Digital Camera क्या है (यह कैसे काम करता है?) इसके प्रकार, पार्ट्स, फायदे और नुकसान

Digital Camera क्या है? डिजिटल कैमरा एक हार्डवेयर डिवाइस है, जो इमेज को क्लिक करता है और मेमोरी कार्ड में डाटा के रूप में स्टोर करता है. फिल्म पर इमेज को रिकॉर्ड करने के बजाय उन्हें डिजिटल रूप से रिकॉर्ड करता है. एक बार जब आप इमेज को क्लिक कर लेते है , तो इसे आप अपने कंप्यूटर सिस्टम में डाउनलोड कर सकते है, ग्राफ़िक्स प्रोग्राम के साथ हेरफेर कर सकते है और प्रिंट भी कर सकते है.

फ़िल्मी इमेजो में रेसोलुशन अनंत होता है , लेकिन डिजिटल इमेजो में रेसोलुशन सिमित होता है. डिजिटल कैमरे रंगीन इमेज को लाल, हरे, नीले और पिले रंग के रूप में रिकॉर्ड करते है. इन्हे CCD या CMOS इमेज सेंसर चिप पर अस्थिर चार्ज के रूप में स्टोर किया जाता है. इस चार्ज को फिर डिजिटल रूप में परिवर्तित किया जाता है और इसे मेमोरी कार्ड पर फ़्लैश मेमोरी चिप में स्टोर किया जाता है.

यह तो अभी डिजिटल कैमरा का परिचय था, अभी हम विस्तार से समझेंगे की डिजिटल कैमरा क्या है, कैसे कार्य करता है, प्रकार क्या है , इसके कौन से पार्ट्स होते है, इसके फायदे व् नुकसान और डिजिटल कैमरा से जुडी कुछ महत्वपूर्ण बाते। तो चलिए बिना विलंब किये डिजिटल कैमरा के ज्ञान के गंगा में डुबकी लगाते है और प्राप्त मोती रूपी ज्ञान से अपने मष्तिक के ज्ञान को बढ़ाते है.

डिजिटल कैमरा क्या है? (What is Digital Camera in Hindi)

एक डिजिटल कैमरा फिल्म के जगह इलेक्ट्रॉनिक मेमोरी में डाटा को स्टोर करता है. डिजिटल कैमरे फिल्म के जगह पर एक इमेज सेंसर का उपयोग करते है. बहोत बार ऐसा होता है की इमेज को डिजिटल स्वरूप में स्टोर करने के लिए मेमोरी कार्ड का भी उपयोग करता है.

डिजिटल कैमरा का उदाहरण क्या है?

जब आप एक इमेज को खींचते है तो आप उस इमेज को कैमरे से सीधे अपने कंप्यूटर में ट्रांसफर कर देते है. जब डिजिटल कैमरा से किसी इमेज को खींचा जाता है तो वह कंप्यूटर स्टोरेज के विभिन्न रूपों जैसे मेमोरी कार्ड या स्मार्ट डिस्क में स्टोर करता है.

डिजिटल कैमरा का इतिहास (History of Digital Camera in Hindi)

एक डिजिटल कैमरे को बनाने की योजना 1961 में की गयी थी , लेकिन टेक्नोलॉजी नहीं होने के कारण इसे बनाया नहीं जा सका. पहला डिजिटल कैमरा 1975 में Eastman Kodak के एक इंजीनियर Steven Sasson के द्वारा बनाया गया.

यह मुख्य रूप से एक चार्ज कपल्ड डिवाइस का उपयोग करता था जो एक प्रकार का इमेज सेंसर था, लेकिन मूलतः ये इमेज को खींचने के लिए एक कैमरा ट्यूब का उपयोग करता था. इस कार्यक्षमता के बाद कोडक के द्वारा इसे डिजिटल रूप में बदल दिया गया.

पहले के समाय में डिजिटल कैमरों का उपयोग सेना और वैज्ञानिक के उदेश्य के लिए किया जाता था. मेडिकल बिज़नेस और न्यूज़ रिपोटिंग कम्पनियो ने कुछ साल बाद डिजिटल कैमरों का उपयोग करना शुरू कर दिया।

1990 में दशक के मध्य तक डिजिटल कैमरे लोगो की इलेक्टॉनिक पसंद नहीं बन पाए थे. 2000 के दशक के मध्य तक फ़िल्मी कैमरे की जगह डिजिटल कैमरे लोगो की पसंद बन चुके थे.

