ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या होती है? Offline vs Online Trading

😊✍आजकल भारत में लोगो की दिलचस्पी शेयर मार्केट या स्टॉक मार्केट में बढ़ने लगी है, यदि आप भी उनमे से ही है तो यह जानकारी आपके लिए भी बहुत फायदेमंद होने है.

शेयर बाजार में एक बहुत ही चर्चित शब्द है ऑनलाइन ट्रेडिंग जिसपे आज का यह पूरा लेख लिखा गया है. इस लेख में आपको जानने को मिलेगा की ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है? ऑनलाइन ट्रेडिंग सही है या ऑफलाइन ट्रेडिंग और अंत में सबसे महत्वपूर्ण बात यह कैसे काम करती है?

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या है?

ऑनलाइन ट्रेडिंग का सीधा अर्थ है फिनांशल प्रोडक्ट की ऑनलाइन लेनदेन करना। अब के ब्रोकर अपने प्लात्फ्रोम के साथ ऑनलाइन हो गए है इनके ये प्लेटफार्म स्टॉक,कोडिएट बांड्स, ETFS और आदि बहुत से फीचर्स प्रदान करते है.

पहले के समय में जब कोई खरीदार शेयर को खरीदना चाहता था तब वह किसी ब्रोकर को कॉल करता था या मिलता था और उससे किसी कंपनी के शेयर की एक फिक्स अमाउंट को खरीदने के लिए कहता था.

इसके बाद ब्रोकर उस शेयर के बाजार मूल्य को आपसे बताएगा और उसको खरीद लेगा। आपके द्वारा ट्रेडिंग खाते की पुस्टि करने के बाद ब्रोकर की फ़ीस देनी पड़ती थी.

इससे आप समझ सकते है की यह स्टेप्स कितना लम्बा है इसी कारण आस्चर्य नहीं होता है ऑनलाइन ट्रेडिंग ने अपने फायदों कारण पुरे ट्रेडिंग बाजार को अपने कब्जे में कर लिया है:

  • आप लेनदेन बहुत ही आसानी से कर सकते है.
  • यूजर अपने घर बैठे-बैठे अपने खाते पर नजर रख, सकते है ,रखरखाव और खोल और बंद कर सकते है.
  • जब हमें एक से ज्यादा फिनांशल प्रोडक्ट की खरीदारी करनी होती थी तब हमारे बिच में कोई होता था जो खरीदारी करता था , लेकिन ऑनलाइन में आप आसानी से खरीद सकते और बेच सकते है.
  • ऑनलइन होने के कारण आपको प्रोडक्ट्स और उपलब्ध स्टॉक्स के बारे में अच्छे से जानकारी मिलती है.

ऑनलाइन ट्रेडिंग कैसे काम करती है?

जब भी कोई यूजर स्टॉक को खरीदने के लिए ऑनलाइन प्लेटफार्म पर रिक्वेस्ट या आर्डर देता है, इसका आर्डर ट्रेंडिंग मेमबर प्लेटफार्म और एक्सचेंज प्लेटफार्म के डेटाबेस में स्टोर हो जात्ता है.

इस डेटाबेस का उपयोग उन सभी प्लेटफार्म को देखने के लिए किया जाता है तो स्टॉक खरीदने या बेचने का काम करती है, विश्लेषण करे के बाद आपको सबसे अच्छे पैसे वाला स्टॉक दिखाया जाता है.

यह जो आपको स्टॉक का पैसा दिखाया जाता है यह यूजर के द्वारा दिए गए आर्डर से मिलता हैं. इतना सभ कुछ होने के बाद ब्रोकर के पास तीन दिन होते है की वह आपके पैसे का सेटलमेंट कर सकते है और इसके बाद आपके खाते में स्थानांतरण कर दिए जाते है.

बहुत से ऐसे प्लेटफार्म है जो आपको स्टॉक मार्केट में स्थिति स्टेटस का पता लगाने में मदत करते है. इससे एक यूजर को पता लगाने में आसानी होती है की कौन सी स्टॉक ऊपर जा रहा है और कौन सा निचे।

ऑनलाइन प्लेटफार्म की सबसे अच्छी बात यह की इन्हे उपयोग करना आसान है और यह यह कमिसन शुल्क भी कम लेती है.

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Offline vs Online Trading

जैसे-जैसे ऑनलाइन ट्रेडिंग की मांग बढ़ती जा रही है वैसे-वैसे ही ऑफलाइन ट्रेडिंग कही पिछड़ता हुआ दिखाई दे रहा है.

हर किसी व्यक्ति को यही चाहिए की चीज़े उसे आसानी से मिल जाये उसे उन चीज़ो को पाने के लिए ज्यादा मेहनत न करना पड़े, यह नियम ऑनलाइन ट्रेडिंग को ऑफलाइन ट्रेडिंग की तुलना में और लोकप्रिय कर रहा है.

क्यूंकि लोग घर बैठे-बैठे ही स्टॉक या शेयर मार्केट में पैसे निवेस्ट कर पा रहे है. ऑनलाइन ट्रेडिंग के लोकप्रिय होने का दूसरा कारण यह है की यह कम कमिशन लेता है और ये तो जानते ही हैं भारत में जहा कम में मिलेंगे लोग वही जाते है.

ऑनलाइन ट्रेडिंग में ज्यादा झंझट मारी भी नहीं होती है ऑफलाइन ट्रेडिंग की तुलना में. सब कुछ मिलाकर यही है की ऑनलाइन ट्रेडिंग का आनेवाला कल बहुत ही सुनहरा है.

निष्कर्ष

ऑनलाइन ट्रेडिंग क्या हैं? उम्मीद है की इस आर्टिकल में आपको आपके सरे सवालों के जवाब मिल गए होंगे। आज के लिए इतना ही धन्यवाद।😊✍🙏🙏

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