KYC Full Form in Hindi- KYC क्या है? यह क्यों जरूरी है? KYC की पूरी जानकारी

हमारे भारत में तीन वर्ग के लोग रहते है पहला उच्च वर्ग जिनके पास अधिक पैसे होते है, दूसरा मध्यम वर्ग जिनके पास केवल जीने खाने के लिए पैसे होते है और तीसरा निम्न वर्ग जिनके पास पैसे की बहुत ही कमी होती है.

इन वर्ग में से माध्यम वर्ग के लोगो की आबादी सबसे ज्यादा है, ये वही लोग होते है जो अपने जीवन में सबसे ज्यादा बैंको से लोन लेते है. एक ट्रेडिंग इकोनॉमिक के अनुसार भारत में लोन के मूल्य में जनवरी 2021 से जनवरी 2022 में 8.2% की वृद्धि हुई है.

इन आकड़ो से आप समझ सकते है की भारत में आज पहले की तुलना में बैंको से लोन लेने वालो की संख्या कितनी बढ़ गयी है. एक रिपोर्ट के अनुसार, लोन लेने वाले लोगो ने ज्यादातर लोन व्यक्तिगत कामो के लिए लिए है जैसे किसी का इलाज करने के लिए, शादी कराने के लिए, कार ठीक कराने के लिए, घर बनाने के लिए और आदि बहुत से निजी कामो के लिए लोन लिए गए है.

जब कोई बैंक किसी ग्राहक को लोन देती है तो उस बैंक के लिए के लिए यह बहुत ही जोखिम का काम होता है. क्यूंकि उस बैंक को यह नहीं पता होता है की लोन लेने वाला उन्हें पैसे वापिस करेगा या धोखाधड़ी कर देगा।

ऐसी परिस्थिति से बचने के लिए बैंक और अन्य वित्ति संस्थान KYC करवाते है. KYC का फुल फॉर्म होता है { “Know Your Customer}. आसान शब्दों में समझे तो KYC का अर्थ बैंक और वित्ति संस्थान ग्राहक के लिए व्यापार या लोन देने से पहले उनकी पहचान को अपने पास वेरीफाई(सत्यापित) करती लेती है.

यह अभी Kyc का एक छोटा सा परिचय था, अब हम KYC के बारे में विस्तार से विचार करने वाले है. तो Kyc को जानने के लिए Kyc की गंगा में डुबकी लगाते है.

KYC क्या है?

KYC का इंडिया में अर्थ ‘Know Your Customer’ होता है, जिसका हिंदी में अर्थ “अपने ग्राहक को जानना” होता है. यह एक क़ानूनी और अनिवार्य नियामक आवश्यक होता है जिसका इस्तेमाल विशवसनी और स्वतंत्र जानकारी या डॉक्यूमेंट की सहायता से ग्राहक के डिटेल की पहचान और सत्यापन(वेरीफाई) के लिए किया जाता है.

यह Kyc गलत गतिविधियों का पूरी सज्जता से मुकाबला करने में सहायता प्रदान करता है. ऐसा नहीं है की KYC का उपयोग केवल लोन देते समय ही किया जाता है इसे निवेश करते समय या अन्य बैंकिंग लेनदेन में उपयोग किया जाता है. समझ लो की यह एक ऐसा अकाउंटेंट है तो वित्ति संस्थान और बैंको को नुकसान और धोखाधड़ी से बचाता है.

KYC FULL FORM in Hindi- KYC का फुल फॉर्म क्या होता है?

KYC का फुल फॉर्म [” KNOW YOUR CUSTOMER”] होता है. जिसका हिंदी अर्थ “अपने ग्राहक को जाने” होता है.

KYC क्यों जरुरी है?

जैसे की मैने आपको ऊपर बताया की KYC को बैंको और वित्ति संस्थानों से अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए KYC की प्रक्रिया बहुत ही महत्वपूर्ण है. KYC करने पर बैंको और वित्ति संस्थानों को ग्राहक की पूरी जानकारी मिल जाती है जिससे धोखाधड़ी जैसे अवैथ गतिविधिया नहीं होती है.

KYC उन कंपनियों को सहायता प्रदान करता है जो स्टॉक ब्रोकरेज और म्यूच्यूअल फंड्स जैसी सेवाएं प्रदान करती है. KYC बैंको और वित्ति संस्थानों को अनुमति प्रदान करता है की वह किसी कंपनी, मालिक, अथिकृति हस्ताक्षरकर्ताओं की क़ानूनी स्थिति को वेरिफाई कर सके.

भारत में KYC बैंको और वित्ति संस्थानों को ये अनुमति प्रदान करता है:

  • अपने ग्राहक को सटीकता से पहचाने
  • ग्राहक की गतिविधियों की जाँच कर सकते है और आय के स्रोत का निर्धारण करे.

आपको KYC फॉर्म कब भरना होता है?