डिजिटल कैमरा कैसे काम करता है? (How does a digital camera work in Hindi)

इससे कोई फर्क नहीं पड़ता है की आपके पास एक साधारण डिजिटल कैमरा है या एक एक उन्नत DSLR कैमेरा है ,क्यूंकि डिजिटल इमेज को रिकॉर्ड करने और मेमोरी कार्ड में डाटा को स्टोर करने की प्रक्रिया समान होती है. तो चलिए चरण दर चरण जानते है की डिजिटल कैमरा कैसे काम करता है.

Measuring Light: शटर को खोलने के लिए शटर को क्लिक करे , जो प्रकाश को लेंस के माध्यम से यात्रा करने और इमेज सेंसर पर प्रहार करने की अनुमति प्रदान करता है. इमेज सेंसर पर अलग-अलग पिक्सल लाखो अलग-अलग जगहों पर प्रकाश की त्रीवता को मापते है और सटीक माप का निर्माण करते है.

Focusing Light: क्यूंकि एक दृश्य में प्रकाश लेंस के माध्यम से यात्रा करता है ,इसलिए इमेज सेंसर को ठीक से केंद्रित करना चाहिए। लेंस में विभिन्न कांच में तत्व तेज प्रकाश प्रदान करने के लिए घूमते है और सटीक रूप से केंद्रित प्रकाश एक धुंधला दृश्य देता है. डिजिटल कैमरे ऑटोमैटिक फोकस का उपयोग कर सकते है ,जहा कैमरा आटोमेटिक रूप से कांच के तत्वों को संयोजित करता है या मनुआलय फोकस द्वारा जहा पर फोटोग्राफर कांच के तत्वों मैनुअली संयोजित करने के लिए एक रिंग को घुमाता है.

Converting Light: प्रत्येक पिक्सेल मापे गए प्रकाश को इलेक्ट्रान में परिवर्तित कर देता हैं. पिक्सेल जो तेज रोशनी को मापता है उसमे अधिक इलेक्ट्रान होते है ,जिसके परिणामस्वरूप एक बड़ा संचित चार्ज होता है. फिर एक ADC प्रत्येक पिक्सेल पर प्रकाश को डिजिटल अंक में बदल देता है.

Storing Data: दृश्य में प्रकाश अब डिजिटल अंको में परिवर्तित होने के साथ ,कैमरा डाटा को वैसे ही ट्रांसफर कर देता है, जैसे कोई कंप्यूटर चिप से ट्रांसफर करता है. सर्किट बोर्ड पर सर्किटरी के माध्यम से डिजिटल बाइनरी बिट्स को ट्रांसफर कर देता है. जब बिट्स मेमोरी कार्ड में पहुंचते है तो कैमरा कार्ड में डाटा को लिखने के लिए फर्मवेयर का उपयोग करता है.

क्यूंकि एक डिजिटल कैमरा इमेज को डाटा के डिजिटल बिट्स के रूप में स्टोर करता है, इसीलिए इमेज को अन्य डिवाइस या अन्य लोगो से शेयर करने में आसानी होती है. जब एक फोटोग्राफ डिजिटल बिट्स के रूप में स्टोर हो जाता है ,तो आप इसके साथ कंप्यूटर की फाइल की तरह व्यवहार कर सकते है. इमेज एडिटिंग सॉफ्टवेयर का उपयोग करके डिजिटल बिट्स में परिवर्तन करना काफी आसान है.

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डिजिटल कैमरे के प्रकार (Type of Digital Camera in Hindi)

डिजिटल कैमरे के कुछ प्रकार निम्नलिखित रूप से नीचे दिए गए है;

Compact digital cameras

कॉम्पैक्ट कैमरे अभी तक सबसे ज्यादा उपयोग किये जाने वाले और अब तक के जितने भी कैमरे देखे गए है उनमे सबसे सरल कैमरे है. इनका उपयोग समान्य उदेष्य की पूर्ति के लिए किया जाता है ,इसलिए इन्हे “पॉइंट एंड शूट कैमरा” कहा जाता है. ये आकार में बहुत ही छोटे होते है ,इसलिए ये अधिक पोर्टेबल भी होते है.

