कंप्यूटर क्या है? इसके प्रकार और कार्य । Computer in Hindi

आज के समय में Computer का उपयोग हर जगह हो रहा है इसीलिए हम सभी को यह जानकारी होनी चाहिए की Computer क्या होता है, इसके टाइप क्या है ,कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया ,इसके फायदे और नुकसान क्या है?,computer ki visheshta, meaning of computer in hindi, computer ki paribhasha, computer kya hai hindi ,कंप्यूटर सिस्टम क्या है?

आज हम इन्ही सभी पॉइंट्स के ऊपर विस्तार से जानकारी अर्जित करने वाले है.इसलिए आप आप आर्टिकल को अंत तक विस्तार से पड़े और समझे. तो चलिए शुरू करते है और आज कुछ नया सीखते है.

कंप्यूटर क्या होता है? – What is computer in Hindi

Computer एक ऐसा इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस है जो डाटा को स्टोर करने और एक जगह से दूसरे जगह भेजने का काम करता है. कंप्यूटर डाटा को स्टोर करने के साथ साथ अगर वह डाटा डिलीट हो गया है तो उस डाटा को पुनर्प्राप्त करने की छमता भी रखता है.

अगर आप कंप्यूटर यूजर है तो आप जनाते ही होंगे की कंप्यूटर के और भी बहुत सारे फायदे है, जैसे डॉक्यूमेंट टाइप करना ,वीडियो कॉल करना , वीडियो गेम्स खेलना और ईमेल सेंड करना इत्यादि।

कंप्यूटर में दो चीज़े बहुत ही ज्यादा महत्वपूर्ण है पहला हार्डवेयर और दूसरा सॉफ्टवेयर। तो चलिए इनके बारे में भी जानते हुए आगे बढ़ते है, जिससे हमें यह समझने में मदत मिले गी की इसमें से कौन सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है.

कंप्यूटर का आविष्कार किसने किया? Who invented computer in hindi?

ऐसा माना जाता है , कि इन्वेन्ट किया जाने वाला पहला कंप्यूटर abacus or slide rule था, जिसका आविष्कार 1622 में William Otrade ने किया था। हालाँकि, पहली मशीन का आविष्कार किया जो कंप्यूटर से मिलती-जुलती थी, वह Analytical Engine थी. यह एक ब्रिटिश माथेमैटिशन चार्ल्स बैबेज द्वारा 1833 और 1871 के बीच परिकल्पित और डिजाइन किया गया एक डिवाइस था।

भारत का पहला Computer कब और कहाँ स्थापित किया गया था?

भारत का पहला कंप्यूटर 1955 में भारतीय स्टैटिस्टिकल इन्सिटिटूटे , कलकत्ता (जिसे अब कोलकाता कहा जाता है) में स्थापित किया गया था।

भारत में Computer का आविष्कार किसने किया? (Who invented computer in India in hindi?)

PARAM भारतीय वैज्ञानिकों द्वारा विकसित किया गया पहला सुपर कंप्यूटर है। स्वदेशी रूप से असेंबल किया गया पहला सुपर कंप्यूटर, जिसे Param Shivay कहा जाता है, यह IIT (BHU) में स्थापित किया गया था।

PARAM बनाने के पीछे विजय पांडुरंग भटकर का हाथ है. इन्हिने 1991 में पहला भारतीय सुपर कंप्यूटर, PARAM 8000 बनाया गया । बाद में PARAM 10000 को 1998 में विकसित किया गया था. इन्होने ने ही PARAM सीरीज के आधार पर नेशनल परम सुपरकंप्यूटिंग फैसिलिटी (NPSF) का निर्माण किया।

Full form of computer in Hindi

बहुत से पूछते है की कंप्यूटर का हिंदी नाम क्या है तो आपको बता दू इसका नाम “Common Operating Machine Purposely Used for Technological and Educational Research”.

Computer का इतिहास (History of computer in hindi)

ऐसा माना जाता है की कंप्यूटर की शुरुआत 1822 में चार्ल्स बैबेज ने की थी। अगर आप से कोई पूछे की कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया था तब आप चार्ल्स बैबेज का ही नाम बताना।

जब चार्ल्स बैबेज ने 1822 में कंप्यूटर की रचना की उस समय यह एक एनालिटिकल इंजन था जिसका उपयोग प्रोडक्ट्स की काउंटिंग करने के लिए किया जाता था. लेडी एडा लवलेस जो वर्ल्ड की पहली प्रोग्रामर कही गयी है इन्होने एनालिटिकल इंजन में मदत की थी.

इसके लगभग 100 साल बाद ,एलन ट्यूरिंग ने एक यूनिवर्सल मशीन के कांसेप्ट की रचना की जो थेरोटिकल रूप से कैलकुलेट कर सकती थी.

इसके बाद यूनिवर्सिटी ऑफ़ लोवा के स्टूडेंट J.V. Atanasoff ने पहली बार कंप्यूटर को बनाए के लिए कोसिस किया। लेकिन इनसे पहले सही प्रयाश University of Pennsylvania के दो प्रोफेसर ने किया।

इन्होने ENIAC का निर्माण किया जिसे Electronic Numerical Integrator and Calculator कहा गया था. लेकिन यह कंप्यूटर आज की तरह साधारण नहीं था इस कंप्यूटर ने पुरे एक कमरे को घेर लिया था और इसमें 18000 वैक्यूम टूब लगे हुए थे.

इसके 2 साल बाद ही अमेरिकी सरकार ने कमर्शियल और बिज़नेस एप्लीकेशन के लिए UNIVAC के निर्माण के लिए इजाजत दी.