  • जब आप म्यूच्यूअल फंड्स में निवेश कर होते है तब आपको KYC फॉर्म भरना होता है.
  • जब आप बैंक खाता खोलते है तब भी आपको KYC फॉर्म भरना होता है.
  • एक रेजिस्टर्ड बोर्ड के माध्यम से वित्ति नियोजन सेवाओं के अनुरोध के लिए KYC फॉर्म भरना होता है.
  • क्रेडिट कार्ड, पर्सनल लोन और किसी प्रकार के लोन के लिए KYC फॉर्म भरना होता है.
  • अपने खातों के हस्ताक्षरकर्ताओं और लाभकारी मालिक और आदि को बदलने के लिए KYC फॉर्म भरना होता है.

KYC लोन अप्रूवल में कैसे मदद करता है?

भारतीय रिजर्व बैंक ने सभी बैंको, वित्ति संस्थानों और ऑनलाइन लोन देने वाले प्लेटफार्म को आइडेंटिटी की चोरी, पैसे की धोखाधड़ी, हस्ताक्षर जालसाजी और अवैध गतिविधियों को रोकने के लिए KYC जानकारी प्राप्त करने का निर्देश दिया है.

यह अनिवार्य बैंकिंग आवश्यक है ग्राहक की पहचान सत्यापित करने पर ही लोन लेने के लिए आवेदन किया जा सकता है.

भारत में पर्सनल लोन के लिए KYC दस्तावेज

  • फोटो आइडेंटिटी प्रूफ
  • रेसिडेंस ओनरशिप प्रूफ
  • रेसिडेंस एड्रेस प्रूफ
  • जॉब कंटिन्यू प्रूफ
  • इनकम प्रूफ
  • बैंक स्टेटेमेंट
  • इन्वेस्टमेंट प्रूफ
  • पासपोर्ट साइज फोटो रंगीन फोटो के साथ

eKYC क्या है?

पहले KYC करने की प्रक्रिया बहुत ही जटिल थी और सभी को अनुरोधित डॉक्यूमेंट की एक हार्ड कॉपी जमा करनी पड़ती थी. हालाँकि अब KYC की नीतियों ने इस प्रक्रिया को तेज और आसान बना है.

eKYC करने के लिए आपको कोई पेपर की आवश्यकता नहीं होती है इसमें KYC की पूरी प्रक्रिया डिजिटल होती है. आज में अधिकतर वित्ति संस्थान eKYC की सेवा प्रदान करती है.

KYC के फायदे क्या है?

KYC के फायदे इस प्रकार है:

  • ग्राहक के पहचान(identity) का पता चलता है.
  • यह हमें ग्राहकों के गतिविधियों के बारे में समझने में मदत करता है.
  • बैंक या वित्ति संसथान के पैसे के साथ धोखाधड़ी न हो इस नजर रखता है.

KYC Verification के प्रकार

KYC Verification के दो प्रकार है:

Aadhaar-based KYC:

आधार कार्ड पर आधारित KYC Verification ऑनलाइन किया जाता है. आप इसमें आधार-ओटीपी आधारित ऑनलाइन KYC या आधार-आधारित बिओमेट्रिक KYC का विकल्प चुन सकते है. इस बात रखे की आधार-ओटीपी आधारित ऑनलाइन KYC विकल्प चुनते है तो आप एक वर्ष में केवल ₹ 50,000 पर फंड तक ही निवेश कर सकते है.

In-person KYC verification:

आप नाम से समझ सकते है की इस KYC में वेरिफिकेशन ऑफलाइन किया जाता है. In-person KYC verification को पूरा करने के लिए आपको बैंक शाखा, फंड हाउस कार्यालय, KYC kiosk पर जा सकते है.

आप आधार-आधारित बिओमेट्रिक्स का उपयोग करके अपने घर पर ही KRA (KYC Registration Agency) कार्यकारी सेवाओं को अनुरोध कर सकते है या वीडियो कॉल के माध्यम से IPV को पूरा कर सकते है. यदि आप in-person KYC verification करते है तो आप जितना चाहे उतना पैसे इन्वेस्ट कर सकते है.

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KYC की वेरिफिकेशन प्रक्रिया क्या है?

KYC की प्रक्रिया तीन तरीको से पूरी की जाती है जो निचे एक-एक करके बताये गए है:

1.Aadhaar OTP-based Online KYC

Aadhaar OTP-based Online KYC की प्रक्रिया निचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करके की जाती है:

  • बैंक की वेबसाइट, KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी या फण्ड हाउस पर जाये।
  • “KYC वेरिफिकेशन” का विकल्प चुने।
  • आधार कार्ड के अनुसार मांगी गयी जानकारी को दर्ज करे.
  • आधार कार्ड रजिस्टर्ड मोबाइल नंबर पर भेजे गए OTP का उपयोग करके प्रमाणित करे.
  • KYC एप्लीकेशन को सबमिट करे.

सबमिट करने के बाद, UIDAI (Unique Identification Authority of India) और KRA आपके KYC एप्लीकेशन को वेरीफाई और स्वीकृति देते है. बाद में आप KRA की वेबसाइट पर जाकर अपने पैन कार्ड डिटेल का उपयोग करके स्थिति की जाँच कर सकते है.