अन्य कैमरो की तुलना में ये सस्ते होते है, इसलिए इनके विशेषताएं भी कम ही होते है ,जिसकी वजह से इमेज की गुडवत्ता भी कम हो जाती है. इस प्रकार के कैमरे को इनके आकार के आधार पर बाटा गया है, छोटे आकार के कैमरे को सामान्यतौर पर “अल्ट्रा-कॉम्पैक्ट कैमरा कहा जाता है और अन्य को कॉम्पैक्ट कैमरा कहा जाता है.

कॉम्पैक्ट कैमरे की कुछ विशेषताएं इस प्रकार हैं;

  • यह कॉम्पैक्ट और सरल होते है.
  • यह इमेज को कंप्यूटर में JPG फाइल के रूप में स्टोर करता है.
  • इसमें फोटो लेने से पहले आप लाइव प्रीव्यू देख सकते है.
  • अगर आप अँधेरे में फोटो खींच रहे है तो लौ पावर फ़्लैश उपलब्ध होता है.
  • इसमें जुम करने की क्षमता भी होती है.

Bridge cameras

ब्रिज कैमरे को अक्सर “सिंगल लेंस रिफ्लेक्स कैमरे” के नाम से भी जाना जाता है. ब्रिज कैमरे में कॉम्पैक्ट कैमरे की तुलना में अधिक उन्नत सुविधाएं होती है जैसे ISO , शटर स्पीड, अपर्चर परवर्तित करने का मैन्युअल कंट्रोल। लेकिन इस कैमरे भी DSLR और मिररलेस कैमरे की तुलना में अधिक उन्नत सुविधाएं नहीं होती है. हालाँकि इनकी विशेषताएं कॉम्पैक्ट कैमरे के समान ही होती है ,फिर भी इनमे कुछ भिन्नता होती है.

इसकी कुछ विशेषताएं इस प्रकार है;

  • ब्रिज कैमरे में फिक्स(स्थिर) लेंस होता है.
  • ब्रिज कैमरे में इमेज सेंसर छोटा होता है.
  • इसमें खींच गयी इमेज का लाइव प्रीव्यू किया जा सकता है.
  • इसमें संवेदनशीलता को कम करने के लिए इमेज स्टेबिलाइजेशन मेथड होता है.
  • इसमें इमेज को रॉ डाटा के साथ JPG फॉर्मेट में स्टोर किया जा सकता है.

Digital single lens reflex cameras (DSLR)

यदि आप चाहते है की आप फोटोग्राफी में पेशेवर बने और सबसे अच्छी गुडवत्ता वाले इमेज को खींचे तो आपके लिए DSLR के आलावा और कोई दूसरा विकल्प नहीं है. DSLR काफी ज्यादा भारी होते है लेकिन बहुत लचीले भी होते है ,जिससे आप अपनी मन चाही फोटो को खींचने के लिए अपने हिसाब से लेंस को बदल सकते है और कंट्रोल भी कर सकते है.

ये डिजिटल इमेज सेंसर वाले कैमरो की तरह सिंगल लेंस रिफ्लेक्स मेथड का उपयोग करते है. SLR मेथड में एक मिरर होता है जो एक अलग ऑप्टिकल व्यूफाइंडर के माध्यम से लेंस से पास होने वाले प्रकाश को दिखाता है.

DSLR कैमरे की कुछ विशेषताएं हैं

  • ऑटोफोकस लेने के लिए मिरर बॉक्स में विशेष प्रकार के सेंसर लगे होते है.
  • इसमें लाइव प्रीव्यू की सुविधा उपलब्ध होती है.
  • इसमें आप कम प्रकाश में भी उच्च गुडवत्ता वाली इमेज खींच सकते है.
  • विशेष अपर्चर पर फील्ड की गहराई बहुत कम होती है.
  • फोटोग्राफर स्थिति के अनुसार लेंस को बदल सकता है.
  • इमेजर के समक्ष फोकल प्लेन शटर का उपयोग किया जा सकता है.