इसके 1 साल बाद ट्रांजिस्टर के लिए फंडामेंटल डिज़ाइन तैयार किया गया और इसको उपयोग में लाया गया, तब इसने वैक्यूम टुब को को बदल कर रख दिया।

इसने एक इंटेग्रेट सर्किट के मॉडल को सभी के बिच में लाया जिससे आज के आधुनिक कंप्यूटर में प्रोसेसर चिप को निर्माण के लिए उपयोग में लाया जाता है.

1953 में पहली प्रोग्रामिंग लैंग्वेज COBOL का निर्माण किया गया और इसके FORTRAN ने फॉलो किया। 1964 में कंप्यूटर के दुनिया एक बहुत बड़ा बदलाव आया जब Douglas Engelbart ने एक माउस और ग्राफिकल यूजर इंटरफ़ेस को लोगो को दिखाया।

यह निर्माण इतना अच्छा साबित हुआ की इसने कंप्यूटर को लोगो के लिए यूजर फ्रेंडली बना दिया और जिन लोगो को कंप्यूटर को समझने या चलाने में दिक्कत होती थी वह सब आसान हो गया.

Bell Laboratories, IBM and Apple ये तीनो कोम्पनिओ ने कंप्यूटर की विकाष में काफि ज्यादा येगदान दिया।इसके बाद Apple ने अपना एक पर्सनल कंप्यूटर लांच किया जिसने 1976 तक पुरे कंप्यूटर मार्केट को अपने अधीन कर लिया।

फिर बहुत सी कम्पनियो में कंप्यूटर में कुछ न कुछ ट्रीकरने की सोची , इसी में एक माइक्रोसॉफ्ट थी, जो अपना विंडो लेकर आयी और पुरे मार्केट को कैप्चर कर लिया।

ये दोनों ही कम्पनिया computer के फील्ड में आगे बढ़ गयी और बाकि का इतिहास तो आप जानते ही होंगे आज भी यही दो कम्पनिया कंप्यूटर का आधे से ज्यादा मार्केट कैप्चर करके रखा.

Generation of computer in Hindi

Computer GenerationTime
First Generationपहली जनरेशन का समय: 1946-1959। वैक्यूम ट्यूब आधारित।
Second Generationदूसरी जनरेशन का समय: 1959-1965। ट्रांजिस्टर आधारित।
Third Generationतीसरी जनरेशन का समय: 1965-1971। एकीकृत सर्किट आधारित।
Fourth Generationचौथी जनरेशन का समय: 1971-1980। वीएलएसआई माइक्रोप्रोसेसर आधारित।
Fifth Generationपांचवीं जनरेशन का समय: 1980 से आगे। ULSI माइक्रोप्रोसेसर आधारित।

हार्डवेयर बनाम सॉफ्टवेयर (Hardware vs Software in Hindi)

जैसे कि मैंने आपको बताया की computer में ये दो चीज़े(सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर) सबसे ज्यादा इम्पोर्टेन्ट है. अगर इंज दो चीज़ो में से एक को भी हटा दिया जाये या इनमे से कोई ख़राब हो जाता है तो आपका कंप्यूटर काम करना बंद कर देता। इसलिए इन दोनों मेंसे कोई भी बड़ा या छोटा नहीं है(सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर दोनों ही समान है).

अब हमारे दिमाग में यह प्रश्न खड़ा होता है की सॉफ्टवेयर क्या है और हार्डवेयर होता है? तो चलिए इस प्रश्न का उत्तर आपके दिमाग को दे कर उसे बैठा देते है. तो चलिए समझते है की हार्डवेयर क्या होता है?

Hardware: आपके कंप्यूटर में यूज़ होने वाले किसी भी एक पार्ट (या आपके कंप्यूटर के किसी भी भाग को हार्डवेयर कहा जाता है. जैसे माउस , कीबोर्ड ,पेनड्राइव ,usb और इत्यादि।

कंप्यूटर के अंदर भी जितने पार्ट्स होते है उन्हें भी हार्डवेयर ही कहा जाता है. अब समझते है की सॉफ्टवेयर क्या होता है?

Software: आप कंप्यूटर में जो कुछ भी करते है वह सॉफ्टवेयर के द्वारा ही होता है, अगर आप अपने कंप्यूटर में कोई एक वर्ड लिखते है या कोई ब्राउज़र ओपन करते है तो सॉफ्टवेयर ही कंप्यूटर हार्डवेयर को बताता है की उसे क्या करना है, क्या नहीं करना है और कैसे करना है.

सॉफ्टवेयर में एक्साम्प्ल देखे तो वेब ब्राउज़र ,वर्डपैड ,नोटपैड ,विनवर्ड ,गेम्स ,सोशल एप्प्स और इत्यादि।

अभी तक तो आप समझ ही गए होंगे की कंप्यूटर को वर्क करने के लिए हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर दोनों की आवश्कता पड़ती है.

मैं आपको सरल तरीके से समझाता हु , इस समय आप मेरा है यह आर्टिकल पढ़ रहे तो किसी वेब ब्राउज़र का उपयोग कर रहे होंगे, तो यही वेब ब्राउज़र ही आपका software है.

मेरे इसी आर्टिकल को निचे स्क्रॉल करने के लिए और इस आर्टिकल में जो भी लिंक है उनपे क्लिक करने के लिए जिस माउस का उपयोग कर रहे है वह हार्डवेयर है.

Software के प्रकार

सॉफ्टवेयर के दो प्रकार के होते है, सिस्टम सॉफ्टवेयर और एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर।

सिस्टम सॉफ्टवेयर: कंप्यूटर के हार्डवेयर गैजेट्स को संचालित करने के लिए सिस्टम सॉफ्टवेयर की जरुरत है। अगर अपने कोई नया कंप्यूटर लिया लिया है तो उसमे पहले से ही यह इनस्टॉल होता है.कंप्यूटर में सिस्टम सॉफ्टवेयर का काम होता है की यह कंप्यूटर में किसी एप्लीकेशन को चलाने या उपयोग करने के लिए एक प्लेटफार्म की भूमिका निभाता है.

एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर: कंप्यूटर सिस्टम के द्वारा दिए गए विभिन्न कार्यो को करने के लिए एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर बनाये जाते है. एप्लीकेशन सॉफ्टवेयर पहले से ही कंप्यूटर डिवाइस में इनस्टॉल होते है ,लेकिन अगर आपके कंप्यूटर डिवाइस में यह इनस्टॉल नहीं है तो आप इन्हे वेब या अन्य स्रोतों के माध्यम से इनस्टॉल कर सकते है.

कंप्यूटर के उपयोग | Use of Computer in Hindi

कंप्यूटर के प्रकार – Types of computer in Hindi

कंप्यूटर कई प्रकार के होते है लेकिन बहुत से लोगो को केवल पर्सनल कंप्यूटर के बारे में ही जानकरी होती हैं जैसे की डेस्कटॉप कंप्यूटर और लैपटॉप।

हालाँकि बहुत से ऐसे लोग है, जिन्हे कंप्यूटर के सभी प्रकार के बारे में जानकारी होती है लेकिन ऐसे लोग बहुत ही कम है और ये लोग ज्यादा तर ऑफिस में काम करने वाले ही होते है.लेकिन आज इस आर्टिकल को पड़ने के बाद आप भी कंप्यूटर के सभी प्रकार के बारे में अच्छे से जान जायेंगे।

क्यूंकि आपको सिर्फ जानने की ही जरुरत है, ऐसा मैं इसलिए बोल रहा हु क्यूंकि आप इन कंप्यूटर का उपयोग कर चुके है बस आपको इनकी जानकरी नहीं थी.

जब भी आप एटीएम से पैसे निकालते , शॉपिंग करने पर बिल पेमेंट करते है या कैलकुलेटर का उपयोग किसी गड़ना के लिए करते है तो आप इस तरह से कंप्यूटर का कंप्यूटर कर रहे होते है.

लेकिन आपको बस पता नहीं होता है की आप किस कंप्यूटर का उपयोग कर रहे है. तो चलिए एक-एक करके जानते है कंप्यूटर के प्रकार.

1.Desktop computers

कंप्यूटर के प्रकारों में सबसे लोकप्रिय डेस्कटॉप कंप्यूटर ही है ,इसके उपयोग लोग ऑफिस ,स्कूल और घर पर करते है. इसको इस तरह से डिज़ाइन किया गया है की यह डेस्क पर रख कर उपयोग में आये इसीलिए इसे डेस्कटॉप कंप्यूटर कहते है.

डेस्कटॉप कंप्यूटर मॉनिटर ,माउस और कीबोर्ड से कनेक्टेड होते है. अगर इनमे से कोई भी कनेक्टेड नहीं है या ख़राब हो गया है तो आपका डेस्कटॉप कंप्यूटर अच्छे से काम करना बंद कर सकता है.

2.Laptop computers

कंप्यूटर के प्रकार में जो दूसरे प्रकार का कंप्यूटर है उसे लैपटॉप कंप्यूटर कहा जाता है (आप इसे लैपटॉप भी कह सकते है लोग ये भी कहते है.) लैपटॉप कंप्यूटर को चलाने के लिए मॉनिटर का उपयोग नहीं किया जाता है.

आपको अगर लैपटॉप कंप्यूटर चलाना है तो आप बस अपने लैपटॉप को चार्ज करते रहिये आपका आपका लैपटॉप काम करता रहेगा।

लैपटॉप कंप्यूटर में पहले से ही कीबोर्ड और माउस होते है लेकिन यहाँ आपको एक्सटर्नल कीबोर्ड और माउस को कनेक्ट करने की सुविधा होती है. लैपटॉप कंप्यूटर की अच्छी बात है की इसे आप कही भी लेकर जा सकते है.

3.Tablet computers

कंप्यूटर के तीसरे प्रकार में टेबलेट कंप्यूटर का नाम आता है इसे टेबलेट के नाम से भी जाना जाता है. यह डेस्कटॉप कंप्यूटर और लैपटॉप कंप्यूटर की तुलना में बहुत ही अधिक पोर्टेबल होता है.

टेबलेट कंप्यूटर में कीबोर्ड और माउस का उपयोग नहीं होता है. टेबलेट कंप्यूटर में टाइपिंग करने लिए या कोई भी काम करने के लिए टच सेंसटिव स्क्रीन का यूज़ किया जाता है, इसे भी आप कही पर भी लेकर आ-जा सकते है.

4.Servers

कंप्यूटर के प्रकारो में चौथे नंबर पर सर्वर कंप्यूटर का नाम आता है. सर्वर कंप्यूटर नेटवर्क की मदत से काम करता है यह अलग अलग कंप्यूटर को नेटवर्क के द्वारा जानकारी या डाटा को शेयर करता है.

मैं आपको एक उदहारण देकर समझाता हु ,जब भी आप इंटरनेट का यूज़ करते है तो आप उस समय जो भी इंटरनेट पर देखते है उसे सर्वर एक जगह पर स्टोर कर लेता है.

इंटरनेट पर बिज़नेस करने वाले बहुत से लोग लोकल फाइल सर्वर का यूज़ डाटा को शेयर और स्टोर करते है.

