ABS सिस्टम क्या है (यह कैसे काम करता है?) इसके प्रकार, पार्ट्स, फायदे और नुकसान

ABS क्या है? ABS का पूरा नाम एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम है, यह एक ऐसा सिस्टम है जो घबराहट के समय में ब्रेक लगाने पर पहियों को लॉक होने से रोकता है. अगर आपके कार में ABS नहीं होगा तो कार या बाइक के पहिये जल्दी से घूमना बंद कर दते है और जब घबराहट में आप ब्रेक लगाते है तो आपकी कार या बाइक अपनी जगह से फिसलने लगती है.

ABS या एंटी-स्किड ब्रेकिंग सिस्टम का मुख्य योगदान ब्रेक के दबाव को परिवर्तित करके पहियों के भारी ब्रेकिंग के तहत लॉक होने से रोकने में होता है. कार या बाइक में ABS क्या है इसे समझने के लिए चलिए एक उदहारण की मदत लेते है.

कल्पना कीजिये, आप हाईवे पर 80 से 90 किमी प्रति घंटा की गति से कार चला रहे है और अचानक से आपके सामने कोई पैदल यात्री आ जाता है. उस पैदल यात्री से टकराने से बचने के लिए आप घबराहट में ब्रेक पर पाव लगा देते है, तो चलिए समझते है की कार में अगर ABS है तो क्या होगा और अगर ABS नहीं है तो क्या होगा।

ABS के साथ: अगर आप के कार में ABS है तो जब आप ब्रेक पर पाव लगाएँगे तो ABS पहियों को लॉक होने से रोकने के लिए कार्य करना शरू कर देता है. ABS ब्रेक के दबाव को नियंत्रित कर लेता है और पहियों को लॉक होने से रोक देता है. इससे आपकी कार थोड़ी दूर पर सुरछित रुक जाएगी और आप खतरे से बच जाएंगे।

ABS के बिना: अगर आपके कार के ABS नहीं है तो जब आप ब्रेक पर पाव लगाएँगे तो पहियों को लॉक होने से रोकने वाला कोई नहीं होता है, जिससे आपकी कार फिसलने लगती है. ऐसा होने पर आप अपने ही कार में यात्री बन जाते है, आपका अपने कार की ब्रेक या स्टेरिंग पर कोई नियंत्रण नहीं होता है. जिसके परिणामस्वरूप आपकी कार सड़क से सतह पर फिसलने लगेगी और बड़ा हादसा हो जायेगा.

अभी तक आपने ABS के बारे में जितना जाना यह तो इसका केवल परिचय था. अभी तो हम आपको विस्तार से बतायंगे की ABS क्या होता है, ABS कैसे कार्य करता है , ABS के उपयोग , विशेषताएं फायदे, नुकसान और इससे जुड़े कुछ महत्वपूर्ण जानकारी। तो चलिए ज्यादा समय व्यर्थ न करते है हुए ABS के ज्ञान की गंगा में डुबकी लगाते है और इसमें से मिले कुछ अनमोल ज्ञान की मोतियों से अपना जीवन सफल करते है.

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम क्या है? (What is ABS System in Hindi)

एक एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम एक सुरक्षा डिवाइस है जिसे ऑटोमेटिव सिस्टम के द्वारा डिज़ाइन किया गया है. इस डिवाइस को इसलिए बनाया है की आपातकालीन स्थिति में वाहनों पर ब्रेक लगाने पर पहियों को लॉक होने से बचाया जा सके.आज के समय में जितने भी वाहन मार्केट में आ रहे है उन सभी में इस सिस्टम को डाला जा रहा है.

एक एंटी-लॉक ब्रेक सिस्टम एक सेफ्टी एंटी-स्किड ब्रेकिंग सिस्टम के रूप में जाना जाता है , जिसका उपयोग जहाज, मोटर साइकिल, कार, बस, ट्रक जैसे वाहनों में किया जाता है. यह ड्राइवर को वाहन पर नियंत्रण रखने की अनुमति प्रदान करता है ,क्यूंकि ये ब्रेक लगाने के समय में पहियों को लॉक होने से रोकता है.

