर टीवी की स्क्रीन की तरह होता है.

मॉनिटर को डायगोनल इंच संदर्भ में मापा जाता है जिसका मतलब लम्बाई स्क्रीन के एक कोने से विपरीत कोने तक कवर करती है.

2.Resolution: रेसोलुशन कंप्यूटर मॉनिटर का महत्वपूर्ण लछण है , क्युकी यह स्क्रीन पर साफ इमेज डिस्प्ले करने में मॉनिटर की मदत करता है.

मॉनिटर डिस्प्ले स्क्रीन में लाखो पिक्सेल होते है ,जिन्हे अलग-अलग करके इमेज को डिस्प्ले किया जाता है , जो रोव और कॉलम में स्थित होते है.

पिक्सेल डिस्प्ले में छोटे छोटे बिंदु होते है और यह ये चमकते है, तो इमेज का निर्माण होता है. डिस्प्ले में पिक्सेल जितना अधिक होगा , रेसोलुशन भी उतना ही अधिक होगा।

3.Bandwidth: डाटा की मात्रा को फ्रिज के समय की मात्रा में भेजा जाता जा सकता है. डिजिटल डिवाइस में बैंडविथ bits bytes per second में दर्शाया जाता है. एनालॉग डिवाइस के लिए बैंडविड्थ को cycle per second हर्ट्ज़ दर्शाया जाता है.

4.Refresh rate: डिस्प्ले मॉनिटर में रिफ्रेश रेट यह सुनिश्चित करता है की स्क्रीन को प्रति सेकंड कितनी बार रेफ्रेश करना है.

मॉनिटर में reference rate per minute हर्ट्ज़ में मापी जाती है , इसे frequency और vertical रेफ्रेश रेट भी कहते है. पुराने मॉनिटर की रिफ्रेश रेट 60 हर्ट्ज़ थी और आज के मॉनिटर की रेफ्रेश रेट 75 हर्ट्ज हैं.

5.interlaced or non–interlaced: interlacing डिस्प्ले मॉनिटर एक ऐसी टेक्नोलॉजी , जो विड्थ interlacing मॉनिटर को अधिक रेसोलुशन प्रदान करती है.

6.Dot pitch: वह माप जिसमे एक डिस्प्ले स्क्रीन में प्रत्येक पिक्सेल के बिच में vertical दुरी होती है , जिसे मिलीमीटर डॉट चिप में मापा जाता है , जिससे डिस्प्ले मॉनिटर की गुडवत्ता का पता लगाने का एक विशेष तरीका है.

PC Monitor के लिए Best Brand कौन से हैं?

  • AOC
  • Samsung
  • BenQ
  • LG
  • HP
  • ASUS
  • DELL
  • ACER

Gaming के लिए Best Monitor क्या हैं?

  • ViewSonic ELITE XG350R
  • MSI Optix G27C4 FHD
  • Dell 32 Inch LED Curved Monitor
  • Razer Raptor 27″ Gaming Monitor
  • Samsung 27-Inch
  • Acer XFA240
  • AORUS CV27Q 27 inches

Streaming के लिए Best Monitor क्या हैं?

  • LG 34WK650
  • ASUS VS248H
  • ViewSonic VA2452SM
  • Philips 276E9QDSB 27
  • Lepow 15.6 Inch
  • UPERFECT Portable Monitor

काम के लिए Best Monitor क्या हैं?

  • ViewSonic ELITE XG350R
  • MSI Optix G27C4 FHD
  • Dell 32 Inch LED Curved Monitor
  • Razer Raptor 27″ Gaming Monitor
  • Samsung 27-Inch
  • Acer XFA240
  • AORUS CV27Q 27 inches

Monitor के सामान्य आकार क्या हैं?

  • 19-inch monitors
  • 20-inch monitor
  • 21-inch monitor
  • 22-inch monitors
  • 24-inch monitors
  • 26-inch monitors
  • 30-inch monitors
  • 34-inch monitors
  • 40-inch monitors

FAQ

1.Monitor का आविष्कार किसने किया?

पहला कैथोड रे मॉनिटर का आविष्कार Karl Ferdinand Braun ने 1987 में किया था.

2.मॉनिटर कितने प्रकार के होते हैं?

मॉनिटर के पांच प्रकार सीआरटी (कैथोड रे ट्यूब), एलसीडी (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले), एलईडी (लिक्विड एमिटिंग डायोड), ओएलईडी (ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड), और प्लाज्मा मॉनिटर सभी टीवी या कंप्यूटर डेस्कटॉप में उपयोग किए जाते हैं।

3.मॉनिटर के 5 प्रकार क्या हैं?

मॉनिटर के पांच प्रकार इस प्रकार हैं: 1. LCD (लिक्विड क्रिस्टल डिस्प्ले), 2. LED (लिक्विड एमिटिंग डायोड), 3. OLED (ऑर्गेनिक लाइट एमिटिंग डायोड), 4. CRT (कैथोड रे ट्यूब), और 5. प्लाज्मा मॉनिटर।

4.कौन सा मॉनिटर बेहतर एलईडी या एलसीडी?

LED डिस्प्ले मॉनिटर अन्य डिस्प्ले मॉनिटर की तुलना में अधिक 4K रेसोलुशन प्रदान करते है और अधिक चमकदार भी होते है. इन्हे आप दिन के उजाले में आसानी से पढ़ सकते है.

5.कौन सा बेहतर सीआरटी या एलसीडी?

LCD, CRT मॉनिटर की तुलना में काफी अच्छे होते है , क्यूंकि यह आकार में बहुत भारी होते है और LCD मॉनिटर की तुलना में अधिक बिजली का उपयोग करते है.

6.क्या CRT मॉनिटर अभी भी उपयोग किए जाते हैं?

नहीं , CRT मॉनिटर पुराने टेलीविजन के सेट है. अब इस मॉनिटर का मिलाना में मुश्किल है क्यूंकि इसे बनाने वाली कम्पनी ने भी इसे बनाना बंद कर दिया है.

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