कंप्यूटर के अन्य प्रकार

आज के समय को टेक्नोलॉजी का समय कहा जाता है और यह बिलकुल ही सही कहा जाता है. क्यूंकि एक समय था जब लोगो को इंटरनेट को यूज़ करना है तो उनके पास कंप्यूटर का होना जरुरी था ,लेकिन आज आप सभी को पता है की इंटरनेट को चलाने के स्मार्टफोन आ गए है और यह स्मार्टफोन इतने अपग्रेड है की यह कंप्यूटर के बहुत से काम आसानी से कर सकते हैं जो एक समय में केवल कंप्यूटर में ही मुमकिन था. उदाहरण के द्वारा समझते है:

स्मार्टफोन: आज के स्मार्टफोन इतने आधुनिक है की आप इनमे बहुत से वो काम कर सकते है जो आप कंप्यूटर में करते थे. जैसे इंटरनेट को चलाना ,फोटोज क्लिक करना ,गेम्स खेलना और इत्यादि।

वियरेबल्स: कुछ सालो पहले अगर आपको किसी व्यक्ति को ट्रैक करना होता था या उसकी इजेक्ट लोकेशन देखना होता था तब आप कंप्यूटर का उपयोग करते थे।

लेकिन आज के टेक्नोलॉजी ने ऐसे स्मार्ट वॉचेस बनाये है जिसे यह पता लग सकता आप कहा पर हैं. इस टेक्नोलॉजी को शार्ट में वियरेबल्स कहा कहा जाता है(वियरेबल्स का मतलब यह है की आप इसे पहन सकते है.

गेम कंसोल: गेम कंसोल एक यूनिक प्रकार का कंप्यूटर है इसके उपयोग से आप टीवी पर आसानी से गेम्स को खेल सकते है.

टीवी: इस नाम से तो आप सभी लोग बाकिफ ही होंगे ,क्यूंकि आज भारत के लगभग हर घर में यह जरूर होता है. लेकिन क्या आपको पता है की कुछ सालो पहले हमारे टीवी इतने आधुनिक नहीं थे.

लें आज के टेक्नोलॉजी ने यह सब कुछ बदफल दिया है. उदहारण: अगर आपके पास एलसीडी टीवी है तो आप इंटरनेट के माध्यम से वीडियो को टीवी पर स्ट्रीम कर सकते है.

अभी तक हम जान चुके है की कंप्यूटर क्या होता , हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्या होता है और कंप्यूटर के प्रकार कितने है.लेकिन अभी तक हमने यह नहीं जाना की कंप्यूटर का इतिहास क्या है और कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया है. तो चलिए यह अभी जान लेते है.

अभी तक हम जान चुके है की कंप्यूटर क्या होता , हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर क्या होता है और कंप्यूटर के प्रकार कितने है.लेकिन अभी तक हमने यह नहीं जाना की कंप्यूटर का इतिहास क्या है और कंप्यूटर का अविष्कार किसने किया है. तो चलिए यह अभी जान लेते है.

कंप्यूटर के प्रकार (आकर और कार्यक्षमता के आधार पर)

हमने जो आपको ऊपर कंप्यूटर के प्रकार के बारे बताया वे उनके उपयोग और कार्य के आधार पर थे। लेकिन अब हम उन कंप्यूटर के प्रकार को आपसे शेयर करने वाले है ये अपने आकर और कार्यछमता के लिए जाना जाता है. यह कंप्यूटर के प्रकार उतने की महत्वपूर्ण है जितने की ऊपर बताये गए कंप्यूटर के प्रकार है.

1.Analogue

यह कंप्यूटर का बहुत पुराना मॉडल है. यह कंप्यूटर लगातार analogue सिग्नल पर काम करते है न की डिस्क्रीट सिंग्नल। यह कंप्यूटर एक्यूरेट भी नहीं होते है लेकिन यह ज्यादा फ़ास्ट होते है.

2 . Digital

वो कंप्यूटर को इलेक्ट्रिकल प्लसेस के ऑफ़ और ऑन को काउंट करने के लिए बाइनरी सिस्टम का उपयोग करते है उन्हें डिजिटल कंप्यूटर कहते है. यह कंप्यूटर डिस्क्रीत वैल्यू के सिद्धांत का काम करता है और analogue कंप्यूटर से ज्यादा एक्यूरेट होती है.

3.Hybrid

जिन कंप्यूटर में Analogue कंप्यूटर और Digital कंप्यूटर दोनों के फीचर्स होते है उन्हें Hybrid कंप्यूटर कहा जाता है. कंप्यूटर का Analogue पार्ट कंप्यूटर के कॉम्प्लिकेटेड मैथमेटिकल गड़नाओ को सभालाता है और कंप्यूटर का Digital पार्ट न्यूमेरिकल और लॉजिकल सिस्टम को संभालता है.

4.Mainframes

कंप्यूटर के प्रकार में मेनफ्रेम कंप्यूटर एक ऐसा कंप्यूटर होता है जो एक ही साथ हजारों लोगो तक पहुंच सकता है। इसका उपयोग बैंकिंग में और टेलीकॉम के क्षेत्र में अक्सर किया जाता है, जिसमे इन्हे एक साथ लाखों अनुरोध को हैंडल करने की क्षमता होती है.

5.Supercomputers

सुपर कंप्यूटर बहुत ही विशाल कंप्यूटर होता है इसका उपयोग इंजीनियर और वैज्ञानिक जनगणना के क्षेत्र में अधिकतर किया जाता है. यह कंप्यूटर प्रति सेकेंड में एक लाख इंस्ट्रक्शन(निर्देश) कर सकता है.

6.Servers

सर्वर को इंफॉर्मेशन का भंडार कहा जाता है यह सर्वर किसी भी कंप्यूटर को इंफॉर्मेशन की सप्लाई करते हैं जो इनके के समान नेटवर्क पर होता है. हज़ारो ऐसे लोग होते हैं जो एक ही समय पर एक ही सर्वर पर आ जाते है इसीलिए सर्वर के पास ट्रैफिक को संभालने की क्षमता होती है.