ABS threshold ब्रैकिंग और cadence ब्रैकिंग के आटोमेटिक सिद्धांत के ऊपर काम करता है. ABS काफी तेजी से काम करता है और ड्राइवर को इसे नियंत्रण करने में कोई परेशानी नहीं होती है. ABS का नया वर्शन न केवल ब्रेक लगाने के समय पहियों लॉक होने से रोकता है बल्कि front-wheel-brake bias को भी बदल देता है.

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के कार्य (Functions of ABS system in Hindi)

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के कुछ कार्य नीचे दिए गए:

  • ABS सिस्टम का पहला उदेश्य यह होता है की मुश्किल समय में वाहन को चला रहे ड्राइव का वाहन पर पूर्ण रूप से नियंत्रण हो.
  • इसमें एक नियंत्रक होता है जो हर समय स्पीड सेंसर पर नजर बनाये रखता है. यह सामान्य रूप से पहियों के लॉक होने से पहले , पहियों में deceleration की जांच करता है. अगर किसी कारण की वजह से कभी ये जाँच नहीं होती है तो ब्रेक लगाने पर पहिया जितनी से जल्दी रुकता था ,उससे कई अधिक जल्दी रोकेगा।
  • यह कम फिसलन वाली सड़क पर वाहन चलाते समय सामान्य रूप से ब्रेकर आने पर ब्रेक पर पाव लगाने की आवश्यकता को समाप्त कर देता है.
  • वाल्व के बंद और खुले होने के कारण सिस्टम के प्रचालन में होने पर वाहन चालक को ब्रेक पेंडल में स्पंदन का अनुभव होता है, स्पंदन वाहन चालक तो बताता है की ABS काम कर रहा है.
  • ABS कंट्रोलर एक ऐसा प्रोग्राम है जिससे हमें यह पता चलता है की कार को तेजी से धिमा करना असंभव है. इसका मतलब यह है की जब आप किसी वाहन को तेजी से चला रहे है और उसे धीमा करना है ,तो पहिया फिसलने लगेगा , इसलिए यह उस ब्रेक को लेने के दबाव को तब तक कम कर देता है जब आप त्वरण का अनुभव न कर ले.

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के घटक (Components of ABS system in Hindi)

ABS सिस्टम के कुछ घटक है जिनके कार्य नीचे दिए गए है;

Speed sensors: Speed sensor को encoder के रूप में जाना जाता है क्यूंकि यह पहिया के acceleration ( गतिवृद्धि) को निर्धारित करने में सहायता करता है. यह घटक सिग्नल को उत्पन करने के लिए एक चुंबक और एक हाल इम्पैक्ट सेंसर या एक दंतुरित पहिया और एक विद्युत् चुंबकीय कुण्डल के साथ काम करता है.

जैसे ही पहिया घूमता है , यह सेंसर चारो ओर एक चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण कर देता है, जो सेंसर में विद्युत् दाब उत्पन कर देता है. धीमी गति होने पर सेंसर गलत हो जाता है क्यूंकि पहिया के धीमे से घूमने से चुम्बिक क्षेत्र में गलत उतार-चढ़ाव आ जाता है.

Valves: एंटी-लॉक ब्रेक सिस्टम में Valves नाम का एक घटक होता है. इसे ABS के द्वारा कंट्रोल किया जाता है और सामान्य तौर पर ये किसी न किसी सिस्टम में तीन जगहों पर होते है.पहले जगह में, Valve मास्टर सिलिंडर से दबाव को ब्रेक से पास होकर जाने की अनुमति प्रदान करता है. दूसरी जगह में, Valve मास्टर सिलिंडर से ब्रेक को अलग करके लाइन को ब्लॉक कर देता है, ऐसा करने से दबाव को बढ़ने से रोका जा सकता है. तीसरे जगह में, Valve ब्रेक से कुछ दबाव को छोड़ता है.

Controller: कंट्रोलर एक ECU डिवाइस के रूप में कार्य करता है क्यूंकि यह प्रत्येक Wheel speed sensor से जानकारी प्राप्त करता है। यदि पहिया लॉक हो जाता है तो कंट्रोलर को एक सिग्नल भेजा जाता है. कंट्रोलर ब्रेक फ़ोर्स(EBD) को सिमित करता है और फिर ABS Modulater को चालू करता है जो ब्रेकिंग Valve को चालू और बंद करता है.