2.Aadhaar-based Biometric Authentication

Aadhaar-based Biometric Authentication को पूरा करने के लिए निचे स्टेप्स को फॉलो करे:

  • बैंक की वेबसाइट, KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी या फण्ड हाउस पर जाये।
  • ऑनलाइन KYC के लिए ऊपर बताये गए स्टेप्स का पालन करे.
  • biometric authentication के लिए अनुरोध करे.
  • अब एप्लीकेशन को सबमिट कर दे.

एक कार्यकारी व्यक्ति एप्लीकेशन फॉर्म में दिए गए एड्रेस पर जायेगा। इस कार्यकारी को आपको अपना बिओमेट्रिक प्रदान करना होगा और बेसिक डॉक्यूमेंट देने होंगे। ये सब एक बार वेरीफाई होने के बाद KYC एप्लीकेशन प्रोसीड और स्वीकृत हो जाएगा।

3.KYC Verification Offline

KYC Verification Offline करने के लिए निचे दिए गए स्टेप्स को फॉलो करे:

  • बैंक की वेबसाइट, KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी या फण्ड हाउस पर जाये और KYC फॉर्म को इंस्टाल कर ले.
  • इसके बाद फॉर्म को भरना शुरू करे और उसमे आधार कार्ड और पैन कार्ड के डिटेल भरना न भूले।
  • आइडेंटिटी की पहचान और एड्रेस की पहचान के लिए KYC डॉक्यूमेंट में से एक की कॉपी प्रदान करे.
  • बैंक की वेबसाइट, KYC रजिस्ट्रेशन एजेंसी या फण्ड हाउस पर जाये।
  • एक कार्यकारी को एप्लीकेशन सबमिट करे.
  • आपको अपना बायोमेट्रिक प्रदान करने की भी जरुरत पड़ सकती है.

KYC एप्लीकेशन को सबमिट करने के बाद, आपको एक एप्लीकेशन नंबर मिलेगा। इस नंबर का उपयोग आप KYC वेरिफिकेशन में कर सकते है.

KYC के लिए कौन से जरूरी डॉक्यूमेंट है?

जब भी हम आइडेंटिटी वेरिफिकेशन की बात करते है तो भारत सरकार के द्वारा 6 डॉक्यूमेंट वैध बताये गए है, ये डॉक्यूमेंट दो श्रेणी में ,इस प्रकार है:

1.Proof of identity

  • पेन कार्ड
  • आधार कार्ड , पास पोर्ट और ड्राइविंग लिनसन्स
  • सेंट्रल/स्टेट डिपार्टमेंट, स्टैटस्टोरी/ रेगुलेटरी अथॉरिटीज द्वारा जारी की गयी फोटो के साथ आईडी कार्ड।
  • बैंक या सार्वजानिक वित्ति संस्थान द्वारा जारी की गयी आईडी कार्ड।
  • कॉलेज और विश्वविद्यालय द्वारा दी गयी आईडी कार्ड।

2.Proof of address

  • पास पोर्ट, वोटिंग आईडी, पट्टा समझौता, राशन कार्ड, हाउस बिल , बिमा , पानी बिल
  • घर की बिजली का बिल या गैस का बिल जो 3 साल पुराना हो.
  • बैंक डिटेल
  • सेंट्रल या स्टेट सरकार द्वारा जारी किया आईडी कार्ड जिसमे आपका एड्रेस हो.
  • नोटरी पब्लिक, बैंक मैनेजर,संसद ,या अनुसूचित सहकारी बैंको द्वारा जारी किया गया निवास का प्रमाण।

3.Income Proof

  • इनकम टैक्स रिटर्न्स
  • सैलरी स्लिप
  • बैंक स्टेटमेंट

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कौन से बैंक KYC सेवा प्रदान करते हैं?

KYC सेवा प्रदान करने वाले बैंको में स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया(SBOI), एक्सिस बैंक, एचडीएफसी बैंक ,आरबील बैंक,और एटीसी।आप इन बैंको से ऑनलाइन या ऑफलाइन KYC कर सकते है.

FAQ: KYC से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न

KYC करने की प्रोसेस फ्री है?

हां, KYC करने की पूरी प्रक्रिया फ्री होती है.

क्या मैं केवाईसी पूरा किए बिना निवेश कर सकता हूं? क्या मुझे दूसरे निवेश के लिए फिर से केवाईसी शुरू करनी होगी?

नहीं, बिना KYC रजिस्ट्रेशन किये आप कोई भी निवेश नहीं कर सकते है.

क्या KYC सुरक्षित है?

हां, KYC Registration Agencies (KRA) द्वारा बनाया गया KYC एक सुरक्षित और सरल प्रक्रिया है.

KYC स्टेटस कैसे चेक करें?

KYC स्टेटस को चेक करने के लिए आप एप्लीकेशन पोर्टल पर एप्लीकेशन नंबर या पैन कार्ड नंबर से चेक कर सकते है.

निष्कर्ष

यदि आपको लगता है की KYC के बारे बताने में मुझसे कुछ छूट गया है तो आप निचे कमेंट करके जरूर बताइये।

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