7.Workstation

वर्क स्टेशन कंप्यूटर सभी के पास नहीं होता है, इसका उपयोग केवल इंजीनियर और वैज्ञानिक ही करते हैं. इसका ज्यादातर उपयोग वैज्ञानिक अनुप्रयोगों में ही किया जाता है इसमें एक बड़ी मेमेरी होती है और उसके साथ-साथ एक तेज माइक्रोप्रोसेसर भी होता है.

8.Microcomputer

माइक्रो कंप्यूटर को आप पर्सनल कंप्यूटर भी कर सकते हैं क्योंकि इसी कंप्यूटर का उपयोग आप अपने घर में करते हैं इस कंप्यूटर से केवल हल्के काम से जा सकते हैं इंटरनेट चलाना, गेम खेलना, संगीत सुनना और इत्यदि काम.

कंप्यूटर के प्रमुख भाग – Parts of computer in hindi

कंप्यूटर के प्रमुख भागों की बात करें तो इसमें cpu ,आउटपुट, इनपुट, मेमोरी, स्टोरेज डिवाइस, मदरबोर्ड यह सभी आते हैं.अगर आपको कंप्यूटर के हार्डवेयर पार्ट में इंट्रेस्ट है तो आपको इनके बारे में जानकारी होनी चाहिए। तो चलिए एक एक करके जानते है.

1.Central Processing Unit

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट को कंप्यूटर का दिल भी कहा जाता है यह एक छोटा सा चीफ होता है जिसमें इलेक्ट्रॉनिक सर्किट लगे होते हैं इसका काम प्रोग्राम को पढ़ना ,एक्सेक्यूटे करना और स्टोर करने का होता है.

2.Input Devices

वह उपकरण जिसके माध्यम से हम कंप्यूटर पर कुछ लिखते हैं या फिर कुछ एक्सेक्यूटे करते हैं उसे इनपुट डिवाइस कहा जाता है. अगर उदाहरण में हम देखें आपकी कीबोर्ड को ही देख लो हम कीबोर्ड के ही द्वारा कंप्यूटर या लैपटॉप पर कुछ टाइप कर पाते हैं.

3.Output Devices

वह उपकरण जिसके माध्यम से कंप्यूटर आपके द्वारा एक्सेक्यूट किये गए इनपुट का आउटपुट देता है है उसे आउटपुट डिवाइस कहते है. उद्धरण के लिए आपके कंप्यूटर या लैपटॉप के स्क्रीन पर जो कुछ भी दिखाई देता है उसे आउटपुट डिवाइस ही कहा जाता है.

4.Memory

वह प्लेस जहां पर आपके प्रोग्राम और एक्सेक्यूटबल इंस्ट्रक्शन स्टोर किए जाते हैं उसे मेमोरी कहा जाता है, यह मेमोरी सीपीयू के अंदर ही स्टोर होता है.

5.Storage Devices

स्टोरेज डिवाइस उसे कहते हैं जहां पर आपका डाटा स्टोर किया जाता है. उदाहरण के लिए आप हार्ड ड्राइव को ले सकते हैं. यह वह स्थान है जहां पर सभी सूचनाओं को संग्रहित किया जाता है इसलिए इसे स्टोरेज मीडिया भी कहा जाता है.

6.Motherboard

मदरबोर्ड से ही मेमोरी, सीपीयू, एंड अन्य पेरीफेरल डिवाइस कनेक्टेड होते हैं ,इसे मदरबोर्ड कहते है.

अभी अपने जो भी पढ़ा वे कंप्यूटर के महत्वपूर्ण भाग थे इनके द्वारा की कंप्यूटर अच्छे से काम कर पता है.अगर आप कंप्यूटर में एक्सपर्ट बनाना चाहते है तो आपको कंप्यूटर के इन भागो की जानकरी अच्छे से होनी चाहिए।

कंप्यूटर की विशेषता (Characteristic of computer in hindi)

1.Speed

कंप्यूटर की जो गति है वह मानव की गति से परे है, जहा कोई मानव किसी नंबर को कैलकुलेट करने में मिनटों लगता है वही कंप्यूटर कुछ सेकंड्स में ही उस नंबर को कैलकुलेट कर देता है, कंप्यूटर को यह गति(speed) इसके प्रोसेसर के द्वारा मिलती है.

कंप्यूटर की गति को हर्ट्ज़ में मापा जाता है , जबकि मिसके इंटेंसिटी को सेकंड ,प्रति सेकंड ,मिली सेकंड और नैनो सेकंड में मापा जाता है. अगर हम कैलकुलेशन से हट करे देखे तो बहुत से ऐसे काम है जो कंप्यूटर मानव की अपेछा बहुत ही तेज कर सकता है.

2.Automation

हम जब भी कोई काम कंप्यूटर को करने के लिए देते है तो वह कंप्यूटर बिना रुके उस काम को करता है ,जब तक वह काम पूरा न हो जाये। उदहारण लेकर देखे तो , जब हम प्रिंटर को कंप्यूटर की किसी भी फाइल या डाटा को 20 पेजेज प्रिंट करने के लिए कहते है तब वह प्रिंटर तब तक प्रिंट करता रहेगा जब तक की 20 पेजेज हो न जाये।

3.Accuracy

अगर मानव को कोई काम देदो तो वह उस काम को पूरा करने में कोई न कोई गलती जरूर कर देगा लेकिन कंप्यूटर के साथ यह होना मुमकिन नहीं है. कंप्यूटर मानव की तुलना में तेज काम भी करता है और बिना गलतियों के काम करता है.

अगर कंप्यूटर से कभी कोई गलती भी हो जाती है तो वह मानव की ही गलती होगी ,क्यूंकि मानव ने की कुछ गलत इनपुट किया होगा। अगर आप गलत इनपुट करेंगे तो कंप्यूटर आपको गलत ही प्रणाम दिखायेगा।

4.Permanent Storage

कंप्यूटर के सिस्टम में डाटा एंड इम्पोर्टेन्ट फाइल्स को स्टोर करने की कपीसिटी बहुत ही अधिक होती है. कंप्यूटर छोटे से जगह में भी अधिक से अधिक डाटा को स्टोर करके रख सकता है. कंप्यूटर अपने अंदर कैसे सालो तक डाटा , फाइल्स ,फोटोज ,वीडियोस ,म्यूजिक एंड गेम्स को स्टोर करके रख सकता है.