Pump: फंक्शन पंप हाइड्रोलिक ब्रेक पर दबाव को रिस्टोर करने के बाद वाल्व को छोड़ने के लिए होते है. एक कंट्रोलर एक सिग्नल दिखता है जो पहिया में चूक का पता लगने पर वाल्व को छोड़ देता है. जैसे ही कोई वाल्व चालक द्वारा लगाए गए दबाव को छोड़ता है पंप ब्रेकिंग सिस्टम पर वांछित मात्रा में दबाव रिस्टोर करता है. इसके बाद कंट्रोलर वांछित मात्रा में दबाव प्रदान करने और फिसलन को कम करने के लिए पम्प की जगह को परिवर्तित करता है.

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के प्रकार (Type of ABS System in Hindi)

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के कुछ प्रकार है जो नीचे दिए गए है. चलिए इनके बारे में एक -एक करके जानते है.

Four-channel, four-sensor ABS

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के इस प्रकार में चार पहियों पर एक स्पीड सेंसर और सभी चार पहियों के लिए एक अलग वाल्व होता है. यह व्यवस्था कंट्रोलर को प्रत्येक पहिये को व्यक्तिगत रूप से मॉनिटर करने की अनुमति प्रदान करता है और यह निश्चित करता है की ज्यादा से ज्यादा FORCE(बल) प्राप्त हो.

Three-channel, four-sensor ABS

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के इस प्रकार में चार पहियों पर एक स्पीड सेंसर और प्रत्येक Front पहिये के लिए अलग से वाल्व होता है. पीछे के दोनों पहियों के लिए एक वाल्व लगाया जाता है. मुख्य रूप से इस प्रकार के ABS का उपयोग चार पहिये वाले वाहनों में किया जाता है.

Three-channel, three-sensor ABS

इस प्रकार के सिस्टम में आगे के पहिये के लिए एक स्पीड सेंसर और एक Valve होता है. पीछे के दोनों पहियों के लिए एक Valve और एक सेंसर होता है. इस प्रकार के सिस्टम का उपयोग आमतौर पर चार पहियों वाले पीकअप ट्रको में किया जाता है.

इस प्रकार के सिस्टम में आगे के पहिये में व्यक्तिगत कंट्रोल प्रदान किया जाता है ,ताकि ज्यादा से ज्यादा ब्रेकिंग बल मिल सके. सिस्टम को पीछे की तरफ चालू करने से पहले पिछले पहिये को लॉक करना होगा, हालाँकि पहियों की निगरानी की जाती है.

इस प्रकार के सिस्टम में यह संभावना होती है की पीछे के पहियों में से एक स्टॉप के समय लॉक हो जाता है. इस सिस्टम को पहचानना काफी ज्यादा आसान होता है क्यूंकि इसके पीछे के पहिये के लिए कोई व्यक्तिगत सेंसर नहीं होता है.

Two-channel, four-sensor ABS

यह सिस्टम उन कारो में पाई जाती है जो 80 के दशक से 90 के दशक के मध्य तक मौजूद थे. यह एक-एक पहिये पर एक स्पीड सेंसर और एक जोड़ी के रूप में पीछे और आगे के एक-एक पहिये के लिए एक कंट्रोलर वाल्व के साथ कार्य करता है. यदि किसी व्यक्तिगत पहिये में स्पीड सेंसर के द्वारा किसी लॉक-अप का पता लगाया जाता है ,तो कंट्रोलर मापक कार के उस हिस्से पर दोनों पहियों के लिए वाल्व को स्पंदित करता है.

One-channel, one-sensor ABS

इस सिस्टम में एक वाल्व होता है जो पीछे के दोनों पहियों को कंट्रोल करता है, इसमें रियर एक्सल में स्थित one-speed sensor भी होता है. इसके कार्य करने का तरीका बिलकुल three-channel system की तरह ही होता है. पिछले पहियों की देख रेख की जाती है और ABS के लॉक होने से पहले उसे लॉक करना पड़ता है. इस सिस्टम में यह भी संभावना होती है की पिछले पहियों में से एक लॉक हो जाता है ,जिससे ब्रेक का प्रभाव कम हो जाता है.

