Speaker क्या है? इसके प्रकार, कार्य, उपयोग, भाग- What is Speaker in Hindi

स्पीकर क्या है? अगर आप जानना चाहते है की स्पीकर क्या है ,इसके प्रकार और कार्य क्या है? तो आज आप सही जगह पर आये है , आज मैं आपको स्पीकर से जुडी सभी प्रकार की जानकारी देने का सम्भवतः प्रयास करूँगा। आज इस पोस्ट के माध्यम से आप बहुत कुछ सिखने वाले है , तो चलिए ज्ञान के गंगा की कुछ बुँदे अपने अंदर भी अवशोषित करते।

स्पीकर क्या है? (What is Speaker in Hindi)

कंप्यूटर स्पीकर एक आउटपुट डिवाइस है , जो ध्वनि को उत्पन्न करने के लिए कंप्यूटर से कनेक्टेड होता है , यह इलेक्ट्रिकल एनर्जी को मैकेनिकल एनर्जी में बदल देता है. सिग्नल का उपयोग करके ध्वनि को उत्पन्न किया जाता है और यह ध्वनि हमें कंप्यूटर से जुड़े स्पीकर से सुनाई देती है. कंप्यूटर के साउंड कार्ड का उपयोग करके इसे बनाया गया है , IBM ने 1981 में पहला आंतरिक कंप्यूटर निर्मित किया था , जिसकी साउंड की गुडवत्ता बहुत ही खराब थी.

एक स्पीकर किस तरह से कार्य करता है , यह तीन बातो पर निर्भर करता है.

Frequency: Frequency का उपयोग कंप्यूटर स्पीकर से निकल रहे ध्वनि की सिमा को मापने के लिए किया जाता है.
THD: THD का उपयोग एम्पलीफायर द्वारा प्रदान किये गए सिग्नल की ध्वनि की प्रकृति को मापने के लिए किया जाता है.
Watts: Watts: स्पीकर में उपलब्ध एम्पलीफायर की मात्रा है.

स्पीकर के प्रकार क्या है? (Types of Speaker in Hindi)

1.Sub-woofers

Sub-woofers बहुत ही कम frequency की ध्वनि उत्पन्न करते है , जिसकी सिमा केवल 20 से 200 Hz के बिच में ही होती है. Sub-woofers एक omnidirectional स्पीकर है. आज के समय में , कुछ ही डेस्कटॉप कंप्यूटर में इनका उपयोग किया जाता है. Sub-woofers का विशेष रूप से उपयोग कारो और होम थिएटर में किया है.

2.Studio Monitors

व्यावसायिक ऑडियोफाइल्स अधिकतर वोकल और म्यूजिक स्टूडियो मॉनिटर में उपयोग किये जाते है. स्टूडियो मॉनिटर बहुत ही अच्छी तरह से instruments बजाने और casual सुनने के लिए अच्छे होते है. स्टूडियो मॉनिटर में टोन और म्यूजिक को क्लियर करने की क्षमता होती है.

3.Loudspeakers

स्पीकर के प्रकारों में लाउडस्पीकर एक सामान्य स्पीकर है , जिसे हम और आप कई बार पार्टी या किसी त्योहार में बजते हुए जरूर देखे होंगे। अगर हम कुछ समय पहले बात करे , तो लाउडस्पीकर का उपयोग रेडियो और टेलीविशन से धवनि प्राप्त करने के लिए किया जाता था.

आज की बात करे तो इसका अधिकतर उपयोग मंच से भाषण देने के लिए या जहा पर ज्यादा भीड़ हो वहा पर किया जाता है. लाउडस्पीकर को सेट करने के लिए अत्यधिक स्थान की आवश्कता पड़ती है , लेकिन विकाश चालू है और कुछ कैसे लाउडस्पीकर आ रहे है , जो आकार में छोटे है और उच्च गुडवत्ता की ध्वनि उत्पन्न करते है.

लाउडस्पीकर के अंदर ज्यादा वूफर और मिड-रेंज स्पीकर होते है , जिसने ध्वनि की पूरी श्रृंखला का निर्माण किया जाता है. इसका फायदा यह होता है की अलग-अलग स्पीकर को खरीदने में पैसे की बर्बादी कम होती है.