कंप्यूटर की सबसे अच्छी बात यह है की यह अपने रैम का यूज़ करके इम्पोर्टेन्ट इनफार्मेशन को कभी भी निकल सकता है. उदहारण के लिए , अगर अपने कोई फोटोज कंप्यूटर मेमोरी में सेव कर दिया तो वह फोटो तब तक नहीं हटेगा जब तक की उस फोटोज को कंप्यूटर की मेमोरी से कोई डिलीट न कर दे.

5.Secrecy and Agile

कंप्यूटर आपके डाटा और फाइल्स को हमेशा सुरछा प्रदान के लिए आपसे पासवर्ड लगवाता है जिसके की आपके डाटा को कोई और चोरी न करले। इससे आप कंप्यूटर पर कुछ भी बिना दर के कर सकते है, लेकिन कभी आपके लापरवाही के कारण आपका डाटा चोरी भी हो जाता है इसके लिए कंप्यूटर के वैज्ञानिक और ऐप्प डेवलपर कंप्यूटर के AI सिस्टम पर काम कर रहे है जिससे की इसे और भी मजबूत बनाया जाय.

6.Diligence

अगर मनुष्य को कोई काम दे दिया जाये तो मनुष्य उस काम को कुछ घंटे करने के बाद थक जायेगा लेकिन कंप्यूटर उस काम को तब तक करता रहेगा जब तक की वह काम पूरा न हो जाये।

कंप्यूटर न काम करने से थकता है ना ही यह कोई गलत रिजल्ट दिखता है, कंप्यूटर हमेशा थकान , एकाग्र की कमी से फ्री होता है.

7.Versatility

कंप्यूटर एक साथ बहुत से कामो को कर सकता है यह इसकी सबसे अच्छी विशेषता है. कौन नहीं चाहता है की वह एक साथ दो काम को पूरा करके समय को बचाये ,लेकिन यह मनुष्य के लिए संभव नहीं हो पाता है.

इस काम को कंप्यूटर बहुत ही आसानी से कर लेता है और इससे कोई गलती भी नहीं होती है. उदहारण के लिए आप कंप्यूटर पर एक साथ गेम्स खेल सकते है और गाना भी सुन सकते है. ऐसे ही और भी अनेक काम है जो आप एक साथ कर सकते है.

रैम और रोम में क्या अंतर है? (Difference between RAM and ROM in hindi)

RAM को रैंडम एक्सेस मेमोरी कहा जाता है यह कंप्यूटर की एक मेमोरी होती जिसका उपयोग ऑपरेटिंग डाटा एंड मशीन के कोड को स्टोरी करने और पढ़ने के लिए किया जाता है. ROM को रीड ओनली मेमोरी कहा जाता है यह भी कंप्यूटर की एक मेमोरी होती है लेकिन इसका उपयोग केवल ऑपरेटिंग डाटा और मशीन कोड को पढ़ने के लिए किया जाता है. चलिए अब हम इन दोनों के बिच में अंतर जानते है:

RAM:

  1. RAM रोम की तुलना में अधिक तेज होता है.
  2. RAM रोम की तुलना में ज्यादा महँगी आती है
  3. RAM पर जो स्टोर डाटा होता है उसका उपयोग और प्रोसीड cpu के द्वारा किया जाता है लेकिन रोम में cpu को डाटा तक पहुंचना होता है , डाटा को पहले राम तक पहुंचाया जाता है उसके बाद cpu में ट्रान्सफर्ड किया जाता है.

ROM:

  1. RAM की कपीसिटी ROM की तुलना में अधिक होती है.
  2. हम RAM को पढ़ सकते है ,बदल सकते है और मिटा भी सकते है लेकीन ROM में केवल पढ़ सकते है उसे बदल और मिटा नहीं सकते है.
  3. RAM में जो डाटा होता है वह ऐस्थिर होता है अगर इसे पावर का सप्लाई न मिले तो यह चेंज हो सकता है लेकिन ROM में ऐसा नहीं होता है अगर इसमें पावर को सप्लाई न मिले तो भी यह डाटा चेंज नहीं होता है.

कंप्यूटर का उपयोग करने के फायदे (Advantages of computer in Hindi)

कंप्यूटर को सिखने के बहुत सारे फायदे हैं,कंप्यूटर एक ऐसी मशीने बन चुकी है जो मेहनत वाले कामो को भी आसानी से और बिना थके कर सकती है.

1.कंप्यूटर 24 x 7 काम कर सकते हैं

अगर किसी साधारण व्यक्ति को कोई काम दिया जाये तो वह उस काम को दिन में 12 से 13 घंटे ही कर सकता है. अगर इससे ज्यादा वह काम करेगा तो उसकी तबियत ख़राब हो सकती है, लेकिन एक कंप्यूटर बिना रुके 24 घंटे काम कर सकता है.इससे भी अच्छे बात यह है की किसी व्यक्ति को काम करने में गलतिया हो सकती है लेकिन कंप्यूटर से कोई गलती नहीं हो सकती है.