ABS सिस्टम कैसे काम करता है? (How does the ABS system work in Hindi)

एक एंटी-लॉक ब्रेक सिस्टम रेगुलर ब्रेक सिस्टम के साथ कार्य करता है ,क्यूंकि यह आटोमेटिक उन्हें पंप करता है. यह उन वाहनों के चालक द्वारा किया जाता है जो सिस्टम से सुसज्जित नहीं होते है, जो पहिये को लॉक होने से रोकता है.

जिन वाहनों में ABS नहीं होता है, वाहन चालक को पाव पैडल पर मजबूती से रखना चाहिए ,जबकि ABS ब्रेक को आटोमेटिक रूप से पंप करता है. यह वाहन चालक को वाहन के स्टेरिंग पर ध्यान देने की अनुमति प्रदान करता है.

ABS के चालू होने के कारण ब्रेक पेंडल में कंपन(स्पंदन) होता है जिससे अनुभवहीन वाहन चालक को लगता है की ब्रेक फेल हो गया है. कुछ सिस्टम को acceleration और ब्रेक एप्लीकेशन के बिच के समय की निगरानी करने के लिए डिज़ाइन किया गया है. सिस्टम आटोमेटिक ब्रेक फोर्स (बल) को बड़ा देता है जब दबाव की आवश्यकता होती है.

एंटी-फोर्स ब्रेकिंग सिस्टम भारी ब्रेकिंग के समय पहियों की निगरानी करता है. प्रकार के आधार पर हर एक पहिये में एक सेंसर होता है जो यह पता लगाता है की कौन सा पहिया कब लॉक होने वाला है , तब जाकर सिस्टम ब्रेक जारी करता है.

ABS लगातार हर एक पहिये पर optimum braking pressure डालता है जिससे ब्रेकिंग के लेवल पर प्रभाव पड़ता है और पहिया पूरी तरह से लॉक नहीं होता है. ऐसा होने पर वाहन का फिसलने का खतरा कम हो जाता है , इससे वाहन चालक को पता चलता है की वाहन पर ब्रेक लगाते ही वाहन तुरंत नहीं रोक सकती.

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के फायदे (Advantages of ABS system in Hindi)

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के फायदे निचे दिए गए है;

  • ABS पहियों को लॉक होने और फिसलने से रोकता है. ABS सिस्टम जीवन को बचाने का विश्वास देता है जिससे चालक का वाहन पर सम्पूर्ण नियंत्रण होता है.
  • इस सिस्टम के प्रभाव के कारण, अब सभी वाहनों में इसका उपयोग करना कानून द्वारा अनिवार्य कर दिया गया है. इससे वाहनं चालक के लिए कम बिमा लागत पर सिस्टम को खरीदना आसान हो गया है.
  • आधुनिक ABS को कर्षण नियंत्रक प्रणाली के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो मार्ग पर सभी वाहनों को कर्षण की अनुमति देता है.

एंटी-लॉक ब्रेकिंग सिस्टम के नुकसान (Disadvantages of ABS System in Hindi)

आधुनिक समय में जो भी टेक्नोलॉजी बनाई गयी है ,उनके अगर कुछ फायदे है तो कुछ नुकसान भी है. ऐसे ही ABS के फायदे होने के बावजूद इसके कुछ नुकसान भी है जो निचे बताये गए है;

  • ABS सिस्टम बहुत ही नाजुक होता है. इस सिस्टम के लिए ब्रेक में समस्या पैदा करना काफी सरल होता है जैसे ABS का विचलन , जहा ब्रेक सेंसर की वजह से वाहन कापने लगता है.
  • कार के मॉडल के आधार पर ABS सिस्टम महंगा हो सकता है. प्रत्येक पहिये पर लगे सेंसर में खराबी आने से उसकी मरम्मत करने में काफी खर्चा हो सकता है. भारत में अपने वाहनों में ABS न लगवाने का यह मुख्य कारण है.
  • ABS वाहन के फिसलने के समय में आदर्श ब्रेकिंग सुनिश्चित करता है , लेकिन कुछ यूजर अनुचित स्टॉप समय की शिकायत करते है.

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