4.Bluetooth Speakers

ब्लूटूथ स्पीकर वायरलेस टेक्नोलॉजी का उपयोग करके बनाये जाते है. ये अत्यधिक पोर्टेबल होते है , जिन्हे आप किसी भी समय कही पर भी लेकर जा सकते है. ब्लूटूथ स्पीकर हमें उच्च गुडवत्ता की धवनि प्रदान करते है , जिसे हम किसी भी ऑडियो डिवाइस से जोड़ सकते है.

ब्लूटूथ स्पीकर को आप आउटलेट से भी जोड़ सकते है और वायरलेस स्पीकर को चार्ज करके इसका उपयोग कर सकते है. आज के समय में ब्लूटूथ स्पीकर काफी लोकप्रिय है ,क्यूंकि यह विभिन्न आकारों और रंगो में आते है.

5.USB Speaker:

USB स्पीकर को वायरलेस स्पीकर के रूप में भी जाना जाता है. USB स्पीकर का उपयोग करने के लिए आपको इसे अपने कंप्यूटर से जोड़ना आवश्यक है. USB स्पीकर केवल निर्धारित सिमा के अंदर ही कार्य करते है और आप उस सिमा के बिच कही पर भी रख सकते है. USB स्पीकर उच्च गुडवत्ता की ध्वनि उत्पन्न करता है.

6.Dynamic Speaker

डायनामिक स्पीकर ,स्पीकर के सामान्य प्रकारों में से एक है , ये सामान्य तोर पर अप्रतिरोधी होते है. डायनामिक स्पीकर में एक या एक से अधिक वूफर ड्राइव और ट्वीटर ड्राइव होते है. डायनामिक स्पीकर कम frequency की ध्वनि उत्पन्न करने के लिए जाने जाते है. किसी स्थिति में , प्रोफेशनल स्पीकर के पीछे भी ड्राइव होते है , जो ध्वनि को बढ़ाने का कार्य करते है.

7.Electrostatic Speaker

इलेक्ट्रोस्टैटिक स्पीकर , स्पीकर का ही एक प्रकार है , जो उन लोगो के लिए एक बहुत बढ़िया पसंद है ,जो crisp और विस्तार में ध्वनि को उत्पन करना चाहते है. इलेक्ट्रोस्टैटिक स्पीकर को बाहरी पावर स्रोत की आवश्यकता होती है ,इसलिए इलेक्ट्रोस्टैटिक स्पीकर हमेसा बाहरी पावर के आउटलेट के साथ जोड़े जाते है.

ज्यादातर स्थिति में, इलेक्ट्रोस्टैटिक स्पीकर उच्च frequency पर सबसे अधिक उपयोग किये जाते है और ये कम frequency वाले स्पीकर के लिए आदर्शपूर्ण नहीं है।

8.Computer Speaker

पहले के कंप्यूटर स्पीकर आकार में छोटे होते थे और इन्हे कंप्यूटर में मदरबोर्ड के साथ कनेक्ट किया जाता था. कुछ समय बाद, इसके साथ एक साउंड कार्ड को जोड़ना सुरु कर दिया ताकि यूजर प्लगइन की मदत से अपने हेडफोन को आसानी से सुन सके.

उस समय के जो स्पीकर होते थे वे ज्यादा शक्तिशाली नहीं होते थे , केवल 8-bit या 16-bit ध्वनि ही काम करते थे. कंप्यूटर स्पीकर की इस वर्तमान जनरेशन ,सामान्य तौर पर 2.1 है, जो casual सुनने वालो के लिए बिलकुल सही है.

9.Satellite Speakers

satellite speakers आकार में बहुत छोटे होते है और ये वायर्ड के होने के साथ-साथ बिना बिजली के भी होते है और इनके पास पहले से ही एक सबवूफर होता है. इस प्रकार के स्पीकर में सामान्य तौर पर ट्विटर के साथ मिड-बास स्पीकर भी होता है. इसमें जो सबवूफर होता है , यह satellite speakers के लिए बिजली के स्रोत होते है और इन्हे आप घर में कही पर भी लगा सकते है.