2.कंप्यूटर एक व्यक्ति को इंटरनेट से जोड़ता है

आज के समय में इंटरनेट को कौन नहीं जानता इससने हमारे जिंदगी को आसान बना दिया है. इंटरनेट के माधयम से हम अपने दोस्तों से बात कर सकते है , ऑनलाइन शॉपिंग कर सकते है, मूवीज देख सकते है और भी बहुत से काम कर सकते है.लेकिन सोचो अगर इंटरनेट हो कर भी क्या कर लेता अगर कंप्यूटर ही नहीं होता।

3.बड़ी मात्रा में जानकारी संग्रहीत करता है

कंप्यूटर में हम अपने महत्वपूर्ण जानकारी को एक जगह स्टोर करके रख सकते है. मनो की आपके पास कोई फोटोज ,वीडियोस या म्यूजिक है जो आपको काफी ज्यादा पसंद है तो आप उसे आसानी से अपने कंप्यूटर में स्टोर करके रख सकते है.

4.समय बचाता है

आज के युग में टाइम का बहुत ही महत्व है इसलिए हमें समय की हमेशा बचत करनी चाहिए। समय को बचाने में कंप्यूटर हमारी काफी ज्यादा मदत करता है. अगर आपको कुछ कैलकुलेट करना है तो कंप्यूटर आपका समय बचाता है यह तुरंत ही कुछ ही मिनटों सब कुछ कैलकुलेट करके दे देता है. जिससे की आपका समय बचाता जिसमे आप कुछ और काम भी कर सकते है.

5.कंप्यूटर आपको पैसे कमाने में मदद कर सकता है

अगर आप अपना खुद का कोई बिजनेस शुरू करना चाहते है लेकिन आपके पास ज्यादा पैसे नहीं है तो ऑनलाइन बिज़नेस की ओऱ रुख कर सकते है. कंप्यूटर हमें यह मौका देता है की कम पैसे में अपने टैलेंट को दिखाकर ऑनलाइन बिज़नेस में सफलता हासिल कर सके है. ऑनलाइन बिज़नेस जैसे ब्लॉग्गिंग ,एफिलिएट मार्केटिंग, डिजिटल मार्केटिंग एंड और भी बहुत से तरीकें है ऑनलाइन पैसे कमाने के.

कंप्यूटर का उपयोग करने के नुकसान (Disadvantages of computer in Hindi)

अगर कंप्यूटर के कुछ फायदे है तो कंप्यूटर के कुछ नुकशान भी है, चलिए इन्हे भी जानते है.

1.कंप्यूटर समय लेने वाला है

Computer के नुकशान में पहला नुकशान यह है की यह आपके टाइम को लेता है. आजकल नए गाने ,गेम्स एंड मूवीज मार्केट में आ रहे है जिसके कारण लोग ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर से चिपके रहते है. ऐसे लोगो के लिए कंप्यूटर बहुत ही हानिकारण साबित हो सकता है, इसीलिए आपको केवल काम की चीज़ो के लिए ही कंप्यूटर को ओपन करना चाहिए।

2.बुद्धि की कमी

कंप्यूटर कितना भी विकसित क्यों न हो जाये लेकिन यह मानव के दिमाग से बुद्धिमान कभी नहीं हो सकता है. यह जरूर है की ,Artificial Inteligence को विकसित किया जा रहा है लेकिन इसको भी मानव के इंस्ट्रक्शन को ही फॉलो करना पड़ता है.

कंप्यूटर अपने द्वारा कोई भी काम नहीं कर सकता है इसके काम करने के लिए हमें इंस्ट्रक्शन देना जरुरी है. यही कारण है की यह हमारे काम को स्लोव कर देता है.मनो अपने कोई गलत इंस्ट्रक्शन दे दिया तो यह आपको गलत ही रिजल्ट दिखायेगा।

हम इन्शानो के जैसा Computer का दिमाग बिलकुल नहीं होता है, कंप्यूटर एक इलक्ट्रोनिक डिवाइस है जिसके अंदर मानव की तरह कोई भावना नहीं होती है कंप्यूटर का लॉजिकल माइंड सही और गलत को सेलेक्ट करने में सछम नहीं होते है.

सभी पॉइंट्स को मिलाकर देखा जाये तो कंप्यूटर मानव के निर्देशों पर निर्भर होते है ना की मानव कंप्यूटर पर निर्भर होता है.

3.आँखों के खराब होने की समस्या

जब लोग दिन भर computer का उपयोग करने लगते है ,वह किसी भी कारण हो सकता है जैसे, ऑनलाइन नौकरी , ऑफिस प्रोजेक्ट , कॉलेज प्रोजेक्ट या फिर आज के समय में ऑनलाइन लेक्चर। इन सभी चीज़ो के आपके शरीर पर दुष्परिणाम पड़ते है जैसे मोटापा , आँखों से पानी गिरना, शरीर में ऊर्जा की कमी होना और भी अनेक दुष्परिणाम हो सकते है.

जब आप दिनभर कम्पूटर के स्क्रीन को देखते रहते है तो आपकी आंखे काफी ज्यादा कमजोर हो जाती है और आपके रीढ़ के हडियो में दर्द भी होने लगता है.

मेरी आपको सलाह है की अगर आप कोई काम करते है जो कंप्यूटर पर निर्भर तो आप अपने का देखभाल जरूर करे. उदहारण के लिए जब भी आप कंप्यूटर का उपयोग कर रहे हो तो हर 1 घंटे के बाद १० से १५ मिनटों का ब्रेक जरूर ले, इससे आपके आँखों पर काम असर पड़ेगा।

4.आपको कंप्यूटर की लत लग सकती है.

जब हम ज्यादा से ज्यादा कंप्यूटर से जुड़े होते है तो हमें कंप्यूटर अपनी ओर आकर्षित करने लगता है ,जो की हमारे लिए हानिकारण है. computer की ज्यादा उपयोग करने से आपको नीद न आने की समस्या भी हो सकती है क्यूंकि इस समस्या से अभी काफी लोग जूझ रहे है.