Line-scan cameras

इस प्रकार के कैमरे का उपयोग उच्च रेसोलुशन इमेज को बहुत ही तेज गति से खींचने के लिए किया जाता है. इस कार्यविधि को बनाये रखने के लिए मैट्रिक्स सिस्टम के जगह इमेज सेंसर के एक पिक्सेल का उपयोग किया जाता है.लाइन स्कैन कैमरा के द्वारा तैयार डाटा 1-D होता है. इसे 2-D बनाने के लिए कंप्यूटर में प्रोसेस करना होता है. यह 2- डाटा हमारी आवश्कताओ की पूर्ति करने के लिए आगे तैयार किया जता है.

Mirrorless Camera

मिररलेस कैमरे ऑप्टिकल व्यूफाइंडर या रिफ्लेक्स मिरर का उपयोग करने के जगह एक डिजिटल डिस्प्ले सिस्टम या इलेक्ट्रॉनिक व्यूफाइंडर का उपयोग करते है. यह आपको स्क्रीन पर खींची गयी इमेज का लाइव प्रीव्यू करने की अनुमति प्रदान करते है. यह आकार में DSLR कैमरे से छोटे होते है ,जिसकी वजह से इन्हे आप कही पर भी आसानी से ले जा सकते है.

Action Camera

यदि आप पानी के अंदर फोटो खींचना चाहते है ,तो आपके लिए एक्शन कैमरा काफी ज्यादा उपयोगी साबित होगा। इस प्रकार के कैमरे पोर्टेबल, कॉम्पैक्ट आकार और वाइड-एंगल लेंस के साथ आते है, इन्हे आप मोनोपॉड या ट्राइपॉड पर भी लगाया जा सकता है . skiing या surfing करते समय फोटो खींचने या वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए ये कैमरा सर्वश्रेठ है.

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डिजिटल कैमरा के भाग (Parts of Digital Camera in Hindi)

Shutter button: इमेज को खींचने के लिए इस बटन को दबाया जाता है.

Control buttons: सभी कैमरो की सेटिंग को व्यवस्थित करने के लिए होता है.

Shooting mode dial: यह विभिन्न scene modes के बिच में बदलने के लिए और exposure विकल्प को व्यवस्थित करने के लिए होता है.

Microphone: Movie Clip और voice annotations में से आवाज को कैप्चर करने या sound-triggered self-timer को एक्टिव करने के लिए होता है.

Focus-assist light: कम प्रकाश होने पर कैमरे को फोकस करने में सहायता प्रदान करता है.

Electronic flash: यह आपके scene में अधिक प्रकाश प्रदान करता है.

Optical viewfinder: इमेज को frame और compose करने के लिए उपयोग होता है.

Zoom lens and control: इसकी मदत से इमेज के आकार को बढ़ाया या घटाया जा सकता है.

Tripod socket: यह आपके कैमरे को एक फर्म सपोर्ट से जोड़ने की अनुमति प्रदान करता है.

Docking port: इमेज को स्थानांतरित करने , बैटरी चार्ज करने ,प्रिंट बनाने और अनेक कार्यो के लिए उपयोग किया जाता है.

Battery compartment: इसमें सेल मौजूद होते है जो कैमरे को पावर प्रदान करते है.

Power switch: कैमरे को चालू या बंद करने के लिए उपयोग किया जाता है.

Indicator LEDs: कैमरे के status (स्थिति) को दिखता है.

LCD panel: कैमरे का डिस्प्ले होता है.

Picture review: खींची गयी इमेज का प्रीव्यू देखने के लिए इस बटन पर क्लिक करे.

Display control/Menu button: LCD और मेनू में दिखाई गई जानकारी की मात्रा को कंट्रोल करने के लिए उपयोग होता है.

Cursor pad: मेनू विकल्प को संचालन करने के लिए उपयोग होता है.

Set/Execute button: किसी फीचर को एक्टिव करने या current selection के लिए मेनू विकल्प को सेट करने के लिए होता है

USB port: USB केबल को जोड़ने के लिए होता है.

File-save LED: यह प्रकाश सामान्य तौर पर संकेत देने के लिए रोशनी करता है की इमेज मेमोरी कार्ड में स्टोर हो रही है.

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डिजिटल कैमरा के उपयोग क्या हैं? (Use of Digital Camera in Hindi)

  • इमेज शूट करने के लिए.
  • वीडियो शूट करने के लिए.
  • परिवार और दोस्तों का रिकॉर्ड रखना।
  • बीमा रिकॉर्ड बनाने के लिए.
  • बिजनेस कार्ड बनाने के लिए.
  • डिजिटल फोटोग्राफिक आर्ट बनाने के लिए.
  • मीटिंग या इवेंट रिकॉर्ड करने के लिए.
  • प्रेजेंटेशन के लिए वस्तुएं बनाने के लिए.
  • क्लिप आर्ट बनाने के लिए.