स्पीकर कैसे काम करते हैं? (How do speakers work in Hindi)

स्पीकर का सबसे आवश्यक कार्य होता है , इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगो को ध्वनि तरंगो में परवर्तित करना। स्पीकर ऑडियो डिवाइस या कंप्यूटर से इलेक्ट्रिक इनपुट प्राप्त करता है , यह आगे और पीछे होने की वजह से इसे करंट भेजता है. यह स्पीड बाहरी cone को स्पंदन(Vibrate) करती है , जिससे ध्वनि उत्पन्न होता है.

दो प्रकार के इनपुट होते है , एनालॉग और डिजिटल, एनालॉग स्पीकर आराम से एनालॉग इलेक्ट्रो मैग्नेटिक तरंगो को ध्वनि तरंगो में परिवर्तित कर देते है. परन्तु डिजिटल स्पीकर डिजिटल सिग्नल को एनालॉग सिग्नल में convert कर देते है.

कंप्यूटर में स्पीकर का उपयोग (Use of Speaker in Computer in Hindi)

  • यह कंप्यूटर के ऑडियो साउंड को अच्छी गुडवत्ता में निवेदित करने का कार्य करता है.
  • इन स्पीकर की मदत से आप अपने मन पसंद MP3 गाने और ट्यून बजा सकते है.
  • आप अपने कंप्यूटर में किसी भी मल्टीमीडिया प्लेटफॉर्म(फेसबुक , ट्विटर , यूट्यूब और अदि) को आसानी से सुन सकते है.
  • स्पीकर का उपयोग आप अपने पसंदीदा गाने या वीडियो को देखने के लिए कर सकते है.

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स्पीकर के अंदर क्या है? (What’s inside the speaker in Hindi)

अधिकतर स्पीकर बहुत से पार्ट्स में मिलकर बने हुए होते है , जो धवनि को उत्पन्न करने का काम करते है.

Permanent magnet: गति को सुलभ बनाने के लिए voice coil के चारो ओर एक स्थिर चुंबकीय क्षेत्र प्रदान करने के लिए एक स्थाई चुंबक का उपयोग किया जाता है.

Voice coil and bobbin: गति को सुलभ बनाने के लिए voice coil के चारो ओर एक स्थिर चुंबकीय क्षेत्र प्रदान करने के लिए एक स्थाई चुंबक का उपयोग किया जाता है. एक बहुत लंबा और मजबूत wound wire coil , जिसे voice coil भी कहा जाता है. एक amplifier से संगीत सिग्नल से बिजली प्रवाहित होने पर एक चुंबकीय क्षेत्र का निर्माण करता है.

Spider or suspension: स्पाइडर एक तरंगमय आकार की पतली बनी हुई सामग्री है, जो वॉयस कॉइल बॉबिन असेंबली को सपोर्ट करती है और cone को स्थानांतरण करने में मदत करती है.

Cone (diaphragm) and dust cap: यह एक cone के आकार का एक तत्व है जो हवा को स्थानांतरण करने और ध्वनि को उत्पन्न करने के लिए चुम्बक और वॉइस कोइल द्वारा एक साथ लिया जाता है. डस्ट कैप एक पतला मटेरियल है ,जो धूल और गंदगी को बाहर रखने के लिए केंद्र में छिद्र को कवर करती है.

Speaker basket: बास्केट एक कास्ट मेटल और स्टम्पेड मेटल फ्रेम होता है , जो स्पीकर के पार्ट्स के जुड़ा हुआ होता है जो सभी को जोड़ कर रखता है. यह speaker assembly को एक बॉक्स में mount करने का तरीका प्रदान करता है.

Speaker terminals and braided wire: स्पीकर टर्मिनल मेटल के टैब या कनेक्टर होते है जो स्पीकर के तार को स्पीकर से कनेक्ट करते है. यह एक लचीले लट वाले तार का उपयोग करके वॉइस कोइल के साथ कनेक्ट होते है ,जो cone के साथ चलते है.

Surround: यह एक लचीला और टिकाऊ गोलाकार मटेरियल है , जो cone के शीर्ष किनारे को बास्केट से जोड़ता है.

एक Speaker Cone क्या करता है?

एक स्पीकर cone ,जिसे डायफ्राम के नाम से भी जाना जाता है कंप्यूटर स्पीकर का मुख्य पार्ट होता है , यह बार-बार हवा को तेजी से आगे-पीछे करने पर ध्वनि तरंग का निर्माण करता है.

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