बचपन से ही बच्चो को COMPUTER का लत बहुत से माता पिता लगा देते है जैसे ये अपने बच्चे को कार्टून ,कॉमेडी वीडियोस ,और भी बहुत से कामो के लिए कंप्यूटर को यूज़ करने की परमिशन दे देते है ,जो आगे चलकर उनके लिए लत का कारण बनती है.

इसीलिए व्यर्थ के कामो के लिए कंप्यूटर का उपयोग न करके केवल पढ़ाई के कामो के लिए ही कम्यूटर का उपयोग करे.

5.साइबर सुरक्षा समस्याएं

अगर आप एक कंप्यूटर यूजर है तो आप को तो पता है होगा की जब तक कंप्यूटर का उपयोग करेंगे आपके ऊपर डाटा चोरी की समस्या हमेशा मडराती रहेंगी।

आपके कंप्यूटर में जाहे पर्सनल डाटा होइ या सोशल डाटा ये लोग हर तरीके के डाटा को चोरी कर लेते है और इस डाटा का उपयोग ये लोग गलत कामो के लिए भी कर सकते है.

इन सभी हमलो से बचने के लिए अपने कंप्यूटर में एंटीवायरस सॉफ्टवेयर का होना बहुत जरुरी है.एंटीवायरस एक कंप्यूटर का प्रोग्राम है जो डाटा को चोरी होने से रोकता है.

कंप्यूटर की सीमा (Computer limitation in Hindi)

1.कंप्यूटर में अंदर कोई बुद्धि नहीं होती है : कंप्यूटर अपने मन से कुछ भी नहीं कर सकता है. यह सिर्फ वही काम कर सकता है जो मनुष्य कहता है लेकिन बस अंतर इतना है की मनुष्य की तुलना में यह बहुत तेजी और सटीकता से कार्य करता है.

2.कंप्यूटर के अंदर कोई फिलिंग नहीं होती है: कंप्यूटर केवल मशीन है इसके अंदर कोई फिलिंग नहीं होती है. मनुष्य के पास सोचने के लिए दिमाग होता है लेकिन कंप्यूटर में जो मेमोरी में स्टोर होता है कंप्यूटर उस पर ही काम करता है. मनुष्य ने कंप्यूटर में अलग अलग अविष्कार कर रहा है लेकिन अभी तक कंप्यूटर को दिल लगाने में असमर्थ रहा है.

3.डाटा मशीन रेडबल: कंप्यूटर डाटा मशीन के द्वारा ही पढ़ा जाता है(कंप्यूटर से प्राप्त डाटा को कंप्यूटर खुद ही पड़ता है.)

4.इसे काम करने के लिए पावर की आवश्यकता होती है.

5.सिस्टम ख़राब होने पर सब कुछ बंद हो जाता है.

FAQ? Computer ki Visheshta

1.कंप्यूटर के 10 फायदे क्या हैं?

कंप्यूटर के 10 फायदे हैं 1. हाई स्पीड वर्किंग, 2. ऑटोमेशन सिस्टम, 3. एक्यूरेसी कैलकुलेशन, 4. बड़ी स्टोरेज कैपेसिटी, 5. कम्युनिकेशन का सोर्स, 6. ऑनलाइन कमाई 7. ऑनलाइन लर्निंग 8. समय की बचत, 9. पेपरलेस कार्य 10. बहुमुखी प्रतिभा।

2.कंप्यूटर के 10 नुकसान क्या हैं?

कंप्यूटर के 10 नुकसान हैं 1. बुद्धिमत्ता की कमी 2. इंसानों पर निर्भर, 3. कोई भावना नहीं, 4. बेरोजगारी पैदा करता है 5. नशे की लत, 6. आंखों में चोट, 7. कोई हरकत नहीं, 8. साइबर सुरक्षा की समस्या, 9. बिजली पर निर्भर, 10. इसे अपडेट और अपग्रेड की जरूरत है।

3.कंप्यूटर की मुख्य सीमा क्या है?

कंप्यूटर की मुख्य लिमिटेशन यह है कि यह अभी तक सभी मानव के काम के लिए पूरी तरह से ऑटोमेटेड नहीं है।

4.कंप्यूटर का नकारात्मक प्रभाव क्या है?

कंप्यूटर का नेगेटिव इफ़ेक्ट कुछ लोगों पर होता है जो कंप्यूटर का उपयोग एंटरटेनमेंट के उद्देश्य से करते हैं जैसे कि गेम खेलना।

5.शिक्षा में कंप्यूटर के क्या फायदे हैं?

कई स्टूडेंटऑनलाइन कोर्सेज के माध्यम से कंप्यूटर पर नई चीजें सीखने के लिए कई वेबसाइटों पर जाकर खुद को एडुकेत करते हैं, जिसमें youtube.com जैसे वीडियो-शेयरिंग प्लेटफॉर्म शामिल हैं।

6.समाज में कंप्यूटर के क्या नुकसान हैं?

कंप्यूटर समाज के लोगों के लिए लत हो सकता है। यह कमी नाईट या आफ्टरनून में उनकी नींद को प्रभावित कर सकती है। ऐसी बात उनके हेल्थ और माइंड को इफ़ेक्ट कर सकती है।

7.पक्षियों के लिए कंप्यूटर का क्या नुकसान है?

कंप्यूटर से कनेक्टेड इंटरनेट के रेडिएशन और वायर केबल विभिन्न पक्षी के प्रजातियों को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

8.कंप्यूटर के सभी कार्यों को कौन नियंत्रित करता है?

सेंट्रल प्रोसेसिंग यूनिट (सीपीयू) को “कंप्यूटर का मस्तिष्क” कहा जाता है क्योंकि यह कंप्यूटर के सभी पार्ट्स के ऑपरेशन को कंट्रोल करता है। इसमें दो कंपोनेंट्स होते हैं: अरिथमैटिक लॉजिकल यूनिट ई (ALU), और कंट्रोल यूनिट्स ।

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