डिजिटल कैमरों के फायदे (Advantages of Digital Camera in Hindi)

  • फिल्म प्रसंस्करण को समाप्त करता है.
  • बड़े पैमाने पर फोटो संग्रहण करता है.
  • संचालन गति को तेज करता है.
  • छवियों का प्रीव्यू किया जा सकता है.
  • उपयोगकर्ता के अनुकूल विशेषताएं होती है.
  • एडिटिंग और साझा करने के विकल्प मौजूद होते है.
  • वीडियो रिकॉर्डिंग की सुविधा होती है.
  • पर्यावरण के अनुकूल होता है.

डिजिटल कैमरों के नुकसान (Disadvantages of Digital Camera in Hindi)

  • स्टोरेज की जगह की इमेज के साइज(गुडवत्ता) की तुलना में कम होता है.
  • बैटरी की खपत अधिक होती है.
  • सहनशीलता कम होती है.
  • जटिलता अधिक होती है.

डिजिटल कैमरा बनाम स्मार्टफोन (Digital Camera Vs Smartphone)

आधुनिक स्मार्टफोन में प्रोफेशनल-ग्रेड कैमरे की क्षमता होने के कारण डिजिटल कैमरे की लोकप्रियता में कमी आ रही है. आज के स्मार्टफोन अधिक सुविधा, पोर्टेबिलिटी, डाटा को शेयर करने में आसानी और एक सस्ती कीमत प्रदान करते है.

जहा पर प्रत्येक वर्ष स्मार्टफोन में कैमरे की गुडवत्ता में वृधि हो रही है वही पर एक उच्च गुडवत्ता वाला कैमरा ऐसी सुविधाएं प्रदान कर रहा है जिससे स्मार्टफोन के साथ स्पर्धा करने में परेशानी का सामना करना पड़ता है. एक प्रोफेशनल फोटोग्राफर एक डिजिटल कैमरे को पसंद करता है क्यूंकि इसके अंदर निम्लिखित क्षमताए होती है:

Interchangeable lenses: स्मार्टफोन में लेंस स्थिर होते है ,लेकिन डिजिटल कैमरे में आप एक इमेज को दूर से या पास से ले सकते है.

Action or low-light shots: डिजिटल कैमरे में shutter speed और aperture जैसे सेटिंग को मैन्युअल रूप से नियंत्रित किया जा सकता है. यदि प्रकाश कम है तो यह फोटोग्राफर को इमेज की गुडवत्ता पर अधिक नियंत्रण प्रदान करता है.

Long-lasting battery: स्मार्टफोन को एक बार चार्ज करने पर यह 1 से 2 दिन तक चल पाते है ,लेकिन डिजिटल कैमरा एक बार चार्ज होने पर 400 से 500 इमेज क्लिक कर सकता है.

FAQ

डिजिटल कैमरा किसे कहते हैं?

एक डिजिटल कैमरा एक स्थिर इमेज बनाने और वीडियो रिकॉर्ड करने के लिए एक इलेक्ट्रॉनिक इमेज सेंसर का उपयोग करता है. डिजिटल कैमरा को डिजिकैम के नाम से जान जाता है.

डिजिटल कैमरे के भाग क्या हैं?

  • व्यूफाइंडर
  • पेंटाप्रिज्म।
  • फोकसिंग स्क्रीन
  • कंडेंसर लेंस
  • डिजिटल सेंसर
  • शटर
  • डिस्प्ले
  • इलेक्ट्रानिक्स

डिजिटल कैमरा की विशेषताएं क्या हैं?

  • मेगापिक्सेल में संकल्प
  • प्रयोक्ता इंटरफ़ेस
  • ऑप्टिकल और इलेक्ट्रॉनिक्स गुणवत्ता
  • ऑप्टिकल बनाम
  • भंडारण मीडिया
  • डेटा स्थानांतरण
  • बैटरी अवधि
  • विनिमेय लेंस

पहला डिजिटल कैमरा कब आया था?

1975.

डिजिटल कैमरा भारत में कब आया?

1988.

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